सूजाक Gonorrhea Information, Symptoms, and Treatment in Hindi

गोनोरिया, नेइसेरिया गोनोरिएई, नामक बैक्टीरिया (जीवाणु) के द्वारा होता है। यह जीवाणु शरीर की म्युकस मेमब्रन में आसानी से अपनी संख्या को बढ़ाता है। सूजाक करने वाले बैक्टीरिया शरीर के गर्म और नम क्षेत्रों में बहुत आसानी से अपने आप को विकसित कर सकते हैं। यह गर्भाशय ग्रीवा / सर्विक्स, गर्भाशय, और फैलोपियन ट्यूब सहित, और मूत्रमार्ग में बड़ी तेज़ी से बढ़ते है। बैक्टीरिया मुंह, गले और गुदा में भी विकसित हो सकते हैं।

सुजाक, को गोनोरिया Gonorrhea और उष्णवात के नाम से भी जाना जाता है। यह एक यौन संचारित रोग sexually transmitted disease (सेक्सुअली ट्रांसमिटेड डिसीज एसटीडी है जो की स्त्री-पुरुष के संसर्ग intercourse से फैलता है। सुजाक संक्रामित व्यक्ति से सम्बन्ध बनाने से दूसरे को भी लग जाता है। यह पुरुष और स्त्रियों दोनों को हो सकता है। यह विशेष रूप से युवा लोगों को (उम्र 15-24 साल) जो यौन रूप से सक्रिय sexually active होते है उनमें ज्यादा देखा जाता है। यह गुप्तांग, मलाशय प्रभावित को करता है। पुरुषों में यह मूत्राशय से अंडकोष तक फ़ैल जाता है तथा स्त्रियों में योनि vagina के आस-पास , मूत्राशय, मूत्रनली को प्रभावित करता है। क्योंकि यह संक्रामित रोग है, इसलिए संक्रमित व्यक्ति के सामान जैसे की साबुन, तौलिया, आदि के इस्तेमाल से भी स्वस्थ्य व्यक्ति को हो सकता है।

इस रोग में मूत्र करते समय जलन, खुजली, दर्द, तथा असामान्य डिस्चार्ज होता है। शरीर में संक्रमण होने से बुखार भी आता है।

सूजाक रोग कैसे फैलता है?

गोनोरिया, नेइसेरिया गोनोरिएई, नामक बैक्टीरिया (जीवाणु) के द्वारा होता है। यह जीवाणु शरीर की म्युकस मेमब्रन में आसानी से अपनी संख्या को बढ़ाता है। सूजाक करने वाले बैक्टीरिया शरीर के गर्म और नम क्षेत्रों में बहुत आसानी से अपने आप को विकसित कर सकते हैं। यह गर्भाशय ग्रीवा / सर्विक्स, गर्भाशय, और फैलोपियन ट्यूब सहित, और मूत्रमार्ग में बड़ी तेज़ी से बढ़ते है। बैक्टीरिया मुंह, गले और गुदा में भी विकसित हो सकते हैं।

संक्रमित व्यक्ति के साथ किसी भी तरह का यौन सम्बन्ध sexual contact anal, vaginal or oral (गुदा, योनि, या ओरल) बनाने से यह रोग फैलता है। जिन लोगों के कई सेक्स पार्टनर हैं यह रोग उनमें ज्यादातर पाया जाता है। संक्रमण लगने के बाद 10-30 दिन बाद इसके लक्षण विकसित सकते हैं हो।

गर्भवती महिला से उसके बच्चे को यह संक्रमण प्रसव के दौरान हो सकता है।

प्रसव के दौरान यह रोग माँ से बच्चे को जा सकता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। इसलिए गर्भवती महिला को यह बात अपने डॉक्टर को स्पष्ट रूप से बता देनी चाहिए जिससे सही इलाज हो सके और बच्चे में स्वास्थ्य जटिलताओं कम हों।

सूजाक के क्या लक्षण हैं?

सूजाक के कुछ लोगों में कोई लक्षण नहीं होते। तथापि, जिन पुरुषों में लक्षण होते हैं वे निम्न हो सकते हैं:

पुरुषों में सुजाक के लक्षण

  1. पेशाब करते समय जलन
  2. लिंग से सफेद, पीले, या हरे डिस्चार्ज
  3. अंडकोष में दर्द या सूजन
  4. गुदा में संक्रमण, डिस्चार्ज, खुजली
  5. मोशन में दर्द, ब्लीडिंग

महिलाओं में सुजाक के लक्षण

सूजाक के ज्यादातर महिलाओं में किसी भी तरह के लक्षण नहीं है होते। अगर होते भी हैं तो वे अक्सर बहुत ही हल्के होते हैं और उन्हें केवल मूत्राशय या योनि संक्रमण समझ लिया जाता है।

महिलाओं में लक्षणों में शामिल हैं:

