गोमूत्र हरीतकी के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि
गोमूत्र हरीतकी, गोमूत्र और हरीतकी/हरड़ के संयोजन से बनी एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका उल्लेख सुश्रुत संहिता, चरक संहिता और अष्टांग हृद्यम में मिलता है।
Details of various Ayurvedic medicines. Ingredients, benefits and dosage information.
गोमूत्र हरीतकी, गोमूत्र और हरीतकी/हरड़ के संयोजन से बनी एक आयुर्वेदिक दवा है। इसका उल्लेख सुश्रुत संहिता, चरक संहिता और अष्टांग हृद्यम में मिलता है।
अर्जुनारिष्ट एक हर्बल आयुर्वेदिक दवा है। इसे अर्जुन की छाल, द्राक्षा और मधुप पुष्प के काढ़े को फेर्मेंट करके तैयार किया गया है। यह हृदय के लिए अत्यंत हितकारी है। यह कान्तिजनक, और बलदायक औषध है।
पुनर्नवारिष्ट आयुर्वेदिक दवा है। पुनर्नवारिष्ट का उपयोग यकृत/जिगर liver और तिल्ली spleen की बिमारियों, सामान्य दुर्बलता, हाथ और पैर में शोथ, रक्त-चाप, हृदय रोग,भगंदर, बवासीर, दमा, कुष्ठ रोग, पेचिश, शरीर की खुजली, पेट के रोगों, पेट फूलना, कब्ज, हिचकी, बुखार, पित्त आदि में होता है।
उशीरासव आयुर्वेदिक दवा है। इस आसव को मूत्र समस्याओं, रक्त शोधन और सभी प्रकार के खून बहने के विकारों (गुदा से, अतिरज, प्रसव के बाद अत्यधिक रक्तस्राव, नाक से खून आदि) में प्रयोग किया जाता है।
सारिवाद्यासव आयुर्वेदिक दवा है। यह रक्त और मूत्र को साफ़ करती है और शरीर के विषाक्त पदार्थों को हटाती है। इसे सभी बीस प्रकार के प्रमेह, मधुमेह, गठिया, पेशाब में दर्द , फोड़े, त्वचा रोग आदि के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
पुनर्नवासव शरीर में पानी भर जाने/स्थानीय शोफ local or generalized edema, सूजन, आँखों पर सूजन Puffiness of eye-lids के इलाज में उल्लेखनीय रूप से उपयोगी है। यह दवा जिगर और तिल्ली के विकारों के उपचार में बहुत अच्छे परिणाम देती है।
मुस्तकारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा पेट सम्बन्धी रोगों के इलाज़ में प्रयोग की जाती है। यह अपच, भूख न लगना, हैजा और सप्रू सिंड्रोम के प्रारंभिक स्तिथि में प्रभावी है।
लोहासव को शुद्ध लोहा, त्रिकटू, त्रिफला, अजवाइन, वायविडंग, चित्रक मूल, और मोथा से तैयार किया जाता है। इसमें लोहा होता है और इसे शरीर में आयरन की कमी को सही करने के लिए दिया जाता है ।
रोहितकारिष्ट एक आयुर्वेदिक दवा है। यह दवा कई रोगों के इलाज के लिए प्रयोग की जाती है, विशेष रूप से जिगर और तिल्ली के रोगों में। यह दवा हृदय और रक्त में भी सुधार करती है।
कुटजारिष्ट, पेचिश, बवासीर और स्प्रू के इलाज के लिए एक बहुत ही अच्छी और प्रभावी दवा है। यह जीर्ण ज्वर में भी उपयोगी है। यह खूनी बवासीर में फायदेमंद है।