काकजंघा Leea hirta in Hindi
काकजंघा को स्वभाव से कही गर्म तो कही ठंडा माना गया है। यह कफ-पित्त ज्वर, रक्त विकार, खुजली, विष और कृमिनाशक है। इसके सेवन से त्वचा के रोगों में लाभ होता है। इसे सफ़ेद पानी की समस्या में भी प्रयोग किया जाता है।
काकजंघा को स्वभाव से कही गर्म तो कही ठंडा माना गया है। यह कफ-पित्त ज्वर, रक्त विकार, खुजली, विष और कृमिनाशक है। इसके सेवन से त्वचा के रोगों में लाभ होता है। इसे सफ़ेद पानी की समस्या में भी प्रयोग किया जाता है।
यह गर्भ को रोकने और बच्चों में अंतर रखने के प्रयोग की जाती है। यह एक हार्मोनल गर्भनिरोधक गोली है। यह शरीर के होरमोन सिस्टम को प्रभावित करती है। इसमें हार्मोन एस्ट्रोजन व प्रोजेस्टेरोन हैं जो की कृत्रिम रूप से बनाए गए है।
व्योषादि गुग्गुलु की तासीर गर्म है और इस गुण के कारण यह कफ, कोलेस्ट्रोल, लिपिड और ट्राईग्लीसिराइड्स को कम करता है। अपने रूक्ष और हल्के गुण के कारण यह शरीर में फैट को कम करता है। यह वात-कफ को कम करता है और पित्त को बढ़ाता है। इस दवाई का मुख्य घटक व्योष है। व्योष, त्रिकटु को कहते है।
फिटकरी के बारे में भारतीयों को जानकारी बहुत ही प्राचीन समय से थी। भारत में चिकित्सा के लिए इसका प्रयोग आयुर्वेद में किया जाता रहा है। चरक संहिता में भी इसके प्रयोग का वर्णन पाया जाता है। रत्न समुच्चय ग्रन्थ में इसे तुवरी कहा गया है। रसतरंगिणी में इसे पित्त-कफ नाशक, ज्वरनाशक, आँखों के रोगों में लाभप्रद, खूनके बहने को रोकने वाली, मुख के रोगों, कान रोगों और नाक से खून बहने से रोकने वाली माना गया है।