झंडु पंचारिष्ट के नियमत सेवन से पेट फूलना, खट्टी डकारें, बदहज़मी, अपच, कब्ज़, आदि जैसी शिकायतों में लाभ होता है। पंचारिष्ट का सेवन सम्पूर्ण पाचन को दुरुस्त करने में मददगार है।
झंडू पंचारिष्ट पाचन टॉनिक – Zandu Pancharishta is a polyherbal Ayurvedic proprietary medicine from Zandu Pharmaceutical Works Ltd। It is a digestive tonic that improves digestion and gives relief in various health problems that occur due to improper digestion of food. Here is given more about this medicine such as indication/therapeutic uses, composition and dosage in Hindi
झंडु पंचारिष्ट (jhandu pancharishta), झंडु फार्मास्युटिकल वर्क्स लिमिटेड (झंडु सन २००८ से इमामी लिमिटेड का हिस्सा बन चुका है) द्वारा निर्मित आयुर्वेदिक दवा है। टीवी, मैगजीन, अखबार में इसका विज्ञापन अक्सर ही दिख जाता है। यह एक पाचन टॉनिक है।
Read Full In English: Zandu Pancharishta Benefits For Digestion, Ingredients and Side Effects
झंडु पंचारिष्ट के प्रमुख द्रव्यों में हैं, द्राक्षा, कुमारी, अश्वगंधा और दशमूल। इसके अतिरिक्त इसमें शतावरी, आमला, हरड़, बहेड़ा, गिलोय, बल, काली मिर्च, पिप्पली, सोंठ, दालचीनी, इलाइची, तेजपत्ता, अर्जुन, मंजीठ अजमोद, धनिया, हल्दी, शाथी, सफ़ेद जीरा, और लवंग भी है। द्राक्षा, त्रिफला, कुमारी रस, ये सभी कब्ज़ को दूर करते हैं। गुडूची या गिलोय पाचक, रसायन, और पुष्टिकारक है। यह प्लीहा वृद्धि रोगों में भी लाभ कारी है। दशमूल जो की पांच छोटी और पांच बड़ी जड़ों से बनी है, त्रिदोश नाशक है। दशमूल के सेवन से गैस, अफारा, सूजन, पसली के दर्द, और अरुचि नष्ट होती है। त्रिजात (दालचीनी, इलाईची, और तेज पत्र) भूख और पित्त बढाने वाला, गरम और पाचक है। त्रिकटू (काली मिर्च, पिप्पली, और सोंठ) पाचन एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देता है। ये पाचक अग्नि को बल देता है जिससे भोजन पूरी तरह से पच जाता है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को भी निकलता है।
पंचारिष्ट आयुर्वेद के आसव अरिष्ट सिंद्धांत पर बनी एक दवा है। आसव और अरिष्ट आयुर्वेद की बहुत ही लाभप्रद दवाएं है। यह भोजन के पचाने वाले, भूख की बृध्दि करने और रसायन गुणों से युक्त माने गए है। इन्हें बनाने के लिए एक लकड़ी के पात्र में, जड़ी-बूटियों के रस (आसव के लिए) या काढ़े को (अरिष्ट के लिए) धातकी अथवा महुआ पुष्प के व गुड़ अथवा शहद अथवा चीनी घोल में मिलाकर संधान किया जाता है। कुछ समय में इनका फर्मेंटेशन हो जाता है जिसमें अल्कोहल बनती है। अल्कोहल के कई काम है। एक तो यह दवा को खराब होने से बचाती है और दूसरा दवा के शरीर में आसानी से अवशोषण में भी सहायता करती है।
झंडु पंचारिष्ट के नियमत सेवन से पेट फूलना, खट्टी डकारें, बदहज़मी, अपच, कब्ज़, आदि जैसी शिकायतों में लाभ होता है। पंचारिष्ट का सेवन सम्पूर्ण पाचन को दुरुस्त करने में मददगार है।
नीचे इस दवा के घटक, गुण, सेवनविधि, और मात्रा के बारे में जानकारी दी गयी है।
झंडु पंचारिष्ट के घटक Ingredients of Zandu Pancharishta
- द्राक्षा Draksha (Dried Grapes) Vitis vinifera 2.5g
- घृत कुमारी Kumari Aloe vera juice 2.5g
- दशमूल Dashmoola (Combination of famous ten roots of Ayurveda) 2.0g
- अश्वगंधा Ashvagandha Withania somnifera 1.0g
