कतीरा गोंद के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

KATARI GOND

गोंद कतीरा, में बुखार कम करने के, विरेचक, और सेडेटिव गुण होते हैं। इस गोंद को कब्ज़, कफ, डाइरिया, डीसेनट्री, बुखार, फिस्चुला, नीद न आना, नर्वसनेस आदि में दिया जाता है।

शतावरी घृत (भैषज्य रत्नावली) के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

शतावरी घृत के सेवन से शरीर में अधिक पित्त और वात (पित्त और वात विकार) के कारण होने वाले विकार दूर होते है। इसके सेवन से शरीर में ताकत आती है। यह पौष्टिक होने के साथ-साथ शरीर के भीतर की रूक्षता को दूर करता है और कब्ज़ से राहत देता है।

पतंजलि यौवन चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसका सेवन शुक धातु की वृद्धि करता है। यह सेक्सुअल डिसआर्डर को भी दूर करता है। इसके सेवन से कमजोरी दूर होती है और वज़न की वृद्धि होती होती है। यह इम्युनिटी को बढ़ा शरीर की विभिन्न रोगों से रक्षा करने में सहयोग करती है।

धातुपौष्टिक चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह पुरुषों के लिए उत्तम टॉनिक है। धातुपौष्टिक चूर्ण नसों और प्रजनन अंगों को ताकत देता है तथा स्वप्न दोष, असमय वीर्यपात, नपुंसकता erectile dysfunction, वीर्य और शुक्र विकारों को दूर करता है। धातुपौष्टिक चूर्ण में सभी घटक हर्बल हैं।

जोशांदा के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसके सेवन से आम सर्दी, खांसी, congestions, इन्फ्लूएंजा, catarrh, मौसमी परिवर्तन, एलर्जी प्रतिक्रियाओं और कफ के कारण बुखार आदि में लाभ होता है।

अश्वगंधा चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसका सेवन पुरुषों में धातु को पुष्ट करता है और धातु क्षीणता, नपंसुकता impotence, शीघ्रपतन premature ejaculation, स्पर्म की कमी sperm deficiency, नसों की कमजोरी nerves weakness समेत बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करता है।

कामदेव चूर्ण के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसके सेवन से धातु-विकार, शुक्र-विकार, शीघ्रपतन, स्वप्नदोष, वीर्य का पतलापन, आदि दोष दूर होते है। यह सीमन को गाढ़ा करने में मदद करती है और शरीर को बल देती है।

कामदेव घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह घी पुरुषों के लिए विशेष रूप से उपयोगी है। इसके सेवन से शरीर में ताकत आती है। यह वाजीकारक है और यौन इच्छा को बढ़ाता है। इसका नियमित सेवन नाड़ियों की कमजोरी के कारण होने वाली नपुंसकता को दूर करता है।

Tips to Control Cholesterol in Hindi

शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर यदि 200 मिलीग्राम पर डेसीलिटर (एमजी / डीएल) से अधिक हो जाता है तो इसे मेडिकल टर्म में हाइपरकोलेस्टेरोलेमिया hypercholesterolemia कहा जाता है। बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रोल हृदय रोगों के होने का मुख्य कारण है।