रोहितक लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

रोहितक लौह के सेवन से शरीर में रक्त धातु की वृद्धि होती है। यह लीवर और प्लीहा के रोग को दूर कर शरीर को स्वस्थ्य बनती है।

यकृदरि लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यकृदरि लौह, लीवर और प्लीहा के रोगों को दूर करता है और पाचन शक्ति को सही करता है। लीवर-प्लीहा में रोग होने पर, या किसी कारणवश उनके बढ़ जाने से खाने का पाचन सही से नहीं हो पाता।

विषम ज्वरान्तक लौह (पुटपक्व) के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

विषम ज्वरान्तक लौह, आयुर्वेदिक दवा है जिसे किसी भी कारण से होने वाले बुखार के उपचार में प्रयोग किया जाता है।

लौह भस्म के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

आयुर्वेद में लौह कल्प बनाये जाते हैं। लौह कल्प वह दवाएं हैं जिनमे लौह भस्म मुख्य घटक है। लौह के अतिरिक्त इन दवाओं में हर्बल घटक जैसे की आंवला, शहद आदि भी होते हैं। लौह कल्प के नाम में ‘लौह’ शब्द का प्रयोग होता है। लौह कल्प को क्रोनिक बिमारियों के इलाज़ के लिए प्रयोग किया जाता है।

पिप्पल्यादि लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

दवा को भैषज्य रत्नावली के हिक्काश्वासरोगाधिकार से लिया गया है। इसका प्रयोग खांसी, कफ, अस्थमा, हिचकी/हिक्का रोग, वमन, आदि को दूर करने के लिए होता है। यह छाती में जमा कफ को यह निकालने में मदद करती है। सूखी खांसी में भी इसका प्रयोग अच्छे परिणाम देता है।

नीम घन वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

नीम घन वटी दवा का केवल एक ही घटक है जो की नीम है। नीम घन वटी मुख्य रूप से चमड़ी के रोगों के लिए प्रयोग की जाती है। यह शरीर का वजन भी कम कराती है।

नवायस लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

नवायस लौह, एक आयुर्वेदिक दवा है। नवायस चूर्ण या लौह को पांडु(anemia) के उपचार में प्रयोग किया जाता है। नवायस लौह के जो घटक हैं वो शरीर में रक्तधातु को बढाने के साथ ही लीवर पर अच्छा प्रभाव डालते है।

धात्री लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

धात्री लौह को पेट में दर्द, अपच, एसिडिटी, पित्त विकार, शरीर में जलन, खट्टी डकारें, अधिक पित्त के कारण होने वाले विकारों आदि में प्रयोग किया जाता है।

रास्नैरंडादि क्वाथम के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

रास्नैरंडादि क्वाथ को वात-रक्त (रयूमेटोइड आर्थराइटिस), आर्थराइटिस, गठिया, जोड़ों की सूजन, दर्द, पक्षाघात, आदि वात विकारों में प्रयोग किया जाता है।

रस्नादी क्वाथ के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

रस्नादी क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है। इसे वातविकार में प्रयोग किया जाता है। इसमें रसना, दशमूल, भूमिआमला, अडूसा, आमला, हल्दी, सोंठ आदि जड़ी-बूटियाँ हैं जो की शरीर से सूजन दूर करती है।