- शतावर Shatavari Asparagus racemosus 1.0g
- त्रिफला Triphala (Combination of three herbs) 0.6g
- गिलोय Guduchi Tinospora cordifolia 0.5g
- बला Bala Sida cordifolia 0.5g
- मुलेठी Yasti Madhu, Liquorice Glycerrhiza glabra 0.5g
- त्रिकटु Trikatu (Combination of three herbs) 0.3g
- त्रिजात Trijat (Combination of three herbs) 0.3g
- अर्जुन Arjuna Terminalia arjuna 0.2g
- मंजीठ Manjistha Rubia Cordifolia 0.2g
- अजमोद Ajamoda Apium Graveolens Linn 0.1g
- धनिया Dhanyaka Coriandrum sativum 0.1g
- हल्दी Haridra Turmeric Curcuma Longa 0.1g
- शाठी Shati Hedychium spicatum 0.1g
- सफ़ेद जीरा Sveta Jiraka Carum bulbocastanum 0.1g
- लौंग Lavanga Clove Syzygium aromaticum 0.1g
द्राक्षा सूखे हुए अंगूर को कहते है। यह बहुत पौष्टिक, मीठे, विरेचक, रक्तवर्धक , कूलिंग और कफ ढीला करने वाले होते हैं । आयुर्वेद में मुख्य रूप से इन्हें खांसी, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, गठिया, पीलिया, प्यास, शरीर, खांसी, स्वर बैठना और सामान्य दुर्बलता आदि को दूरकरने के लिए प्रयोग किया जाता है। द्राक्षा को आँखों और आवाज़ के लिए अच्छा माना गया है। यह शरीर में वायु और पित्त को कम करते हैं। यह तासीर में ठन्डे होते हैं और शरीर में पित्त की अधिकता से होने वाले रोगों जैसे की हाथ-पैर में जलन, नाक से खून गिरना, आदि में विशेष रूप से फायदेमंद हैं। द्राक्षा में कब्ज़, अग्निमांद्य, अधिक प्यास लगना, पेट में दर्द, खून की कमी, और वातरक्त को भी नष्ट करने के गुण हैं।
दशमूल आयुर्वेद में बृहत् पंचमूल ( बेल, गंभारी, अरणि, पाटला , श्योनक) और लघु पंचमूल (शलिपर्णी, प्रश्निपर्णी, छोटी कटेली, बड़ी कटेली और गोखरू) का संयोग है। यह त्रिदोषनाशक है। इसके सेवन से शरीर में सूजन, खांसी, सिर दर्द, बुखार, दर्द, अरुचि, अफारा (पेट में गैस), जोड़ों का दर्द आदि नष्ट होते हैं। यह वात रोगों में प्रयोग की जानी वाली उत्तम औषध है।
कुमारी, घृत कुमारी, ग्वारपाठा, एलो वेरा का नाम है। रस में यह मधुर-तिक्त, गुण में गुरु, स्निग्ध, पिच्छल, वीर्य में शीत और विपाक में कटु है। यह त्रिदोषहर, शोथहर, वृष्य, और व्रण रोपण है। यह पेट के रोगों, यकृत / लीवर के विकारों, गुल्म समेत प्लीहा और यकृत वृद्धि में लाभप्रद है।
अश्वगंधा आयुर्वेद की जानी मानी टॉनिक औषधि है। यह नसों को ताकत दने वाली और सूजन को दूर करने वाली दवा है।
शतावरी में अल्सर ठीक करने के, इम्युनिटी बढ़ाने के और टॉनिक गुण हैं। यह आँतों को साफ़ करती है और पेचिश को अपने संकोचक गुण से रोकती है। शतावर के सेवन से शरीर में अम्लपित्त की शिकायत दूर होती है।
त्रिकटु सौंठ, काली मिर्च और पिप्पली का संयोजन है। यह आम दोष (चयापचय अपशिष्ट और विषाक्त पदार्थों), जो सभी रोग का मुख्य कारण है उसको दूर करता है। यह बेहतर पाचन में सहायता करता है और कब्ज करता है। यह यकृत को उत्तेजित करता है। यह तासीर में गर्म है और कफ दोष के संतुलन में मदद करता है।
तेजपत्ता, एक पेड़ से प्राप्त सूखे पत्ते है। यह तासीर में गर्म होता है। यह कफ और वातहर है। तेजपत्ते का सेवन पित्तवर्धक है। यह बवासीर के इलाज और स्वाद में सुधार करता है। तेजपत्ता कड़वा, मीठा, सुगंधित, कृमिनाशक, मूत्रवर्धक, वातहर और सूजन दूर करने वाला है। यह रक्त को साफ़ करता है और, भूख एवं पाचन को सुधारता है। यह भूख न लगना, मुँह का सूखापन, खांसी, सर्दी, मतली, उल्टी, गैस और अपच के उपचार के लिए आयुर्वेद में उपयोग किया जाता है।
