डेंगू बुखार की देशी आयुर्वेदिक दवाएं

There are some herbal or Ayurvedic home remedies that are highly effective in improving platelet levels and treatment of fever.

डेंगू दुनिया भर में पाया जाने वाला मच्छर जनित वायरल रोग है। पिछले 50 सालों मे इस रोग के फैलने में करीब तीस गुना वृद्धि हुई है। यह अब नए भौगोलिक इलाकों, देशों और शहरी-ग्रामीण क्षेत्रों में भी उग्र रूप से फ़ैल रहा है।

Dengue treatment hindi
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यह दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र, भारत, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, मालदीव, म्यांमार, श्रीलंका, थाईलैंड, भूटान, नेपाल, कैरेबियन, दक्षिण अमेरिका सहित अन्य बहुत से गर्म और आद्र देशों में लोगों को प्रभावित कर रहा है ।

डेंगू वायरस के चार अलग -अलग सिरो टाइप होते हैं | यह बुखार संक्रमित एडीज मच्छरों के काटने से होता है। संक्रमित मच्छर एक समय में जितने लोगों को काटता है उन सभी में डेंगू हो सकता है। डेंगू के मच्छर का लार्वा साफ़ पानी जैसे की A/C, कूलर, चिड़िया के पानी पीने के बर्तन, गमले से निकला पानी आदि में पैदा होते है। एलोपैथी में बुखार को कम करने के लिए पेरासिटामोल का प्रयोग लगभग छह घंटो के अंतराल पर किया जाता है। अगर डेंगू बुखार होने की संभावना हो तो कभी भी एस्पिरिन, ब्रुफेन ibuprofen का प्रयोग न करें क्योंकि यह दवाएं खून को पतला करती है और प्लेटलेट की संख्या को कम कर सकती हैं। अगर बुखार के साथ जटिलताएँ हो तो अस्पताल में भर्ती कर के ही उपचार किया जाता है। इसके अतिरिक्त गर्भावस्था होने पर, बच्चों को, बुढ़ापे में, मोटापा, मधुमेह, गुर्दे की बिमारियों से पीड़ित होने पर विशेष सतर्क रहने की आवश्कता है।

Dengue is a viral disease spread by mosquito bite. It is dangerous fever that needs timely treatment. In Allopathy it is treated using paracetamol and giving symptomatic treatment. There are some herbal or Ayurvedic home remedies that are highly effective in improving platelet levels and treatment of fever. This page is about dengue fever symptoms, treatment, diet and few important useful suggestions in Hindi.

संभावित डेंगू बुखार के लक्षण | Dengue Fever Symptoms in Hindi

यदि बुखार और निम्नलिखित लक्षण हो तो डेंगू की सम्भावना हो सकती है। परन्तु यह ध्यान रखना चाहिये बहुत से अन्य वायरल रोगों, बुखार, आदि के लक्षण भी डेंगू जैसे हो सकते है।

  • तेज बुखार (104-105 F) जो की 2-7 दिन तक रह सकता है
  • मिचली nausea, उल्टी vomiting
  • शरीर पर लाल चकत्ते red rashes
  • पूरे शरीर में दर्द, पेट में दर्द pain in whole body
  • सिर में दर्द, पैरों में दर्द head ache, pain muscles
  • आँखों में लाली redness in eyes
  • आँखों के पीछे दर्द pain behind wyes
  • जोड़ों पर सूजन joint swelling
  • ब्लड प्रेशर में गिरावट sudden drop in blood pressure

डेंगू बुखार के चेतावनी संकेत | Warning signs of dengue fever in Hindi

  • पेट में दर्द या कोमलता stomach pain or tenderness
  • लगातार उल्टी होना continues vomiting
  • शरीर में पानी का संचय fluid retention
  • नाक और मसूढ़ों से खून बहना bleeding
  • सुस्ती, बेचैनी lethargy
  • यकृत वृद्धि की > 2 सेमी liver enlargement

लैब जांच में HCT में वृद्धि तथा प्लेटलेट गिनती में तेजी से कमी drop in platelets

जब ये सब लक्षण दिखे तो लैब जांच जरुर करा ली जानी चाहिए। रोग को जल्दी पकड़ लेने से इलाज़ आसान हो जाता है और इस रोग के कारण होने वाली जटिलतायों से बचा जा सकता है।

डेंगू बुखार के आयुर्वेदिक या हर्बल उपचार | Dengue Fever Herbal Treatments in Hindi

गिलोय का काढ़ा Giloy decoction

गिलोय का काढ़ा घर पर तैयार किया जा सकता है। यह बुखार को कम करता है और प्लेटलेट्स को बनाए रखने में मदद करता है।

अंगूठे की मोटाई और करीब एक फुट लंबाई का गिलोय स्टेम या तना ले। इसे छोटे-छोटे टुकड़ों में काटें और पानी डाल के ग्राइंडर में पीस लें। इसमें काफी फाइबर होते है यह बहुत बारीक नहीं पिसता है। फिर एक लीटर पानी में कुची हुई गिलोय, श्यामा तुलसी (काली तुलसी) के 7 पत्ते और कुछ काली मिर्च को डाल कर तब तक पकाएं जब तक की पानी एक-डेढ़ गिलास बचे। इस काढ़े को छान कर इसकी तीन बराबर खुराक बना कर दिन में तीन बार लें।

