कुष्माण्ड रसायन के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस
कुष्माण्ड रसायन दवा एक रसायन या टॉनिक है जिसके सेवन से रोग दूर होते हैं और आयु की वृद्धि होती है। कूष्माण्ड रसायन के सेवन से शरीर में बल, वीर्य, तेज की वृद्धि होती है।
Details of various Ayurvedic medicines. Ingredients, benefits and dosage information.
कुष्माण्ड रसायन दवा एक रसायन या टॉनिक है जिसके सेवन से रोग दूर होते हैं और आयु की वृद्धि होती है। कूष्माण्ड रसायन के सेवन से शरीर में बल, वीर्य, तेज की वृद्धि होती है।
गंधक वटी दवा का को गैस, अपच, पेट में दर्द, आंव, हैजा तथा अन्य उदर रोगों में उपचार के लिए प्रयोग किया जाता है।
महागंधक वटी, को डाईरिया, डीसेंटट्री और ग्रहणी के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
गंधक में एंटी-बेक्टेरियल, एंटी-फंगस, तथा अन्य पैरासिटिक जीवों को मारने के गुण मौजूद है। यह त्वचा रोगों में विशेष रूप से उपयोगी है। आजकल लोशन, क्रीम, साबुन आदि बनाने के लिए भी इसका प्रयोग एक घटक की तरह होता है।
पंचनिम्ब चूर्ण खून को साफ़ करती है। खून में मौजूद विषाक्त पदार्थों के कारण त्वचा रोग होते है। इस दवा के सेवन से शरीर में वात-पित्त-कफ संतुलित होते है। पेट साफ़ होता है और रोग नष्ट होता है।
इसके सेवन से खून की कमी, सभी प्रकार के राजयक्ष्मा tuberculosis, रक्त क्षय blood loss, पुराना बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, प्रमेह आदि दूर होते हैं।
इसके अतिरिक्त इसे फेफड़ों की कमजोरी, कफ, खून की कमी, लीवर के रोगों (पीलिया, हलीमक, सूजन), आदि में भी दिया जाता है। यह समस्त हृदय रोगों और फेफड़ों के रोगों में लाभप्रद है।
मेदोहर विडंगादि लौह दवा आयुर्वेद का एक लौह कल्प है। इसके सेवन से शरीर में रक्त धातु की वृद्धि होती है।