मुलेठी को आयुर्वेद में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। इसे खांसी, गले में खराश, सांस की समस्याओं, पेट दर्द औरअम्लपित्त आदि में उपयोग किया जाता है। यह खांसी, अल्सर, के उपचार में और बाहरी रूप से भी त्वचा और बालों के लिए उपयोग किया जाता है।
मुलेठी का सेवन उच्च रक्तचाप, द्रव प्रतिधारण, मधुमेह और कुछ अन्य स्थितियों में नहीं किया जाना चाहिए।
इला / इलायची, के बीज त्रिदोषहर, पाचक, वातहर, पोषक, विरेचक और कफ को ढीला करने वाला है। यह मूत्रवर्धक है और मूत्र विकारों में राहत देता है। इलाइची के बीज अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, गले के विकार, बवासीर, गैस, उल्टी, पाचन विकार और खाँसी में उपयोगी होते हैं।
दालचीनी या दारुचिनी एक पेड़ की छाल है। यह वात और कफ को कम करती है, लेकिन पित्त को बढ़ाती है। यह मुख्य रूप से पाचन, श्वसन और मूत्र प्रणाली पर काम करती है। इसमें दर्द-निवारक / एनाल्जेसिक, जीवाणुरोधी, ऐंटिफंगल, एंटीसेप्टिक, खुशबूदार, कसैले, वातहर, स्वेदजनक, पाचन, मूत्रवर्धक, उत्तेजक और भूख बढ़ानेवाले गुण है। दालचीनी पाचन को बढ़ावा देती है और सांस की बीमारियों के इलाज में भी प्रभावी है।
पिप्पली, उत्तेजक, वातहर, विरेचक है तथा खांसी, स्वर बैठना, दमा, अपच, में पक्षाघात आदि में उपयोगी है। यह तासीर में गर्म है। पिप्पली पाउडर शहद के साथ खांसी, अस्थमा, स्वर बैठना, हिचकी और अनिद्रा के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह एक टॉनिक है।
मरिच या मरिचा, काली मिर्च को कहते हैं। इसके अन्य नाम ब्लैक पेपर, गोल मिर्च आदि हैं। यह एक पौधे से प्राप्त बिना पके फल हैं। यह स्वाद में कटु, गुण में गर्म और कटु विपाक है। इसका मुख्य प्रभाव पाचक, श्वास और परिसंचरण अंगों पर होता है। यह वातहर, ज्वरनाशक, कृमिहर, और एंटी-पिरियोडिक हैं। यह बुखार आने के क्रम को रोकता है। इसलिए इसे निश्चित अंतराल पर आने वाले बुखार के लिए प्रयोग किया जाता है।
अदरक का सूखा रूप सोंठ या शुंठी dry ginger is called Shunthi कहलाता है। एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है।
शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।
त्रिकटु या त्रिकुटा के तीनो ही घटक आम पाचक हैं अर्थात यह आम दोष का पाचन कर शरीर में इसकी विषैली मात्रा को कम करते हैं। आमदोष, पाचन की कमजोरी के कारण शरीर में बिना पचे खाने की सडन से बनने वाले विषैले तत्व है। आम दोष अनेकों रोगों का कारण है।
त्रिफला (फलत्रिक, वरा) आयुर्वेद का सुप्रसिद्ध रसायन है। यह आंवला, हर्र, बहेड़ा को बराबर मात्रा में मिलाकर बनता है। यह रसायन होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छा विरेचक, दस्तावर भी है। इसके सेवन से पेट सही से साफ़ होता है, शरीर से गंदगी दूर होती है और पाचन सही होता है। यह पित्त और कफ दोनों ही रोगों में लाभप्रद है। त्रिफला प्रमेह, कब्ज़, और अधिक पित्त नाशक है।
अजमोद, धनिया, हल्दी, साठी, सफ़ेद जीरा, लवंग, ये सभी पाचन तंत्र के सही तरह से काम करने में मदद करते है।
झंडु पंचारिष्ट के औषधीय गुण
- अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
- कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
- शोथहर: द्रव्य जो शोथ / शरीर में सूजन, को दूर करे।
