पालरिविन फोर्ट टेबलेट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस
Pallrywyn Forte Tablet is a herbomineral Ayurvedic medicine used to improve sexual functioning and sexual desires in both men and women. It helps in erection problems in males.
Details of various Ayurvedic medicines. Ingredients, benefits and dosage information.
Pallrywyn Forte Tablet is a herbomineral Ayurvedic medicine used to improve sexual functioning and sexual desires in both men and women. It helps in erection problems in males.
Malla Taila or Oil is a Classical Ayurvedic medicated oil. It contains White oxide of Arsenic, Nutmeg, Mace, Clove, Khurasani Ajwain, Carom seeds, Celery seeds, Cannabis seeds, Saffron, Celastrus and Sesame seeds. It is very hot in potency and used to strengthen the nerves. It is also indicated in pain due to Vata Dosha.
Sri Gopal Taila is a classical herbal Ayurvedic medicinal oil. It is used externally in weakness of nerves, Nervous Diseases, Loss of Libido, Sexual Weakness and Impotency. It is a nervine tonic. Massaging with this oil cures weakness of body and mind.
पतंजलि अमृत रसायन, बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें शंखपुष्पी, ब्राह्मी, आंवला, केसर, घी, बादाम आदि हैं जो, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद करते हैं। यह एक रसायन है जो की दिमाग को ताकत देता है।
Shankhpushpi Syrup induces sound sleep when taken before going to bed. The recommended dosage of this medicine is 2-3 teaspoonful with milk or water. It is highly recommended for students and intellectuals.
अजमोदादि चूर्ण का सेवन पाचन की कमजोरी को दूर करता है और शरीर से आमदोष को भी हटाता है। आयुर्वेद में आम दोष को सभी प्रकार के रोगों का कारण माना गया है। जब शरीर में पाचन सही से नहीं होता है तो बिना पचे पदार्थ शरीर में पड़े रहने पर सड़ने लगते हैं जिसे आम कहा जाता है।
Nityananda Ras is an herbal Ayurvedic medicine used in tretament of Feelpaanv or filariasis. It balances vitated Vata and Kapha. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
कैशोर गुग्गुलु (Kaishor Guggulu) शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है और पाचन को भी बेहतर करती है। यह खून को साफ़ करती है और कब्ज़ को दूर करती है। यह शरीर में चयापचय जिसे मेटाबोलिज्म कहा जाता है उसे भी ठीक करती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, सूजन दूर करने के तथा एंटी-एजिंग गुण हैं।
अगस्त्य हरीतकी, एक आयुर्वेदिक हर्बल दवा है जिसे भैषज्य रत्नावली से लिया गया है। इसके सेवन से जननांगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह कफघ्न औषधि है और खांसी, पीनस, अस्थमा, बुखार आदि को नष्ट करती है। अगस्त्य हरीतकी में मुख्य घटक हरीतकी, दशमूल, चित्रक, पिप्पला मूल, गज पिप्पली केवांच आदि है।
अरिष्ट पाचनशक्ति और भूख को बढ़ाते हैं। इनके सेवन से दस्त साफ़ होता है और आँतों में रुकी गंदगी दूर होती है। यह शरीर से वात / वायु को भी कम करते हैं। अरिष्ट पेशाब की उचित मात्रा लाते है और शरीर पेशाब रुक जाने की समस्या को भी दूर करते हैं। फलारिष्ट, पेट रोगों की अच्छी दवाई है।