शहद के कई लाभ हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता immunity को बढाता है। यह दिल, दिमाग, पेट, श्वषन और पुरे शरीर के लिए गुणकारी है।
शहद बहुत ही पौष्टिक होता है। आयुर्वेद में इसे मधु, पुष्परस, पुष्प रसोद्रव, पुष्पासक, माक्षिक आदि नामों से जाना जाता है। इंग्लिश English में इसे हनी honey के नाम से जाना जाता है। शहद खनिजों, विटामिनो, और ज़रूरी एमिनो एसिड्स का एक बहुत अच्छा मिश्रण है। शहद एक मल्टीविटामिन और टॉनिक है। यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो की कोशिकाओं को क्षति से बचाता है। यह बच्चों और वयस्कों सभी के लिए लाभकारी है।
यह न केवल भोजन है बल्कि एक औषधि भी है। पूरी दुनिया में इसे बहुत ही प्राचीन समय से उपयोग लिया जा रहा है। इसका वर्णन सुश्रुत संहिता में भी मिलता है। चरक ने इसे शरीर को पुष्ट, सुडौल, और बल बढ़ाने वाल अमृत बताया है। यह वीर्य बढ़ाने वाला, धातु पुष्ट करने वाला और प्रजनन क्षमता बढ़ाने वाला है। यह योगवाही होता है और इसके साथ ली जानी वाली औषधियों की शक्ति को बढा देता है। आयुर्वेद में शहद को दीर्घायु बनाने वाली औषध माना गया है। शहद एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटीफंगल होता है, इन सभी कारणों से यह एक बहुत ही अच्छा विकल्प है घावों के उपचार के लिए। शहद में एंजाइम की क्रिया से हाइड्रोजन पेरोक्साइड H2 O2 पैदा होता है जो जीवाणुओं को पनपने नहीं देता। ऑस्टियोपोरोसिस को नियमित रूप से शहद लेने से रोका जा सकता है। यह रक्त को साफ़ करता है और शरीर की सुन्दरता बढाता है। पेट के हर रोग में यह फायदा करता है। पेट दर्द में इसे पानी के साथ मिलाकर पीने से आराम मिलता है।
एक साल से कम पुराना शहद, नया कहलाता है और उससे बाद पुराना। पुराना शहद कफ, पित्त, वात और वज़न को कम करता है। नया शहद, दस्तावर laxative होता है।
शहद को अकेले या दूध या पानी के साथ लिया जा सकता है। शहद के सेवन करने की मात्रा २० ग्राम (वयस्क) और १० ग्राम (बच्चों) है।
शहद के पोषक तत्व या घटक
शहद मुख्य रूप से पानी और कार्बोहाइड्रेट से बना होता है। इसमें नियासिन, कैल्शियम, तांबा, राइबोफ्लेविन, लोहा, मैग्नीशियम, पोटेशियम और जस्ता पाये जाते हैं। शहद में फ्लैवनायड flavonoid और फेनोलिक एसिड phenolic acid भी पाया जाता है। गाढे रंग dark coloured honey के शहद में हल्के रंग के शहद की तुलना में थोड़ा अधिक एंटीऑक्सीडेंट anti-oxidant होता है।
शहद का पीएच pH आमतौर से 3.2 और 4.5 के बीच होता है। यह अम्लीय या एसिडिक होता है।
Average | Range | |
Fructose, % फ्रुक्टोस | 38.38 | 30.91 – 44.26 |
Glucose, % ग्लूकोज़ | 30.31 | 22.89 – 40.75 |
Minerals (Ash), % खनिज | 0.169 | 0.020 – 1.028 |
Moisture, % नमी | 17.2 | 13.4 – 22.9 |
Reducing Sugars, % | 76.75 | 61.39 – 83.72 |
Sucrose, % सुक्रोस | 1.31 | 0.25 – 7.57 |
pH अम्लता | 3.91 | 3.42 – 6.10 |
True Protein, mg/100g. | 168.6 | 57.7 – 567 |
शहद के लाभ Health Benefits of Honey in Hindi
