दन्ती पौधे के फायदे, नुकसान और प्रयोग

Danti plant medicinal uses

दन्ती एक औषधीय पौधा medicinal plant है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कई दवाएं के निर्माण में होता है। दन्ती को जंगली जमालघोटे की जड़ भी कहा जाता है।

Medicinal Uses of Sadabahar in Hindi सदाबहार

Sadabahar

सदाबहार एक औषधीय पौधा है। यह स्वाद में कड़वा, चरपरा, व् स्वभाव में उष्ण/गर्म होता है। इसके पत्तों, फूलों और जड़ में बहुत से औषधीय पदार्थ पाए जाते हैं।

गुंजा के औषधीय उपयोग फायदे और नुकसान

Gunja Seeds

आयुर्वेद में दोनों ही प्रकार की रत्ती या गुंजा को बालों के लिए हितकारी, बलदायक, और वात, पित्त, ज्वर, मुखशोष, भ्रम, श्वास, अधिक प्यास, त्वचा रोगों, गंजापन, और कोढ़ को नष्ट करने वाला माना गया है।

शरपुंखा का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

Shapunkha

शरपंखा एक औषधीय पौधा है। इसे आयुर्वेद में प्राचीन समय से औषधि की तरह प्रयोग किया जाता है। औषधीय प्रयोजन के लिए इसके पूरे पौधे का प्रयोग होता है। पौधे का पंचांग काढ़े के रूप में बहुत से रोगों में प्रभावी है।

हरड़ का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

haritaki

हरड़ के दो प्रकार हैं, छोटी और बड़ी। छोटी हरड़, बड़ी हरड़ से करीब आधी होती है। बड़ी हरड़ पीले रंग की होती है और इस पर धारियाँ होती है। दोनों ही हरड़ को औषधीय प्रयोग के लिए इस्तेमाल किया जाता है। हरीतकी जो पानी में डालने पर डूब जाए वह अच्छी मानी जाती है।

कड़ी पत्ता का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

Curry Leaves

स्वास्थ्य गुडों से भरपूर करी-पत्तों को चटनी बनाने और नमकीन चावल, पुलाव, सब्जी, सांभर, ढोकला आदि में छौंक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जानिये कड़ी पत्ता का उपयोग, करी पत्ता के नुकसान, कड़ी पत्ता फॉर हेयर, कड़ी पत्ता के नुकसान।

पारिजात का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

parijaat

विभिन्न शोध दिखाते हैं की पारिजात के पत्तों में गठिया-विरोधी anti-arthritic गुण पाए जाते हैं। इसकी पत्तियों के काढ़े decoction of leaves में लीवर की रक्षा hepatoprotective, वायरल-विरोधी anti-viral और कवक-विरोधी anti-fungal, दर्द निवारक analgesic, ज्वरनाशक antipyretic गुण पाए जाते है।

कनेर का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

कनेर का किसी भी प्रकार से सेवन हानिकारक है। कनेर के पत्तों, जड़, टहनी, दूध आदि में जो अल्कालॉयड पाए जाते हैं वह सीधे दिल को प्रभावित करते है। यह दिल की गति को बहुत ही धीमा का देते है।

अडूसा का उपयोग कैसे और किस बीमारी में होता है

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अडूसा को मुंह के रोग, कुष्ठ रोग, तपेदिक, रक्त विकार, प्यास, बुखार, उल्टी, श्वेतदाग, पीलिया, ट्यूमर, और सूजाक आदि रोगों में भी इस्तेमाल किया जाता है।