च्यवनप्राश के फायदे, नुकसान और प्रयोग
च्यवनप्राश शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह बच्चे, बड़ों सभी के लिए टॉनिक है।
Details of various Ayurvedic medicines. Ingredients, benefits and dosage information.
च्यवनप्राश शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ाता है। यह शरीर की प्रतिरक्षा में सुधार करता है। यह बच्चे, बड़ों सभी के लिए टॉनिक है।
क्लोट्रिमेज़ोल एक ऐंटिफंगल antifungal एजेंट है। यह यीस्ट yeast या कवक के साथ सीधे संपर्क पर काम करता है।
हिंगुल को आयुर्वेद में पाचन को बढ़ाने और रसायन की तरह प्रयोग किया जाता है। अजीर्णकंटक रस को अजीर्ण, मन्दाग्नि, कब्जियत आदि के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
अग्निसंदीपन रस पाचन की कमजोरी, सूजन, भारीपन, हाइपरएसिडिटी,गुल्म, पेट में दर्द आदि में दी जाती है। इसके सेवन से मन्दाग्नि, अजीर्ण, अम्लपित्त, शूल, गोला आदि से राहत मिलती है।
अग्नितुंडी वटी पाचन के लिए प्रभावी और शक्तिशाली दवा है। यह पाचन की कमजोरी, अपच और पेट दर्द में उपयोगी है। अग्नितुंडी वटी का मुख्य घटक कुचला होने के कारण, इसे केवल प्रत्यक्ष चिकित्सक के पर्यवेक्षण में ही लें। यह एक शक्तिशाली जहर है।
इसका सेवन गैस, पेट में भारीपन, आंत के अंदर संचय मल, कब्ज़, धीमे पाचन, भूख न लगना आदि में राहत देता है।
Saubhagya Sunthi Pak सौभाग्य शुण्ठी पाक, एक आयुर्वेदिक टॉनिक है। इसका सेवन बल, आयु, कान्ति को बढाता है। यह वर्ण को सुन्दर बनाता है। सौभाग्य शुण्ठी पाचन, ताकत, और रोग निरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है।
ज्वर नाशक वटी, पतंजलि दिव्य फार्मेसी की एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे बुखार, डेंगू, कफ, खांसी, आदि रोगों के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
यह एक टॉनिक है जो प्रदर, बेचैनी, पीठ में दर्द, सामान्य शारीरिक कमजोरी, चेहरे का पीलापन खून की कमी, शारीरिक थकान आदि महिला रोगों में लाभदायक है।