अमृतादि गुग्गुलु के फायदे, नुकसान और प्रयोग
अमृतादि गुग्गुलु को विशेष रूप से वात प्रधान वातरक्त में प्रयोग किया जाता है। वातरक्त में वात, जब रक्त को दूषित कर देता है तो जोड़ों में दर्द, सुजन, उँगलियों में दर्द, चमड़ी का सुन्न होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।