रास्नासप्तक क्वाथ के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

रास्नासप्तक क्वाथ को गठिया, जोड़ों के दर्द, पीठ में दर्द, साइटिका, पसली के दर्द आदि में सूजन और दर्द से आराम पाने के लिए किया जाता है। इस काढ़े में अमलतास की फली का गूदा और एरंड भी है जो की कब्ज़ को दूर कर पाचन को सही करने में मदद करते हैं।

महारास्नादि क्वाथ के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

महारास्नादि क्वाथ काढ़ा एक हर्बल आयुर्वेदिक औषधि है। इसे विभिन्न प्रकार के वात रोगों, सर्वांगवात, अर्धांग वात, संधिवात, साइटिका, आमवात, योनी दोष, शुक्र दोष, इनफर्टिलिटी, गठिया, पक्षाघात, फाइलेरिया, जबड़े की जकड़न, गर्दन की अकड़न, हर्निया, घुटने के दर्द, आदि में प्रयोग किया जाता है।

वातगंजाकुश रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

वातगंजाकुश रस के सेवन से कफ प्रधान वात रोग नष्ट होते हैं। इसके बारे में आयुर्वेद में कहा गया है, इसके सेवन से दारुण गृध्रसी भी एक सप्ताह में ठीक हो जाती है। यह शरीर से अतिरिक्त चर्बी को भी हटाती है। इसका सेवन शरीर से आम-दोष को कम करता है।

शिरः शूलादिवज्र रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

शिरः शूलादिवज्र रस, को सभी प्रकार के सिर दर्द में लाभप्रद माना गया है। दिमाग की कमजोरी के कारण होने वाले सिर दर्द में इसके सेवन से लाभ होता है। इसके लिए, इस दवा को बादाम और मिश्री और दूध के साथ लिया जाता है। यह दिमाग को ताकत देता है।

लीलाविलास रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

लीलाविलास रस का सेवन शरीर में बढ़े हुए पित्त को कम करता है और साथ ही पाचन को बेहतर बनाकर अपच, पेट के भारीपन, गैस आदि से राहत देता है।

अविपत्तिकर चूर्ण प्राइस, फायदे और लेने का समय (बैधनाथ, दिव्य, पतंजलि)

Avipattikar Churan

अविपत्तिकर चूर्ण में त्रिकटू, त्रिफला, मोथा, विड नमक, विडंग, छोटी इलाइची, तेजपत्ता, लौंग, त्रिवृत, और चीनी डाली जाती है। इसका सेवन पाचन को सही करता है, एसिड की मात्रा को शरीर में कम करता है, कब्ज़ दूर करता है तथा पेट की अल्सर बनने से रक्षा करता है।

वीर्य शोधन वटी के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसके सेवन से वीर्य विकार दूर होते हैं। यह पुष्टिकारक है। वीर्य सभी धातुओं का सार है। अच्छी संतान के लिए वीर्य का शुद्ध होना अति अनिवार्य है।

अम्लपित्तान्तक लौह के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अम्लपित्तान्तक लौह, एक आयुर्वेदिक रस औषधि है जिसे अम्लपित्त की चिकित्सा में प्रयोग किया जाता है। भैषज्य रत्नावली में इस दवा का विवरण दिया गाया है।

मन्मथ रस के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

पुरुषों द्वारा मन्मथ रस का सेवन नाड़ियों की कमजोरी को दूर करता और स्तम्भन तथा कामेच्छा को बनाए रखता है। स्त्रियों द्वारा इसका सेवन श्वेत प्रदर को दूर करता है। इसके सेवन से गर्भाशय मज़बूत हो जाता है तथा ओवरी की कमजोरी, शिथिलता भी दूर हो जाती है। यह स्त्रियों की गर्भधारण की शक्ति को बढ़ाता है।

मदनानन्द मोदक के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

मदनानन्द मोदक एक उत्तम रसायन है। यह मन्दाग्नि को दूर करता है और पाचन को बेहतर बनता है। यह पुरुषों के लिए उत्तम टॉनिक है।