रस्नादी क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है। इसे वातविकार में प्रयोग किया जाता है। इसमें रसना, दशमूल, भूमिआमला, अडूसा, आमला, हल्दी, सोंठ आदि जड़ी-बूटियाँ हैं जो की शरीर से सूजन दूर करती है।
रस्नादी क्वाथ एक आयुर्वेदिक काढ़ा है। इसे वातविकार में प्रयोग किया जाता है। इसमें रसना, दशमूल, भूमिआमला, अडूसा, आमला, हल्दी, सोंठ आदि जड़ी-बूटियाँ हैं जो की शरीर से सूजन दूर करती है। रसना (प्लूशिया लैंसीओलेटा) एक औषधीय पौधा है जिसके पत्ते और जड़ों को चिकित्सीय इस्तेमाल के लिए प्रयोग किया जाता है।
रसना तिक्त (रस), गुरु (गुण), उष्ण (वीर्य), और कटु विपाक है। यह कफ और वात को संतुलित करता है। रसना गठिया और सूजन सम्बन्धी विकारों में उपयोगी है। इसके सेवन से मांसपेशियां रिलैक्स होती हैं। अन्य जड़ी-बूटियों के साथ-साथ मिलकर यह सभी स्नायु रोग और गठिया में बहुत उपयोगी है।
दशमूल, दस जड़ों (bilva, Agnimantha, Gambhari, Shyonaka, Patala, Shalparni, Prishniparni, Brihati, Kantakari, Gokhru) का संयोजन है। आयुर्वेद में इसे सूजन, वातविकारों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह एंटीऑक्सिडेंट है और एंटी-इन्फ्लामेटोरी है। यह कफ, पित्त और वात को सनतुलित करता है। इसके सेवन से सूजन और दर्द कम होते है।
काढ़े को क्वाथ या काषाय भी कहा जाता है। काढ़े, हर्ब के मिश्रण को पानी में उबाल कर बनाते हैं। आजकल बहुत से आयुर्वेदिक काढ़े बने-बनाये मिल जाते हैं। यह गोलियों के रूप में भी उपलब्ध है।
Rasnadi Kashayam is an herbal decoction used in treatment of rheumatism and other inflammatory condition. It is used in case of pain and swelling in ankles, knees, neck etc. It is available in form of ready-made preparation and tablets.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
रस्नादी क्वाथ के घटक | Ingredients of Rasnadi Kashayam in Hindi
- रसना Rasna (Rt./Lf.) 1 Part
- तामलकी Tamalaki (Bhumyamalaki) (Pl.) 1 Part
- वासा Vrisha (Vasa) (Rt.) 1 Part
- अगर Aguru (Agaru) (Ht. Wd.) 1 Part
- शठी Shathi (Shati) (Rz.) 1 Part
- चित्रा Citra (Eranda) (Rz.) 1 Part
- मोथा Abda (Musta) (Rz.) 1 Part
- चव्य Cavya (St.) 1 Part
- पाषणभेदा Ashmabhit (Pashanabheda) (Rz.) 1 Part
- आंवला Dhatri (amalaki) (P.) 1 Part
- भारंगी Bharngi (Rt.) 1 Part
- पटोला Patola (Pl.) 1 Part
- पुष्कर Pushkara (Rt.) 1 Part
- हल्दी Nisha (Haridra) (Rz.) 1 Part
- सहचर Sairiya (Sahacara) (Pl.) 1 Part
- सोंठ Vishva (Shunthi) (Rz.) 1 Part
- चित्रक Agni (Citraka) (Rt.) 1 Part
- बेल Bilva (St. Bk.) 1 Part
- गंभारी Gambhari (St. Bk.) 1 Part
- पाढ़ल Patala (St. Bk.) 1 Part
- अग्निमंथ Agnimantha (St. Bk.) 1 Part
- शालिपर्णी Shalaparni (Pl.) 1 Part
- पृश्नीपर्णी Prishniparni (Pl.) 1 Part
- बड़ी कटेरी Brihati (Pl.) 1 Part
- छोटी कटेरी Kantakari (Pl.) 1 Part
- गोखरू Gokshura (Pl.) 1 Part
- देवदारु Daru (Devadaru) (Ht. Wd.) 1 Part
रस्नादी क्वाथ के लाभ | Benefits of Rasnadi Kashayam in Hindi
- यह शरीर से वात को कम करती है।
- इसके सेवन से दर्द, सूजन से आराम मिलता है।
- यह हर्बल दवा है।
- यह वाताघ्न और आमनाशक है।
रस्नादी क्वाथ के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Rasnadi Kashayam in Hindi
- आमवात(Rheumatism)
- गर्दन, घुटने, जांघ, कमर, पीठ में सूजन, दर्द
- गर्दन में सूजन, दर्द swelling, pain in ankles, knees, thigh, waist, back
- एड़ी में सूजन दर्द
- वात रोग (Disease due to Vata dosha)
रस्नादी क्वाथ की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Rasnadi Kashayam in Hindi
- काढ़े को १२-२४ ml लेना चाहिए।
- इसे पानी की बराबर मात्रा मिलाकर लें।
- इसे सेंधा नमक, मिश्री, पिप्पली १-३ ग्राम मिलाकर लें।
- इसे भोजन करने के पहले लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
क्वाथ के सेवन के दौरान, शरीर में वात की वृद्धि करने वाले भोजन जैसे की मटर, उड़द, गोभी, मिठाई, भारी भोजन, मसालों आदि का सेवन न करें।
भोजन सादा, हल्का, सुपाच्य खाएं। हींग, जीरा, का सेवन शरीर में वात को कम करता है। इसलिए इनका सेवन करें। इसी प्रकार परवल, करेला, लौकी भी वात को कम करते है।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Vaidyaratnam Oushadhasala (Rasnadi Kashayam, liquid), Kottakal (Cheriya Rasnadi Kashayam) many other Ayurvedic pharmacies.