हिमालया हिमप्लेजिया के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि

हिमप्लेजिया, हिमालया ड्रग कंपनी द्वारा निर्मित दवाई है। यह आयुर्वेदिक सिद्धांतों पर निर्मित दवा है जिसे गोक्षुर, पूतिकरंज, पुगा, शतावरी, वरुण, और अकीक पिष्टी से बनाया गया है।

हिमालया कॉन्फीडो के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि

इसका सेवन शरीर में पुरुष सेक्स हॉर्मोन, टेस्टोस्टेरोन को बढ़ाता है। टेस्टोस्टेरोन यौन स्वास्थ्य के लिए अति महत्वपूर्ण है और कामेच्छा, हड्डियों की मजबूती, फैट का शरीर में वितरण, मांसपेशियों की ताकत और शुक्राणुओं के उत्पादन को नियंत्रित करता है।

सिस्टोन के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि

यह दवा मूत्रमार्ग की पथरी के उपचार और उसे वापस न बनने देने के लिए प्रयोग की जाती है। Cystone गोली और सिरप के रूप में उपलब्ध है।

अपामार्ग क्षार तेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि

इसे बाहरी और आतंरिक दोनों रूपों में औषधीय प्रयोजनों के लिए उपयोग किया जाता है। अपामार्ग क्षार तेल कर्ण-रोगों के उपचार में इस्तेमाल किया जाता है । इसे बहरापन और कान में ध्वनि और कर्ण पूरन में उपयोगी है।

अपामार्ग क्षार के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि

यह तीक्ष्ण, उष्ण होने के कारण शरीर से कफ को दूर करती है और लंग्स को साफ़ करती है। इसको गोमूत्र के साथ मिला कर लेप करने से श्वेत को नष्ट करती है।

अणु तैल के फायदे, नुकसान और प्रयोग

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अणु तेल के नस्य लेने से आँख, नाक, कान, आदि इन्द्रियाँ मजबूत होती हैं। इससे नाक में जमा कफ बाहर निकल जाता है और शरीर शुद्ध होता है। बालों का असमय सफ़ेद होना और गिरना भी दूर होता है।

अश्वगंधादि लेह्य के फायदे, नुकसान और प्रयोग

अश्वगंधादि लेहम, एक टॉनिक, कामोद्दीपक, एंटी ऑक्सीडेंट, rejuvenator और revitalizer है। इस दवा के नियमित सेवन ताकत देता है और दुर्बलता को दूर करता है।

अश्वगंधा पाक Ashwagandha Pak Detail and Uses in Hindi

इसके सेवन से शरीर में बल, कान्ति, शक्ति और वज़न की वृद्धि होती है। यह कामोद्दीपक, पौष्टिक, पुष्टिवर्धक, धातुवर्धक और शुक्रवर्धक है। इसका सेवन पुरुषों में धातु की कमी, स्वपन दोष, पेशाब के साथ धातु जाना, आदि समस्याओं को दूर करता है।

सोमनाथ रस बृहत् के फायदे, नुकसान और प्रयोग

बृहत् सोमनाथ रस, सोमनाथ रस (एक दूसरी दवा, दोनों के घटक अलग हैं ) की ही तरह लाभकारी है परन्तु इसमें स्वर्ण, अभ्रक, वंग, रजत, स्वर्णमाक्षिक होने के कारण यह बीस प्रकार के प्रमेह, मधुमेह, बहुत अधिक पेशाब आने, मूत्रकृच्छ, मूत्राघात, आदि में भी प्रयोग की जाती है।