पालक Spinach information, benefits and Medicinal Uses in Hindi

Palak ke fayade

आयुर्वेद में पालक को शाक वर्ग में रखा गया है और इसे वातकारक, शीतल, श्लेष्मवर्धक, दस्तावर, भारी, आध्य्मानकारक माना गया है। यह मद, श्वास, पित्त, रक्त तथा पित्त के विकारों से होने वाले रोगों को दूर करने वाला है।

पथरचट्टा Kalanchoe pinnata के बारे में जानकारी और उपयोग

patharchatta medicinal uses

पथरचट्टा के पत्तों में बहुत से औषधीय गुण विद्यमान हैं जिस कारण इसे आंतरिक आर बाह्य दोनों ही प्रकार से प्रयोग किया जाता है। बाहरी रूप से लगाने से खून का बहना, घाव, जलना आदि में यह लाभ करता है। पत्तों का सेवन मुख्य रूप से पथरी तथा मूत्र रोगों urinary disorders के उपचार में होता है।

जिमीकंद सूरन Suran Medicinal Uses in Hindi

बवासीर के अतिरिक्त इसे ब्रोंकाइटिस, दमा, खांसी, अपच, पेट में दर्द, फ़ीलपाँव, त्वचा और रक्त रोग, नालव्रण, गर्दन की ग्रंथियों में सूजन, मूत्र रोगों और जलोदर के उपचार में एक दवा के रूप में प्रयोग किया जाता है।

सेब Apple के फायदे और इसे खाने से सम्बंधित सावधानियां

सेब खनिज, लवण और और विटामिनों का समृद्ध स्रोत है इसलिए इसके सेवन से शरीर की कमजोरी, खून की कमी, थकावट और दिमागी कमजोरी दूर होती है। यह भूलने की बिमारी और हमेशा रहने वाले सर्द को ठीक करता है। इसमें फाइबर होता है जो कब्ज़ को दूर रखता है।

बृहती Brihati (Solanum indicum) in Hindi

आयुर्वेद में अकेले इसका उपयोग प्रसव बाद कमजोरी, उलटी, अस्थमा, कफ आदि में किया जाता है। यह शोथ हर है और शरीर की सूजन को दूर करती है। मूत्रल होने से इसका प्रयोग मूत्र रोगों में होता है।

पुत्रजीवक Putranjiva roxburghii in Hindi

यह आयुर्वेद की एक जानी-मानी प्रभावी औषधि है और इसे मुख्य रूप से गर्भ ठहरने के लिए प्रयोग किया जाता है। आयुर्वेद में इसे हजारों वर्षों से संतानोपत्ति के लिए उत्तम औषध माना गया है।

दमबेल Tylophora asthmatica Remedy for Asthma

यह दमे, कफ और श्वशन रोगों के लिए for respiratory tract diseases प्रयोग की जाने वाली बूटी है। दमे या अस्थमा के लिए तो इसे अत्यंत उत्तम औषधि माना गया है। इसमें मौजूद अल्कलोइड इम्यून सिस्टम को दबाते हैं जिस कारण यह उन रोगों में भी प्रयोग की जाती है जहाँ शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को दबाने की आवश्यकता हो।

आयुर्विन नुट्रीगेन के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

आयुर्विन नुट्रीगेन भूख, पाचन और मेटाबोलिज्म को बढ़ाता है जिससे वज़न बढ़ता है। यह उन लोगों के लिए टॉनिक है जो की दुबलेपन की शिकायत से परेशान है। नुट्रीगेन में आयुर्वेद के जाने माने घटक है जैसे की अश्वगंधा, शतावरी, मुस्ली, इला, आंवला, त्रिकटु आदि।

पौरुष जीवन कैप्सूल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसमें शतावरी और अश्वगंधा हैं, इसलिए इसके सेवन से शरीर में चर्बी बढती है और पतलापन दूर होता है। केवांच होने से यह मूड को अच्छा करने में सहयोगी है। केवांच जिसे कौंच, मर्कटी, कपिकच्छु, आदि नामों से जाना जाता है पुरुषों के लिए उत्तम वाज़िकारक है।