अमृतादि गुग्गुलु के फायदे, नुकसान और प्रयोग

अमृतादि गुग्गुलु को विशेष रूप से वात प्रधान वातरक्त में प्रयोग किया जाता है। वातरक्त में वात, जब रक्त को दूषित कर देता है तो जोड़ों में दर्द, सुजन, उँगलियों में दर्द, चमड़ी का सुन्न होना आदि लक्षण प्रकट होते हैं।

चौंसठप्रहरी पीपल के फायदे, नुकसान और प्रयोग

इस प्रकार चौंसठप्रहरी पीपल के निर्माण के लिए पिप्पली का इसके रस में करीब १९२ घंटे तक मर्दन किया जाता है और फिर सुखा कर पीस करके के सुरक्षित कर दिया जाता है।

त्रिवंग भस्म के फायदे, नुकसान और प्रयोग

त्रिवंग भस्म को मधुमेह diabetes, प्रमेह, मूत्रपिंड, मूत्रवाहिनी के रोग, वीर्य का स्वतः ही स्राव हो जाना, गर्भ की कमजोरी, शारीरिक कमजोरी आदि के इलाज़ के लिए प्रयोग किया जाता है।

मधुमेहारी योग के फायदे, नुकसान और प्रयोग

मधुमेहारी योग, श्री बैद्यनाथ आयुर्वेद भवन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा तैयार आयुर्वेदिक दवा है जिसका प्रयोग मधुमेह या डायबिटीज diabetes के उपचार में किया जाता है।

आमवातारि रस के फायदे, नुकसान और प्रयोग

आमवातारि रस का प्रयोग बहुत से वात-रोगों के उपचार में होता है। इसका सेवन जोड़ों की जकड़न, दर्द, सूजन आदि में आराम देता है। आमवात आयुर्वेद में रयूमेटोइड आर्थराइटिस को कहा जाता है और आमवातारि रस इसकी अच्छी औषधि है।

अश्वकंचुकी रस के फायदे, नुकसान और प्रयोग

अश्वकंचुकी रस को अश्वचोली Ashvacholi और घोड़ाचोली Ghodacholi आदि नामों से भी जाना जाता है। अश्वकंचुकी रस का उचित अनुपान के साथ सेवन विभिन्न रोगों में लाभकारी है।

अमीर रस के फायदे, नुकसान और प्रयोग

अमीर रस में रस-कपूर, सिंगरफ और दाल चिकना होने के कारण यह अत्यंत तीव्र रक्त-शोधक है। यह शरीर में रोगाणु और जीवाणु नष्ट कर रोग को दूर करती है।

आनन्दभैरव रस के फायदे, नुकसान और प्रयोग

श्वास और कफ रोगों में इसका सेवन कफ को नष्ट करता है और उससे सम्बंधित लक्षणों में आराम देता है। इसमें शुद्ध बच्छनाग है जो की कफ को सुखाने में मदद करता है।

अमरसुंदरी रस के फायदे, नुकसान और प्रयोग

अमरसुंदरी रस, 80 प्रकार के वात रोगों की जानी-मानी औषधि है। इसके अतिरिक्त इसे खांसी, सांस की बिमारियों, बवासीर, सन्निपात, पेट में अभूत वायु, मोतीझरा में भी प्रयोग किया जाता है।