- वातहर: द्रव्य जो वातदोष निवारक हो।
- विरेचन: द्रव्य जो पक्व अथवा अपक्व मल को पतला बनाकर अधोमार्ग से बाहर निकाल दे।
- पाचन: द्रव्य जो आम को पचाता हो लेकिन जठराग्नि को न बढ़ाये।
- दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए।
झंडु पंचारिष्ट के स्वास्थ्य लाभ
- यह पाचन शक्ति को बढ़ा कर खाए हुए भोजन को हजम करने में लाभकारी है।
- यह पेट में रुकी हुई गैस, वायु को नीचे की तरफ ले जाने वाली दवा है।
- यह गैस के दर्द में आराम देता है।
- यह लीवर को ताकत देता है।
- यह दस्त को साफ़ करता है और कब्ज़ में राहत देता है।
- यह शरीर को ताकत और स्फूर्ति देता है।
- यह पेशाब को उचित मात्रा में लाता है।
- यह मूत्र की विकृति को दूर करता है।
- यह रुचिकर है।
- यह गुणकारी है और शरीर में जल्दी अवशोषित हो जाता है।
- यह नए रक्त के बनने में मदद करता है।
- यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो की सेल्स को फ्री सेल डैमेज से बचाता है।
- यह मन्दाग्नि को दूर करता है।
- अश्वगंधा होने से यह मानसिक थकावट को दूर करता है नसों को ताकत देता है।
- इसमें आंवला, कुमारी, आदि हैं जो एसिडिटी को कम करने में सहायक है।
- यह भूख बढ़ाने वाला और पौष्टिक टॉनिक है।
- यह पेट के विकारों के उत्तम हर्बल ओटीसी दवा है।
- इसे लम्बे समय तक प्रयोग करने से कोई हानि नहीं है।
- यह अजीर्ण, पेट के रोग, अग्निमांद्य, गुल्म, कोष्ठबद्धता, अपच आदि में लाभप्रद है।
झंडु पंचारिष्ट का उपयोग Qualities and therapeutic uses
झंडु पंचारिष्ट पूरे पाचन तंत्र पर काम करता है और पाचन को सही करता है । पाचन के सही न होने से तरह-तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ होती हैं जैसे की एसिडिटी, गैस, अपच, पेट फूलना और कब्ज।
- झंडु पंचारिष्ट का नियमित प्रयोग इन समस्याओं में आराम देता है :
- अपच, अजीर्ण, बदहजमी
- एसिडिटी, खट्टी डकार
- पेट फूलना, पेट में भारीपन
- कब्ज़, सही से मोशन न होना
- भूख न लगना
- बार-बार अपच
- गैस, दर्द, मरोड़
- तथा अन्य पेट की समस्याएँ जो की बार-बार लम्बे समय तक होती है।
झंडु पंचारिष्ट सेवन बिधि
- 12-24 ml पंचारिष्ट को बराबर मात्रा पानी में मिलाएं।
- इसे नियमित रूप से खाने के बाद दो बार लें।
झंडू पंचारिष्ट साइड इफेक्ट्स इन हिंदी और नुकसान
- इसे निर्धारित मात्रा से अधिक मात्रा में न लें।
- झंडु पंचारिष्ट बड़ों के लिए है इसलिए छोटे बच्चों को न दें।
- अधिक मात्रा में सेवन से पेट में जलन और शरीर में अधिक गर्मी हो सकती है।
- इसे गर्भवस्था में न लें।
- इसमें द्राक्षा एक प्रमुख द्रव्य है, इसलिए मधुमेह में इसे न लें।
- आप झंडु पंचारिष्ट को लम्बे समय तक प्रयोग कर सकते हैं।
- इसे लेने से लाभ होता है, लेकिन यह कितना होगा यह बहुत से कारकों पर निर्भर करता है।
- यदि आपको पाचन की किसी भी प्रकार की समस्या है तो कृपया सही कारणों को जानने का प्रयत्न करें। रोग के सही कारण को जान लेने से उसका निवारण आसान होता है।
Where to buy, झंडू पंचारिष्ट की कीमत
आप झंडु पंचारिष्ट दवा को सभी फार्मेसी दुकानों पर या ऑनलाइन खरीद सकते हैं।
Zandu Pancharishta syrup Price MRP:
- 200 ml – Rupees 55.00
- 450 ml – Rupees 110.00
- 650 ml – Rupees 155.00
jhandu pancharist kaun kaun le sakta hai. kya male or female dono ke liyea hai. male le sakta hai ya nhi.
