बोल – मुरमकी Commiphora myrrha in Hindi

myrrh gum

बोल को आयुर्वेद, सिद्ध और यूनानी में एक दवा की तरह से से प्रयोग करते हैं। इसमें एंटीसेप्टिक, दर्द शामक, एंटीफंगल, एंटीट्यूमर, कृमिनाशक, और घाव को ठीक करने के गुण होते हैं। बाहरी रूप से इसे मुख में सूजन, मसूड़ों की सूजन, दांतों के आस-पास सूजन, घाव, बेडसोर्स, आदि में प्रयोग करते हैं।

पाटला – पाढर Patala Stereospermum suaveolens in Hindi

patala

यह एक औषधीय वनस्पति है तथा दशमूल की बृहत्पंचमूल में से एक है। पाढ़ल की छाल, अरणी, श्योनाक, बेल और गंभारी को ‘बृहत्पंचमूल’ कहते हैं एवं दवा की तरह इनकी जड़ अथवा छाल का प्रयोग करते हैं।

गंभारी Gambhari Gmelina arborea in Hindi

gambhari medicinal uses

यह दशमूल की बृहत्पंचमूल में से एक है। अरणी, श्योनाक, पाढ़ की छाल, बेल और गंभारी को ‘बृहत्पंचमूल’ कहते हैं एवं दवा की तरह इनकी जड़ अथवा छाल का प्रयोग करते हैं । दशमूल का एक घटक होने से, गंभारी आयुर्वेद की अनेकों दवाओं में डाला जाता है। इसका मुख्य गुण शरीर में वात-पित्त और कफ का संतुलन करना है।

सिंघाड़ा Singhara in Hindi

singhara medicinal uses

सिंघाड़े के फल पौष्टिक भोजन होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। इसका आयुर्वेद के पुराने ग्रंथों में भी वर्णन मिलता है। इसे पुष्टिकारक, बलवर्धक, वाजीकारक फल माना गया है जिसका सेवन शरीर को ताकत देता है और धातुओं की वृद्धि करता है। इसका सेवन शरीर में कमजोरी को दूर करता है। स्त्रियों के लिए तो बहुत ही उत्तम कहा गया है। इसके सेवन से स्त्रियों में आयरन, विटामिन्स, मिनरल्स की कमी दूर होती है, साथ ही गर्भाशय मजबूत होता है।

पुनर्नवा गदहपूरना Punarnava in Hindi

Punarnava ke upyog

पुनर्नवा बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है। यह बढे हुए पित्त और कफ को संतुलित करता है तथा हृदय, यकृत, वृक्क, फेफड़ों और नेत्रों के लिए टॉनिक है। यह वृक्क और मूत्र मार्ग को साफ़ करता है। यकृत से भी यह विषैले पदार्थों को दूर करता है। अपने पसीना लाने, मूत्र बढ़ाने और विरेचक गुण के कारण यह शरीर की गंदगी को दूर कर रोगों को जड़ से दूर करने का काम करता है।

सूरजमुखी Sunflower Helianthus annuus in Hindi

sunflower medicinal uses

सूरजमुखी पुष्प कामोद्दीपक, पौष्टिक और सूजन को दूर करने के प्रयोग में लाये जाते हैं। पत्तों का लेप लीवर और फेफड़ों की सूजन में किया जाता है। गलगंड में इसके पत्ते और लहसुन को पीस कर बाह्य रूप से लगाते हैं। बवासीर में बीजों के चूर्ण को तीन से छः ग्राम की मात्रा में शक्कर मिलाकर लिया जाता है। पत्तों के रस और बीजों का लेप माथे पर माइग्रेन को दूर करने के लिए किया जाता है।

ऊँटकटारा Brahmadandi – Oont Katara (Echinops echinatus)

Oont Katara

आयुर्वेद में ऊँटकटारा को बल देने वाले, मधुमेह नाशक, वीर्य स्तंभक, पुष्टिकारक, दर्द-निवारक, प्रमेहनाशक माना गया है। इसे कामशक्तिवर्धक औषधि के रूप में प्रयोग किया जाता है।

अकरकरा Pellitory Root – Akarkara Information, Benefits, Uses, Side-effects in Hindi

akarkara medicinal uses

अकरकरा एक औषधीय वनस्पति है। यह मुख्य रूप से मुख रोगों, दांत में दर्द, गले की दिक्कतों, मुंह के लकवे, मिर्गी, कमजोर नाड़ी, लार न बहने, पित्त की कमजोरी, कफ की अधिकता आदि में प्रयोग किया जाता है।

अगस्त – अगस्तिया Agastya (Sesbania Grandiflora) Tree in Hindi

agastya

अगस्त, अगस्त्य, अगति, मुनिद्रुम, मुनिवृक्ष, मुनिपुष्प, वंगसेन, आदि अगस्तिये के संस्कृत नाम हैं। इसे हिंदी में हथिया, अगथिया या अगस्त कहते है। इसे बंगाली में बक, गुजराती में अगथियो, तेलुगु में अनीसे, अविसी, तमिल में अगस्ति और सिंहली में कुतुरमुरंग,

गुड़हल Hibiscus rosa-sinensis Information, Medicinal Uses and Side-effects in Hindi

gudhal medicinal uses

गुड़हल का आयुर्वेद में विभिन्न रोगों में प्रयोग किया जाता है। इसके पत्तों, कलियों और पुष्पों का प्रयोग स्त्री रोगों, त्वचा रोगों और बालों सम्बन्धी समस्याओं में फायदेमंद है।