इसके सेवन से खून की कमी, सभी प्रकार के राजयक्ष्मा tuberculosis, रक्त क्षय blood loss, पुराना बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, प्रमेह आदि दूर होते हैं।
शिलाजित्वादि लौह एक आयुर्वेदिक दवा है। यह एक लौह कल्प है जिसमें मुख्य घटक लौह भस्म है। इसके अतिरिक्त इसमें शुद्ध शिलाजीत, माक्षिक भस्म, त्रिकटू और मुलेठी है। इस दवाई को भैषज्य रत्नावली के राजयक्ष्मा रोगधिकार से लिया गया है। राजयक्ष्मा, आयुर्वेद में ट्युबरकोलोसिस या टी.बी. को कहते है।
इसके सेवन से खून की कमी, सभी प्रकार के राजयक्ष्मा tuberculosis, रक्त क्षय blood loss, पुराना बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर, प्रमेह आदि दूर होते हैं।
Shilajitwadi Lauh is prepared by combining Bhasma, Shilajit and herbal ingredients according to the given formula. It is used in treatment of tuberculosis or T.B. Shilajitwadi Lauh is also useful in Prameha, bleeding disorders, blood loss, consumption, weakness, anemia etc. Intake of this medicine gives strength improves overall health. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
शिलाजित्वादि लौह के घटक | Ingredients of Shilajitwadi Lauh in Hindi
- शिलाजीत शुद्ध Shilajatu Shuddha 1 Part
- मुलेठी Yashthimadhu 1 Part
- शुंठी Shunthi (Rz।) 1 Part
- काली मिर्च Marica (Fr।) 1 Part
- पिप्पली Pippali (Fr।) 1 Part
- माक्षिक भस्म Tapya (Makshika bhasma) 1 Part
- लौह भस्म Lauha raja (bhasma) 6 Parts
शिलाजित्वादि लौह के फायदे | Benefits of Shilajitwadi Lauh in Hindi
- यह खून की कमी को दूर करता है।
- यह उत्तम वाजीकारक और रसायन है।
- इसके सेवन से बल और ताकत की वृद्धि होती है।
- यह पाचन को बेहतर बनाता है।
- यह कफ को नष्ट करता है।
शिलाजित्वादि लौह के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Shilajitwadi Lauh in Hindi
- टी.बी.
- खून की कमी
- रक्तक्षय
- रक्त पित्त
- प्रमेह
- पुराना बुखार
शिलाजित्वादि लौह की सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Shilajitwadi Lauh in Hindi
- 250 mg, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे दूध के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
You can buy this medicine online or from medical stores.
This medicine is manufactured by Baidyanath (Shilajitwadi Lauh), Sri Sri Ayurveda (Shilajitvadi Lauha Vati) and many other Ayurvedic pharmacies.