please reply
Dono le sakate hain
मैडम हम पहले पौरुष जीवन कैप्सूल खाते थे भूख के लिये ,2 साल खाए ,मुझे खाने से खूजली हो गई इसी कारण हम पौरुष जीवन खाना छोड़ दिये ।छोड़ देने के बाद अब हमें बिल्कुल बूख ही नही लग रहा है ।बहुत कमजोर हो गया हूं,तो क्या हम झंडु पंचरिस्ट ले सकते है।plz reply
Mam,
Mujhe nind me bahut disterbence Aati hai please help.
Mam Mujhe fresh hone mein 40 se 50 minute lagte hai kya mein jhandu pancharishta le sakta hu meri age 30 year hai.
ji aap ko kabj hai, isake liye aap ko 3 ltr roj paani peena chahiye aur 1 ghanta excercise karani chahiye, isake saath saath aap ko fal aur sabji jyda khanai hogi.
Kya zandu pancha rist dabites ma la sakta ha or Kya dabites ma iska fida ho ga
Mujhe Ibs सग्रहणी problem hai pet khane ke bad fula rahta hai or bharipan bhi rahta hai gas banta hai. kya me zandupancharist le sakta hu
Dear sir/ma’am,
Mera 3 month ka baby h or m use feed karati hu to Kiyam jhandu panchrisht syrup pi Sakti hu.
Plz reply urgently.
haan ji pee sakati hain
Hum ko doctor ne pet me ulcer bataya hai.
Doctor ki medicine bhi kha raha hun.
Abhi alophethy medicine bhi kha raha hun.
Kya hum jhandu pancharista le sakta hai.
Hum ko 2-3 years se kabhi -kabhi acidity ki bhi sikayat hai.
Dear sir madam muje daily pet me aciditi rhti he me kya kru
Dear mam , mujhe acidity and kabj ki samsya 2year she jai Kay mujhe zandu pancharist Lena chahiye
haan le sakate hain, lekin kabj ke liye aap ko apani dincharya sudharani hogi Kabj ka treatment
Sir mujhe pet ke niche ke hisse me dard rhetha hai koi dava btaye plz
जी किसी डॉक्टर को दिखा करा ट्रीटमेंट कराइये
It is the safe product
it is help to improve digestive system and how can i take
yes 100% safe, very effective, take it for at-least 3 months after meal, it is causes acidity then reduce quantity.
Mam mai ptla hu mujhe bhukh nhi lgti or mujhe susti rheti he kiya me jhandu panchares lai Sakta hu ise meri bimari dur ho sakti he
Name mujhe acidity banti h. Jiske karn gle me khichav or dard rhta. Acid dakar ke sath gle me aa jata h.gla me thuk suk jata h.kya panchayat sahi rhega.help me
Mam muje aksar kana kane ka baad wash room jana padta hai jiske waja hai mera kana jo ki thik se puchta nhi hai kabi be so muje ya lena chiya kiuki muje bhut prblm face karni ped rehi hai
ajeeb se dard rehta shayd gas hooo pet ve fulaa hua hai mera so
can u tel me mam wht i do
Dear man…
Mujhe 2-3 salo se pet ka smsya h..
Mujhe khana thik se nhi pchta ar bhut gas bante h; kbhi kbhi mal me aav aata h ar mal ptla ptla hota h…; ar pet saf nhi hota h din me 2-3 bar mal tyagne jana padhta h..; mai 22 yrs ka hu ar mera wight 50 kg h.
Kya mai jhandu pamcharistya upyog kr skta hu…?
Kutaja avaleha 1 month khaiye Kutajavaleha, usake baad Pancharishta 4~6 month pijiye.
Yah dawa 12 yrs k bachhe k liye use kar sakate hai.
i will advice to consult a dr.
