प्राणदा गुटिका का औषधीय उपयोग

यह दवा विशेतः पाइल्स या बवासीर के उपचार में उपयोगी है. इसके नियमित सेवन से बवासीर में खून गिरना बंद हो जाता है और मस्से सूखने लगते हैं.

हिमालया स्पेमैन का फायदा और नुकासान

इसमें प्राकृतिक अवयव होते हैं जो की oligospermia अल्पशुक्राणुता (वीर्य में शुक्राणु की कमी ) से प्रभावित पुरुषों में टेस्टोस्टेरोन के स्तर में सुधार कर शुक्राणुजनन को बढ़ावा देते है। एस दवा का सेवन sperm count शुक्राणुओं की संख्या और वीर्य की गुणवत्ता में सुधार करता है।

अर्शकुठार रस का बबासीर में उपयोग, फायदा और नुकसान

अर्शकुठार रस, एक टॉनिक और विरेचक है। यह विशेष रूप से दोनों प्रकार के बवासीर में दिया जाता है। इसके सेवन से नए बवासीर में हुए मस्से सुख जाते है।यह कब्ज़ को दूर करती है और दस्त साफ़ होने लगता है।

अर्श कल्प का बबासीर में उपयोग कैसे करें

दिव्य अर्शकल्प वटी (Divya Arshkalp Vati ) स्वामी रामदेव की दिव्य फार्मेसी में निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। इस दवा का प्रयोग बवासीर, भगंदर, व् फिस्चुला Piles, bleeding piles and haemorrhoid के इलाज में होता है। Divya Arshkalp Vati is Ayurvedic

अजमोद अर्क का औषधीय उपयोग

यह दवा अजमोद का अर्क है। अजमोद Trachyspermum Roxburghianum पौधे का बीज है। अजमोद उल्टी, अपच, पेट में दर्द में लाभकारी प्रभाव दिखाता है।

डाबर पुदीन हरा के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि

डाबर पुदीन हरा अम्लता, मतली, अपच, पेट गैस, पेट फूलना, सूजन, पेट में दर्द, पेट और पेट के विकारों के लिए लाभदायक है।

पुदीना अर्क के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि | Pudina Ark Detail and Uses in Hindi

यह स्वाद में कडवा होता है और ठंडक देता है। इसे पाचन सम्बन्धी समस्याओं में दिया जाता है।

पंचामृत लौह गुग्गुलु के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि

इस दवा को गृघ्रसी, कमर और घुटने का दर्द, नर्व में होने वाले दर्द, और अन्य वात विकारों में दिया जाता है।