बैद्यनाथ च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

बैद्यनाथ च्यवनप्राश, आयुर्वेदिक च्यवनप्राश है जो की 52 महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों से बना है। इसमें चांदी वर्क, मकरध्वज, शुक्ति भस्म, केसर आदि भी हैं जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाते है। इसका सेवन शरीर को शक्ति देता है और एजिंग के प्रभाव को रोकता है।

कल्याणक घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

कल्याणक घृत का सेवन शरीर, दिमाग और प्रजनन अंगों को स्वस्थ्य और मजबूत बनाता है। यह पाचन की कमजोरी, और श्वसन अंगों के विकारों में भी लाभप्रद है। गर्भावस्था में इसके सेवन से होनी वाली संतान स्वस्थ्य और बुद्धिमान होती है।

अमृतप्राश घृतम के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसके प्रयोग से नपुंसकता, क्षय, दुर्बलता, रोग के कारण कमजोरी, अधिक मैथुन के कारनण कमजोरी, कांतिहीनता, स्वरभेद, कास, हिचकी, बुखार, बहुत अधिक प्यास, उल्टी, बेहोशी, दिल के रोग, योनी के रोग, मूत्र रोग और संतानहीनता आदि में लाभ होता है।

ब्राह्मी घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसके सेवन से मेद्य, स्मृति-शक्ति, दिमागी विकार, मानसिक विकार (उन्माद, अपस्मार) Psychological disorders, बुद्धि की कमजोरी आदि दिमाग सम्बंधित विकारों में लाभ होता है। यह बोलने की दिक्कतों जैसे की साफ़ न बोल पाना, हकलाना, बार-बार गला बैठना, आदि शिकायतों में भी अच्छे प्रभाव दिखाता है।

अश्वगंधा घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अश्वगंधा घृत, का सेवन सभी प्रकार के वात रोगों में, जोड़ों के दर्द में, कमर के दर्द आदि में राहत देता है। यह नींद न आने की समस्या को भी दूर करता है। यह दिमाग को ताकत देता है। इसके सेवन से धातुएं पुष्ट होती हैं।

अर्जुन घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसे अर्जुन पेड़ की छाल और गाय के घी से बनाया गया है। इसका प्रयोग हर प्रकार के हृदय रोग में किया जाता है। यह अधिक पित्त और वायु से राहत देता है। यह दिल को ताकत देता है और उसके कार्य को व्यवस्थित करता है।

अशोक घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अशोक घृत महिलायों के स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य है। यह गर्भाशय को शक्ति देता है और शरीर में बढ़े हुए वात-पित्त को संतुलित करता है। इसका सेवन वज़न को बढ़ाता है और आन्तरिक अंगों का स्नेहन करता है। इसका उपयोग चेहरे पर कान्ति लाता है और त्वचा के सूखेपन को दूर करता है।

महाविषगर्भा तेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह एक दर्द-निवारक तेल है और दर्द में राहत देता है। यह सभी प्रकार के जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में उपयोगी है। जैसा की नाम से ही पता चलता है यह तेल अत्यंत विषैला है।

मरिच्यादि तैल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

मरिच्यादि तेल का प्रयोग भिन्न प्रकार के त्वचा रोगों में किया जाता है जैसे की कुष्ठ, सूजन, घाव, न ठीक होने वाले घाव, फोड़ा, फुंसी, खुजली, रिंगवर्म/दाद या दाद्रु, शीतपित्त आदि। इसमें कृमिनाशक गुण हैं।

हिमालया वी-जेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह एक क्रीम या जेल है जिसे योनिशोथ vaginitis और गर्भाशयग्रीवाशोथ cervicitis होने पर बाह्य रूप से लगाया जाता है।