शमी को छोकर, खेजड़ी, जंड, चौंकर, सफ़ेद कीकर, खार, सांगरी, सेमरु, सोमी, सवंदल ताम्बु आदि नामों से भारत भर में जाना जाता है। लैटिन में इसका नाम प्रोसोपिस सिनेरेरिया और प्रोसोपिस स्पाईसीजेरा है। शमी का वृक्ष राजस्थान, गुजरात, सिंध, पंजाब
अंजीर का उत्पत्ति स्थान एशिया माइनर, फिलिस्तीन और फारस है। भारत के लिए यह विलायती फल है तथा अब इसे कश्मीर, बैंगलोर, नासिक, मैसूर आदि में उगाया जाता है। बलूचिस्तान और अफगानिस्तान (काबुल) में यह प्रचुरता से पायी जाती है।
एवोकाडो से आप जरुर परिचित होंगे। यह नाशपाती के आकार का यह एक एक्सोटिक फल है जो की आजकल भारत में भी मिलने लगा है। इसका लैटिन नाम पर्सिआ अमेरिकाना Persea americana है। यह मध्य और दक्षिण अमेरिका का मूल
आम्र, रसाल, सहकार, अतिसौरभ, कामांग, मघुदूत, माकन्द, पिकवल्लभ, कामशर, किरेष्ट, पिकबंधू, प्रियाम्बु, वसंतदूत आदि आम के संस्कृत नाम है। यह वृक्ष भारत का ही है इसलिए इसका लैटिन नाम मैंगीफेरा इंडिका है। पूरी दुनिया में मीठे रसीले पके आम भारत
माजूफल, मायाफल, मज्जफल, माईफल, माजुफल, गाल्स व ओक गाल्स एक पेड़ से प्राप्त होने वाला पदार्थ `है जिसे औषधि की तरह मुख्य रूप से यूनानी दवाओं में प्रयोग किया जाता है। आजकल इसे आयुर्वेदिक दन्त मंजनों में डाला जाता है।
पपीते का फल, कच्चा या हरा और पका दोनों ही तरीके से खाया जाता है। कच्चे पपीते को सब्जी के रूप में पका कर खाया जाता है। यह सब्जी पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होती है। पका पपीता स्वादिष्ट होता है और
चुकंदर को इंग्लिश में शुगर बीट, बीट, बीटरूट, गार्डन बीट और बीटा वलगेरिस के नाम से जानते हैं। गन्ने के अतिरिक्त चुकंदर ही एक ऐसा पादप है जिससे चीनी प्राप्त की जा सकती है। यह मुख्य रूप से उत्तरी गोलार्ध
हींग Asafoetida,को तो सभी जानते हैं। इसे बहुत से भोज्य पदार्थों जो की गैस बनाते हैं, जैसे की दाल, पकौड़े, गोभी, बीन्स, आदि बनाते समय एक सामग्री के रूप प्रयोग करते हैं। इसे घरेलू उपचार के रूप में भी पाचन
लौंग को एक मसाले की तरह पूरी दुनिया में प्रयोग किया जाता है। इसे खाने में मुख्य रूप से फ्लेवर देने के लिए डालते हैं। लवंग एक पेड़ से प्राप्त सुखाई हुई कलियाँ हैं। लौंग के अनेकों औषधीय प्रयोग हैं।
बारलेरिया प्रीओनिटिस, एक कंटीली औषधीय वनस्पति है जिसे बाड़ की तरह बगीचों में उगाया जाता है। इसे गमलों में भी उगा सकते हैं। इसके पुष्प बड़े पीले होते हैं और देखने में आकर्षक होते हैं। पिया बांसा के पौधे को