अश्वगंधा घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अश्वगंधा घृत, का सेवन सभी प्रकार के वात रोगों में, जोड़ों के दर्द में, कमर के दर्द आदि में राहत देता है। यह नींद न आने की समस्या को भी दूर करता है। यह दिमाग को ताकत देता है। इसके सेवन से धातुएं पुष्ट होती हैं।

अर्जुन घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसे अर्जुन पेड़ की छाल और गाय के घी से बनाया गया है। इसका प्रयोग हर प्रकार के हृदय रोग में किया जाता है। यह अधिक पित्त और वायु से राहत देता है। यह दिल को ताकत देता है और उसके कार्य को व्यवस्थित करता है।

अशोक घृत के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

अशोक घृत महिलायों के स्वास्थ्य के लिए अमृत तुल्य है। यह गर्भाशय को शक्ति देता है और शरीर में बढ़े हुए वात-पित्त को संतुलित करता है। इसका सेवन वज़न को बढ़ाता है और आन्तरिक अंगों का स्नेहन करता है। इसका उपयोग चेहरे पर कान्ति लाता है और त्वचा के सूखेपन को दूर करता है।

महाविषगर्भा तेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह एक दर्द-निवारक तेल है और दर्द में राहत देता है। यह सभी प्रकार के जोड़ों और मांसपेशियों के दर्द में उपयोगी है। जैसा की नाम से ही पता चलता है यह तेल अत्यंत विषैला है।

मरिच्यादि तैल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

मरिच्यादि तेल का प्रयोग भिन्न प्रकार के त्वचा रोगों में किया जाता है जैसे की कुष्ठ, सूजन, घाव, न ठीक होने वाले घाव, फोड़ा, फुंसी, खुजली, रिंगवर्म/दाद या दाद्रु, शीतपित्त आदि। इसमें कृमिनाशक गुण हैं।

हिमालया वी-जेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

यह एक क्रीम या जेल है जिसे योनिशोथ vaginitis और गर्भाशयग्रीवाशोथ cervicitis होने पर बाह्य रूप से लगाया जाता है।

अनवांटेड-72 किट के नुकसान, खाने का तरीका, प्राइस और रिजल्ट्स

Unwanted-72 एचआईवी संक्रमण तथा अन्य यौन संचारित रोगों से सुरक्षा नहीं देती है। यह अनचाहे गर्भ को रोकने में प्रयोग की जाती है और यह एक अबोर्शन पिल नहीं है।

महामरिच्यादि तैल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसका प्रयोग भिन्न प्रकार के त्वचा रोगों में किया जाता है जैसे की कुष्ठ, सूजन, घाव, न ठीक होने वाले घाव, फोड़ा, फुंसी, खुजली, रिंगवर्म/दाद या दाद्रु, शीतपित्त आदि। इसमें कृमिनाशक गुण हैं।

नूरानी तेल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसे मालिश के लिए और दर्द, चोट, घाव, जलने, कटने आदि में बाहरी रूप से लगाया जाता है। इसमें दर्द निवारक और एंटीसेप्टिक गुण पाए जाते है।

कामदुधा रस (मौक्तिक युक्त) के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

कामदुधा रस (मौक्तिक युक्त) में पित्तशामक, शीतल, और मस्तिष्क को शांत करने के गुण हैं। यह शरीर में अधिक गर्मी होने के कारण होने वाले रक्तपित्त, रक्तातिसार, रक्तप्रार, अम्लपित्त, खट्टी डकार, सिर में दर्द, भ्रम, पेशाब में जलन, रक्त की विकृति आदि को दूर करता है।