Meri age 22 he or wieght 54 hight 5.8 h mam mujhe vajan badhana he kya karu…
itana weight kam nahi hai, do not try to gain weight, just try to stay healthy
Mam mujhe mal k Sath aav aati hai , mal mai chiknai naak jaisa padarth aata hai or kabhi kabhi Pani sa
Jis din mai kela kha leta hu us din nahi aati aav or
Mai rojaana Bel pathar ka ras pi Raha hu 20 days se tab se ye aav aani band ho gai hai
Kya iska koi permanent ilaj hai kya jhandupanchrist Lena theek hai
Mam mjhe ibs he kya me jhandu pancharisth le sakta hu
Mukh durghand ke liye.zendu pancharishta lena chihiye kya?
Kabhi kabhi mujhe kabaj ki sikayet rahti h,pet khul kar shaaf nhi hota,main 5km.ki morning walk bhi Marta hu,exercise bhi karta hu,fir bhi ye smasya h,kya jhndupancharist se dhik ho sakti h,
इसके साथ ३ लीटर पानी रोज पिए, और हाई फाइबर खाना खाएं, कुछ लोगों को नेचुरल कब्ज की शिकायत होती है,
हो सके तो रोज सोते समय २-३ गर्म त्रिफला खाएं या १ ग्लास दूध रात में ५ मल बादाम रोगन मिला कर पियें, इसका कोई पक्का इलाज नहीं है, मुझे खुद भी ये दिक्कत है.
Hello mam,
Mere pati ko gas ki samsya rahti he jiske karna unka sir dard hota he to kya wo jandu pancharishta ka sevan kar sakte he.
kisi ayurvedic dr ko dikha kar dawa len
Mujhe IBS ki problem h Kya m zandu pancharisht le sakta hu
yes, but it will be better if you try yourself what is causing ibs.
Dear mam
Mai jab bhe Khana kata hu mare Pat ful jata aur Khana bhut der take pachta hi nhi Pura din aalas rheta hai peat bhe saaf nhi hote hai .bhuk bhe achi nhi lagti .Pet bhari bhari rhta hai face ka tej Hi khatm ho gaya hai .Mari age 29 hai .Man problem Khan achae se nhi pachta . Please help . Thanks
do exercise regularly
Mere liver me garmi or asid both banta ha..khana khane ke bad dkar both ate ha.
Hi
Dear mam
Mere peat me kafhi problem rehti hai or mouth ke under pani sa aata rehta hai or bharipen sa rehta hai
Pet ke worm ki dawa len. Agar ho sake to dr ko dikha kar jaanch karayen.
Dear anupma mam……
Zandu pancharisht pachan kriya shi krne k sath sath kya yh shi vajan bdane me b shayk hoga….qki isne un sbhu jadi butiyo ka istmal kia gya h jo sahi vajan bdane me shayk hoti h …meru age 24 h hight 5.9 and weight 60… bt muje disation or gestic problm rhtu h ..isilir apse cnfrm krna chahta hu kripya uchit sujhaw de
Aap ka wajan bahut kam nahi hai, indigestion aur gastric ke liye ise kam se kam 2-3 month istemal karen aur haan, roj 3-4 liter paani piyen, ho sake to gunguna.
Is dawa ke alawa roj 45 min walk karen. You will see result after 1 month if you do above regularly.
Hi mera naam harpreet hai mere pet me dard rahta hai mai kon si daba bartu
First do checkup by consulting a doctor either Ayurvedic or Alopathic
Mujhe acidity rheti h pet fhulta khud mai le skta hu??
3 month lagatar lijiye
Ji kabj ke liye yahan padhe Kabj ke upay
Mujhe bhukh nahi lagta aur acidity rahta h kya Mai isse le sakta hu. Mujhe bone tb bhi h.
Please reply me.
yes, take it for 2-3 months
hi i am mukesh chakraborty ..i am 25 year old . Meri problem ye hai ki mail jo bhi khata hu wo digest nhi hota hai aur pet me gas banti hai ……pls give me solution ……
Start doing some exercise regularly, atleast 30-45 minutes. Drink 2-3 liter water daily and take zandu panch atishay. Do this for 3 months.
Hame khati chije bilkul nhi jachati hai koi nidan bataye.mere pet me acidity hoti hai.khaya piya lagta nhi hai.
mene jhsndhu pancharit ka upyog kiya he badiya labh prapat hua he
Meri mami ko shugar hai or kidni ki bimari hai kya main un ko desk tha hu kya