Category Archives: जड़ी बूटी
पाटला – पाढर Patala Stereospermum suaveolens in Hindi
गंभारी Gambhari Gmelina arborea in Hindi
सिंघाड़ा Singhara in Hindi
सिंघाड़े के फल पौष्टिक भोजन होने के साथ-साथ एक औषधि भी है। इसका आयुर्वेद के पुराने ग्रंथों में भी वर्णन मिलता है। इसे पुष्टिकारक, बलवर्धक, वाजीकारक फल माना गया है जिसका सेवन शरीर को ताकत देता है और धातुओं की वृद्धि करता है। इसका सेवन शरीर में कमजोरी को दूर करता है। स्त्रियों के लिए तो बहुत ही उत्तम कहा गया है। इसके सेवन से स्त्रियों में आयरन, विटामिन्स, मिनरल्स की कमी दूर होती है, साथ ही गर्भाशय मजबूत होता है।
पुनर्नवा गदहपूरना Punarnava in Hindi
पुनर्नवा बहुत ही महत्वपूर्ण औषधि है। यह बढे हुए पित्त और कफ को संतुलित करता है तथा हृदय, यकृत, वृक्क, फेफड़ों और नेत्रों के लिए टॉनिक है। यह वृक्क और मूत्र मार्ग को साफ़ करता है। यकृत से भी यह विषैले पदार्थों को दूर करता है। अपने पसीना लाने, मूत्र बढ़ाने और विरेचक गुण के कारण यह शरीर की गंदगी को दूर कर रोगों को जड़ से दूर करने का काम करता है।
सूरजमुखी Sunflower Helianthus annuus in Hindi
सूरजमुखी पुष्प कामोद्दीपक, पौष्टिक और सूजन को दूर करने के प्रयोग में लाये जाते हैं। पत्तों का लेप लीवर और फेफड़ों की सूजन में किया जाता है। गलगंड में इसके पत्ते और लहसुन को पीस कर बाह्य रूप से लगाते हैं। बवासीर में बीजों के चूर्ण को तीन से छः ग्राम की मात्रा में शक्कर मिलाकर लिया जाता है। पत्तों के रस और बीजों का लेप माथे पर माइग्रेन को दूर करने के लिए किया जाता है।