प्रदरान्तक लौह में लौह भस्म, ताम्र भस्म, शुद्ध हरताल, वंगभस्म, अभ्रक भस्म, कौड़ी भस्म तथा त्रिकटु, त्रिफला, चित्रकमूल समेत अन्य कई उपयोगी जड़ी-बूटियाँ है। प्रदरान्तक लौह, को सभी प्रकार के प्रदर रोगों में प्रयोग किया जाता है।
प्रदरान्तक लौह एक आयुर्वेदिक दवा है जिसे जड़ी-बूटियों और भस्म के संयोग से बनाया गया है। प्रदरान्तक लौह में लौह भस्म, ताम्र भस्म, शुद्ध हरताल, वंगभस्म, अभ्रक भस्म, कौड़ी भस्म तथा त्रिकटु, त्रिफला, चित्रकमूल समेत अन्य कई उपयोगी जड़ी-बूटियाँ है। प्रदरान्तक लौह, को सभी प्रकार के प्रदर रोगों में प्रयोग किया जाता है।
प्रदर रोग क्या हैं? Pradar Rog in Hindi
प्रदर रोग, वे स्त्री रोग हैं जिसमें योनि से असामान्य स्राव होता है। इसमें शामिल हैं, रक्त प्रदर Rakta Pradar और श्वेत प्रदर Shwet Pradar।
रक्त प्रदर में योनि से असामान्य रूप से ब्लीडिंग होती है। यह ब्लीडिंग गर्भाशय uterus से होती है। योनि vagina से अनियमित रक्त स्राव, मासिक में अधिक खून जाना और मासिक का 7 दिन से अधिक चलना रक्त प्रदर के लक्षण हैं।
श्वेत प्रदर लिकोरिया leucorrhoea को कहते हैं। आम बोलचाल की भाषा में इसे सफ़ेद पानी Safed pani की समस्या या वाइट डिस्चार्ज White discharge भी कहा जाता है। इसमें वजाईना या योनि से पीला-हरा डिस्चार्ज होता है जिसमें बदबू होती है। इसके अतिरिक्त लिकोरिया में जनन अंगों के आस-पास खुजली itching और जलन भी होती है।
प्रदर रोग होने हर शरीर में खून और धातु की कमी हो जाती है जिससे कमजोरी, थकान, पीलापन, भूख न लगना, नींद न आना, गर्भ धारण न कर पाना, और गर्भाशय की कमजोरी हो जाती है। ऐसे में प्रदरान्तक लौह का सेवन शरीर में प्रदर को नष्ट करता है और शरीर को स्वस्थ्य बनाता है।
Pradarantak Lauh is Ayurvedic medicine containing iron as chief ingredient. It is used in treatment of female disorders and weakness. Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.
प्रदरान्तक लौह के घटक | Ingredients of Pradarantak Lauh in Hindi
- लौह भस्म 1 Part
- ताम्रा भस्म 1 Part
- हरितला भस्म 1 Part
- वंग भस्म 1 Part
- अभृ (अभ्रक ) भस्म 1 Part
- वर्तिका (कपर्दिका ) भस्म 1 Part
- सुण्ठी (Rz.) 1 Part
- मारिचा (Fr.) 1 Part
- पिप्पली (Fr.) 1 Part
- हरीतकी (P.) 1 Part
- बिभीतका (P.) 1 Part
- आमलकी (P.) 1 Part
- एरंड (Rt.) 1 Part
- विडंगा (Fr.) 1 Part
- सैंधव लवण 1 Part
- समुद्र लवण 1 Part
- विड लवण 1 Part
- सुवर्चला लवण 1 Part
- औद्भिदा लवण 1 Part
- छविका (चव्य ) (St.) 1 Part
- पिप्पली (Fr.) 1 Part
- शंख भस्म 1 Part
- वासा (Rz.) 1 Part
- हवुशा (हाउबेर ) (Fr.) 1 Part
- कूठ (Rt.) 1 Part
- शाठी (Rz.) 1 Part
- पाठा (Rt ./Pl.) 1 Part
- देवदारु (Ht . Wd.) 1 Part
- इला (Sukshmaila) (Sd.) 1 Part
- विधारा (St.) 1 Part
प्रदरान्तक लौह के लाभ / फ़ायदे | Benefits of Pradarantak Lauh in Hindi
- यह दवा सभी प्रकार के प्रदर रोगों (रक्त, श्वेत) की अच्छी दवा है।
- इस दवा का सेवन कमर, योनि और पेल्विस के दर्द से आराम दिलाता है।
- यह अरुचि, पाचन की कमजोरी को दूर कर मासिक धर्म को साफ़ लाती है।
- सभी प्रकार के प्रदर, नए, पुराने इसके सेवन से ठीक होते हैं।
- यह ओवरी और गर्भाशय को मजबूती देती और शरीर में कान्ति लाती है।
- कमजोरी के कारण होने वाले बाँझपं को यह दूर करती है।
- यह खून और धातु की कमी को दूर करती है।
प्रदरान्तक लौह के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Pradarantak Lauh in Hindi
- प्रदर (Excessive vaginal discharge)
- श्वेत प्रदर Leucorrhoea
- रक्त प्रदर Metrorrhogia, Menorrhagia
- प्रदर के कारण भूख न लगना, अनीमिया, कमजोरी थकान Pradar associated with weakness, pain in lower abdomen, backache, headache and irritation
- कुक्षिशूला (Pelvic pain), कटी शूल (Lower backache), योनिशूल (Pain in female genital tract)
- अग्निमांद्य (Digestive impairment)
- शूलरोग (Gastric ulcer/Duodenal ulcer/Colic),
- पाण्डु (Anaemia)
- अरुचि (Tastelessness), श्वास (Dyspnoea/Asthma), कासा (Cough)
- कृष्य (Emaciation), दौर्बल्य (Weakness)
सेवन विधि और मात्रा | Dosage of Pradarantak Lauh in Hindi
- 1 गोली, दिन में दो बार, सुबह और शाम लें।
- इसे शहद, घी और मिश्री के साथ लें।
- या डॉक्टर द्वारा निर्देशित रूप में लें।
This medicine is manufactured by Shree Baidyanath Ayurved Bhawan (Pradarantak Lauh), (Pradarantak Lauh), Manil (Pradarantak Loha).