  1. पेशाब करते समय जलन-दर्द
  2. योनि स्राव में वृद्धि, योनि से हरा, सफ़ेद, या पीला डिस्चार्ज
  3. पीरियड के बिना वजाईनल ब्लीडिंग
  4. गुदा में संक्रमण, डिस्चार्ज, खुजली
  5. मोशन में दर्द, ब्लीडिंग
  6. सेक्स के बाद योनि से खून आना
  7. योनी की सूजन (vulvitis)
  8. गले की ग्रंथियों में सूजन (ओरल सेक्स से)
  9. सुजाक के लिए टेस्ट
  10. सुजाक को यूरिन टेस्ट / मूत्र परीक्षण से पता लगाया जाता है। पुरुषों में मूत्रमार्ग से और महिलाओं में गर्भाशय ग्रीवा से तरल पदार्थ का एक नमूना स्वाब swab लेकर प्रयोगशाला विश्लेषण के लिए भी भेजा जा सकता है। थ्रोट और एनल कल्चर से गले या गुदा में संक्रमण का पता लगाया जाता है।

सुजाक का शरीर पर प्रभाव

यदि सुजाक को सही से पता लगाकर दवाओं के उपचार द्वारा ठीक नहीं किया जाता तो महिला या पुरुष में, निम्लिखित गंभीर और स्थायी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं:

महिलाओं में

  1. सूजाक श्रोणि सूजन की बीमारी (पीआईडी) श्रोणि सूजन की बीमारी (पीआईडी)
  2. ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकों फैलोपियन ट्यूब
  3. एक्टोपिक या अस्थानिक गर्भावस्था (गर्भ के बाहर गर्भावस्था) अस्थानिक गर्भावस्था
  4. लंबे समय तक श्रोणि श्रोणि या पेट दर्द
  5. बांझपन बांझपन

पुरुषों में,

  1. अंडकोष अंडकोष से जुड़ी नलियों में दर्द
  2. दुर्लभ मामलों में, पुरुषों का बांझपन
  3. किसी-किसी केस में यह रक्त या जोड़ों में फैल सकता है। इस हालत में यह जीवन के लिए खतरा हो सकता है।
  4. क्या सूजाक ठीक हो सकता है?
  5. हाँ। सूजाक सही उपचार से ठीक हो सकता है।
  6. क्योंकि यह एक बैक्टीरियल इन्फेक्शन है इसलिए इसका उपचार एंटी-बाईटिक्स एंटीबायोटिक से किया जाता है।

सुजाक रोग में प्रयोग की जाने वाली आयुर्वेदिक दवाएं

  1. चन्द्रप्रभा वटी
  2. चन्द्रकला रस
  3. अश्वकंचुकी रस
  4. गंधक रसायन
  5. उष्णवातारि चूर्ण
  6. मंजिष्ठादि क्वाथ

सुजाक रोग के कुछ घरेलू उपचार Home Remedies for Sujak

  1. ताज़ी गिलोय Giloy 15 ग्राम की मात्रा में ले। इसे रात को कुचल कर पानी में भिगो दें। सुबह इसे मसल-छानकर पियें।
  2. बॉस के पत्तों Bamboo leaves+ अनंत मूल Anant Mula, दोनों 6 ग्राम की मात्रा में लेकर 400 मिलीलीटर पानी में काढा बनाकर पियें।
  3. बेल के पत्ते का रस Bilva leaves + ब्राह्मी Brahmi का रस, दोनों 6 मिलीग्राम की मात्रा में लें इसे छाछ के साथ मिलाकर पिए।
  4. कच्ची भिन्डी + मिश्री का 7-10 दिन तक सेवन करें।
  5. दूर्वा घास Durva का रस 2 चम्मच की मात्रा में लें। इसमें 5 काली मिर्च के दाने पीस कर मिला लें। इसे छानकर पिए।
  6. शीशम Sheesham leaves पेड़ के पत्ते, 25 ग्राम की मात्रा में पीस कर लेवें।
  7. पीपल के पत्तों Peepal leaves को उबाल कर छान लें। इस पानी में बकरी का दूध मिलाकर पियें।
  8. कब्ज़ न रहने दे। नियमित त्रिफला Triphala का सेवन करें।
  9. करेले के रस पियें।

बाह्य उपचार

  1. त्रिफला के 1-2 चम्मच पानी में उबाले लें। इस पानी से प्रभावित हिस्से को दिन में 3-4 बार धोवे।
  2. नीम के पत्तों को उबालकर, छान कर प्रभावित हिस्से को दिन में 3-4 बार धोवे।
  3. डिटोल Dettol पानी में डाल कर भावित हिस्से को दिन में 3-4 बार धोवे।

सूजाक का कैसे न होने दें ?

  1. किसी भी तरह के यौन संचारित रोग रोकने का तरीका है की संक्रमित व्यक्ति के साथ यौन सम्बन्ध न बनायें।
  2. संक्रमित व्यक्ति से कोई भी निजी समान शेयर न करें।

सूजक रोग में सावधानी

  1. प्रजनन अंगों को कई बार धोवें।
  2. खुजली न करें।
  3. रोग के दौरान सम्बन्ध न बनायें।
  4. हल्का सुपाच्य खाना खाएं।
  5. गर्म मिर्च, मसालों का सेवन न करें।
  6. खट्टे पदार्थ न खाएं।
  7. कब्ज़ न रहने दें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

*