गिलोय और पुनर्नवा Giloy and Punarnava

गिलोय (10 ग्राम) और पुनर्नवा (10 ग्राम) को खरल में कुचल कर करीब 160 मिलीलीटर पानी में उबाल लें। इसे तब तक पकाएं जब तक पानी 20-40 ml बचे। फिर इसे छानें और 10 ग्राम शहद डाल कर इसे दो या तीन बार मरीज की हालत के अनुसार दें। इसे लेते समय नमक का सेवन न करें।

पपीते की पत्ती का रस Papaya leaves Juice

पपीते की पत्ती का रस वास्तव में शरीर के लिए फायदेमंद है। यह शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकलता है और प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है। यह रोगनाशक है और डेंगू, चिकनगुनिया जैसे भयानक वायरल रोगों के उपचार में उपयोगी है।

पपीते की पत्ती में बहुत से एंजाइम होते हैं जो प्लेटलेट काउंट को बढ़ाते हैं। यह सामान्य रूप से खून का थक्का blood clotting बनने में भी मदद करता है। यह यकृत/ जिगर को होने वाले नुकसान की मरम्मत करता है और लीवर फंक्शन को बेहतर बनाता है।

डेंगू के उपचार के लिए पपीते की स्वस्थ्य नर्म पत्तियों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। केवल पत्तेदार हिस्से (डंठल छोड़ कर) ले और पानी से अच्छी तरह धो लें।

खरल में डाल कर पत्ते अच्छी तरह से कुचल दें और साफ हाथों से रस निचोड़ लें।

एक वयस्क दिन में दो बार या आठ घंटे के अंतराल पर 10 मिलीलीटर रसका सेवन करें। पांच साल से बारह उम्र के बीच बच्चों को पांच मिलीलीटर और ५ साल से कहते बच्चों को 2।5 मिलीलीटर रस दिन में दो बार दें ।

पपीते की पत्ती के रस में नमक, चीनी या अधिक पानी न डालें। यह रस कडवा होता है पर यह स्वस्थ्य के लिए अत्यंत हितकर है।

एलो वेरा का जूस Aloe Vera juice

२५-५० ग्राम की मात्रा मेंलेने से प्लेटलेट की संख्या में बढ़ोतरी होती है।

Triphala Churna

त्रिफला चूर्ण पांच ग्राम की मात्रा में शहद के साथ दें।

Punarnavarishta

पुनर्नवारिष्ट के सेवन से शरीर में होने वाली सूजन में फायदा होता है।

नीम की चाय Neem juice/tea

नीम के पत्ते की चाय या काढ़ा बना कर पीने से शरीर से विषाक्त पडार्ट निकल जाते है।

नीम की पत्ते का रस १० मिलीलीटर मात्रा में भी लिया जा सकता है।

मेथी की चाय Fenugreek tea

आधा टीस्पून मेथी के दाने करीब एक कप पानी में तब तक पकाएं जब तक वह आधा न हो जाये इसे छाने और पियें। यह चाय दिन में २-३ बार पीनी चाहिए।

यह हर्बल प्राकृतिक उपचार तभी शुरू कर दें जा रोग होने के पहले लक्षण दिखें।

डेंगू फीवर के लिए अन्य सुझाव

  • पर्याप्त आराम करें।
  • पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थों, ओआरएस, फलों का रस, संतरे का रस, अनार का रस और अन्य तरल पदार्थ का सेवन करें।
  • शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और पानी की कमी न होने दें।
  • दूध, फलों का रस, इलेक्ट्रोलाइट समाधान (ओआरएस) और जौ/चावल का पानी का सेवन करें।
  • गेंहू के जवारे का २०-२५ मल जूस सुबह पीने से शरीर में इलेक्ट्रोलाइट की आपूर्ति होती है और ताकत मिलती है।
  • विटामिन सी का सेवन करें यह इम्युनिटी को बढ़ता है और आयरन के अवशोषण में भी मदद करता है।
  • नारियल पानी पियें।

डेंगू बुखार में क्या खाना चाहये | What to eat in Dengue fever in Hindi

जब तक शरीर का तापक्रम सामान्य न हो जाये, रोगी को तरल आहार ही दें। दूध और फलों के रस के सेवन से शरीर में कमजोरी कम करने में साहयता होगी और ज़रूरी पोषक पदार्थों की आपूर्ति भी होती रहेगी।

डेंगू से कैसे बचे | How to prevent Dengue in Hindi

  • घर में सोते समय मच्छर दानी का प्रयोग करें।
  • घर में मच्छरभगान वाली कायल, लिक्विड आदि का प्रयोग करें।
  • बाहर जाने से पहले अच्छी तरह ओडोमोस, या अन्य कोई मोस्कीटो रेप्लेंट क्रीम का प्रयोग करें।
  • घर के आसपास पानी न इकठ्ठा होने दें।
  • अगर आस-पास में किसी को यह संक्रमण है तो विशेष सावधानी बरते।
  • कूलर, A/C, चिड़ियों के लिए रखे पानी, गमले में रुके पानी को साफ़ कर दें।

Since prevention is better than cure, avoid mosquito bites by using mosquito repellents coils, liquids and application of creams such as odomos.

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