नवायस लौह, एक आयुर्वेदिक दवा है। नवायस चूर्ण या लौह को पांडु(anemia) के उपचार में प्रयोग किया जाता है। नवायस लौह के जो घटक हैं वो शरीर में रक्तधातु को बढाने के साथ ही लीवर पर अच्छा प्रभाव डालते है।
नवायस लौह, एक आयुर्वेदिक दवा है। यह एक लौह कल्प है जिसमें मुख्य घटक लौह भस्म है। इसके अतिरिक्त इसमें नौ जड़ी-बूटियाँ भी हैं। नवायस चूर्ण या लौह को पांडु के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
पांडु वह रोग होता है जिसमें शरीर का रंग पीला सा दिखता है। इसे अनीमिया भी कहा जाता है। नवायस लौह के जो घटक हैं वो शरीर में रक्तधातु को बढाने के साथ ही लीवर पर अच्छा प्रभाव डालते है। इसमें दीपन (appetizer), पाचन (digestive), स्रोतशोधक (channel cleanser), त्रिदोशाघ्न (body humour specifier), रस रक्त वर्धक (one which increases blood), रसायन (rejuvenative), बल्य (one which increases strength) और पांडुहर गुण (one which subsides pallor) हैं।
Navayasa Lauha is a herbomineral Ayurvedic medicine containing iron and nine herbal ingredients. This medicine is indicated in treatment of anemia. It improves digestion and liver functioning. It protects liver from damage. It cures fever that occurs due to spleen or digestive system disorder. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
नवायस लौह के घटक | Ingredients of Navayasa Lauha in Hindi
- सोंठ Shunthi Zingiber officinale Rz. 1 part
- काली मिर्च Marica Piper nigrum Fr. 1 part
- पिप्पली Pippali Piper longum Fr. 1 part
- हरीतकी Haritaki Terminalia chebula P. 1 part
- विभितकी Bibhitaka Terminalia bellirica P. 1 part
- आमलकी Amalaki Phyllanthus emblica (Emblica officinalis) P. 1 part
- मोथा Musta Cyperus rotundus Rt. Tr. 1 part
- विडंग Vidanga Embelia ribes Fr. 1 part
- चित्रक Chitraka Plumbago zeylanica Rt. 1 part
- अयोराज Aayoraja (Lauha bhasma) (30 Puti) 9 parts
नवायस लौह के लाभ | Benefits of Navayasa Lauha in Hindi
- यह दीपन, पाचन, स्रोतशोधक, त्रिदोशाघ्न, रस रक्त वर्धक, रसायन , बल्य और पांडुहर है।
- इसके सेवन से शरीर में रक्त धातु की वृद्धि होती है।
- यह एक आयरन टॉनिक है। आयरन टॉनिक लेने पर कब्ज़ होना आम बात है। लेकिन नवायस लौह में त्रिफला होने से यह समस्या नहीं होती।
- इसमें आमला होने से आयरन शरीर में अच्छे से अवशोषित होता है।
- यह प्लीहा दोष, प्लीहा के बढ़ जाने, पेट रोगों के कारण होने वाले बुखार को ठीक करता है।
- इसके सेवन से बवासीर में लाभ होता है।
- यह कमजोरी, शरीर के पीले पन को दूर कर शरीर को ताकत देता है।
- नवायस लौह का सेवन शरीर में जठराग्नि को बढ़ा कर पाचन को बेहतर बनाता है।
नवायस लौह के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Navayasa Lauha in Hindi
- पांडु Pandu (anaemia)
- कमाला Kamala (jaundice)
- प्रमेह Prameha (metabolic disorder)
- पीड़क Pidaka (carbuncle)
- हृदय रोग Hridroga (heart disease)
- कुष्ठ Kushtha (diseases of Skin)
- अर्श Arsha (piles)
- प्लीहा वृद्धि
- शरीर में सूजन
- कृमी रोग
नवायस लौह की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Navayasa Lauha in Hindi
- १ ग्राम, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे शहद/घी के साथ लें।
- इसे भोजन करने के बाद लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
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This medicine is manufactured by Baidyanath (Nawayas Lauh), Dabur (Navayas Lauh), Manil (Navayas Loha), Sri Sri Ayurveda (Navayasa Lauha), Unjha (Navayas Loha), Kottakal Arya Vaidya Sala (Navayasa Churnam), AVP (Navayasa Choornam) and many other Ayurvedic pharmacies.