मल्ल तैल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

Malla Taila or Oil is a Classical Ayurvedic medicated oil. It contains White oxide of Arsenic, Nutmeg, Mace, Clove, Khurasani Ajwain, Carom seeds, Celery seeds, Cannabis seeds, Saffron, Celastrus and Sesame seeds. It is very hot in potency and used to strengthen the nerves. It is also indicated in pain due to Vata Dosha.

श्रीगोपाल तैल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

Sri Gopal Taila is a classical herbal Ayurvedic medicinal oil. It is used externally in weakness of nerves, Nervous Diseases, Loss of Libido, Sexual Weakness and Impotency. It is a nervine tonic. Massaging with this oil cures weakness of body and mind.

पतंजलि अमृत रसायन के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पतंजलि अमृत रसायन, बाबा रामदेव की दिव्य फार्मेसी द्वारा निर्मित एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसमें शंखपुष्पी, ब्राह्मी, आंवला, केसर, घी, बादाम आदि हैं जो, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को ठीक करने में मदद करते हैं। यह एक रसायन है जो की दिमाग को ताकत देता है।

अजमोदादि चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अजमोदादि चूर्ण का सेवन पाचन की कमजोरी को दूर करता है और शरीर से आमदोष को भी हटाता है। आयुर्वेद में आम दोष को सभी प्रकार के रोगों का कारण माना गया है। जब शरीर में पाचन सही से नहीं होता है तो बिना पचे पदार्थ शरीर में पड़े रहने पर सड़ने लगते हैं जिसे आम कहा जाता है।

नित्यानन्द रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

Nityananda Ras is an herbal Ayurvedic medicine used in tretament of Feelpaanv or filariasis. It balances vitated Vata and Kapha. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

कैशोर गुग्गुलु के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

कैशोर गुग्गुलु (Kaishor Guggulu) शरीर में यूरिक एसिड को कम करती है और पाचन को भी बेहतर करती है। यह खून को साफ़ करती है और कब्ज़ को दूर करती है। यह शरीर में चयापचय जिसे मेटाबोलिज्म कहा जाता है उसे भी ठीक करती है। इसमें एंटी-ऑक्सीडेंट, सूजन दूर करने के तथा एंटी-एजिंग गुण हैं।

अगस्त्य हरीतकी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अगस्त्य हरीतकी, एक आयुर्वेदिक हर्बल दवा है जिसे भैषज्य रत्नावली से लिया गया है। इसके सेवन से जननांगों पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह कफघ्न औषधि है और खांसी, पीनस, अस्थमा, बुखार आदि को नष्ट करती है। अगस्त्य हरीतकी में मुख्य घटक हरीतकी, दशमूल, चित्रक, पिप्पला मूल, गज पिप्पली केवांच आदि है।

फलारिष्ट के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अरिष्ट पाचनशक्ति और भूख को बढ़ाते हैं। इनके सेवन से दस्त साफ़ होता है और आँतों में रुकी गंदगी दूर होती है। यह शरीर से वात / वायु को भी कम करते हैं। अरिष्ट पेशाब की उचित मात्रा लाते है और शरीर पेशाब रुक जाने की समस्या को भी दूर करते हैं। फलारिष्ट, पेट रोगों की अच्छी दवाई है।