शहद के कई लाभ हैं। यह रोग प्रतिरोधक क्षमता immunity को बढाता है। यह दिल, दिमाग, पेट, श्वषन और पुरे शरीर के लिए गुणकारी है।
- वज़न कम करता है improves metabolism and reduces weight
- रोगों से लड़ने की क्षमता को बढाता है improves immunity
- खांसी, कफ को कम करता है reduces cough and cures respiratory ailments
- थकान, कमजोरी और खून की कमी दूर करता है gives energy
- प्रजनन क्षमता को बढाता है improves fertility
- गठिया के दर्द को दूर करता है gives relief in arthritis
- जलन और मूत्राशय के संक्रमण को कम करता है gives relief in urinary infections
शहद के चिकित्सीय उपयोग Medicinal uses of Honey in Hindi
शहद आसानी से उपलब्ध और प्राकृतिक उत्पाद है। यह न केवल मिठास देता है अपितु बहुत ही गुणकारी भी है। इसका नियमित प्रयोग न केवल स्वास्थ्य को अच्छा करता है बल्कि बहुत से रोगों से भी बचाता है। इसका मुख्य घटक, कार्बोहाइड्रेट, फ्रुक्टोस और ग्लूकोज है। यह सुपाच्य है और पेट के लिए भी फायदेमंद है। शहद एक एंटीबायोटिक antibiotic एजेंट के रूप बहुत से संक्रमण के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता है। यह हर प्रकार के घाव पर लगाया जा सकता है जैसे की पैर में छाले, दबाव के कारण पैर में घाव, मधुमेह के कारण पैर में न ठीक होने वाला घाव, संक्रमित घाव चोट या सर्जरी से, और जलने के घाव। कई अध्ययनों ने दिखाया है की वो घाव जो बहुत मुश्किल से ठीक होने की स्तिथि में होते हैं या अन्य एंटीसेप्टिक antiseptic लगाने पर ठीक नहीं हो रहे उन पर भी शहद लागाने से अच्छे परिणाम मिले।
शहद लगाने से मृत ऊतक निकालने और नए कोशिकाओं new cell generation को बनने में मदद होती है। शहद घाव को तेजी से ठीक करता है और उसपर होने वाले घाव के निशान scarring को भी कम करता है। यह सूजन और दर्द में भी रहत देता है। जलने पर प्राथमिक चिकित्सा उपचार के रूप में इसे लगाने से बहुत लाभ होता है।
यह रोगाणुरोधी, एंटीऑक्सिडेंट, सूजन कम करने वाला, एंटीवायरल, और घाव को जल्दी भरने वाला है। इसके विभिन्न औषधीय उपयोग और उन्हें करने के तरीके नीचे दिए गए हैं।
खाँसी, सर्दी, मतली cough, cold, nausea
एक चम्मच तुलसी के रस के साथ शहद लेने से इन सभी स्वास्थ्य समस्याओं में आराम मिलता है।
जिन व्यक्तियों को दमा है उन्हें हर रोज शहद लेने से फायदा होता है।
नींद न आना insomnia
सोने से पहले दूध में एक चम्मच शहद मिला कर पियें।
जुखाम, खांसी sore throats
एक चम्मच शहद मुंह में रखें और धीरे-धीरे इसे गले से नीचे उतरने दें।
शहद और अदरक का रस बराबर मात्रा में मिलाकर लेने से काफी आराम मिलता है।
गला बैठ जाने पर Hoarseness of voice
शहद में मुलेठी मिलाकर दिन में कई बार लें।
माईग्रेन या आधासीसी Migraine
नाक में शहद की बूँदें डालने से फायदा होता है। अगर दायें साइड में दर्द हो तो बाएं नाक में और अगर बाएं साइड में दर्द हो तो दायें नाक में शहद डालें।
पेट में ऐंठन abdominal pain
सोंठ के powder को शहद के साथ लें।
कब्ज़ Constipation
एक कप दूध में एक बड़ा चम्मच शहद मिला कर पीने से लाभ होता है।
बच्चों के दांत निकलने में teething
थोडा सा शहद ऊँगली पर ले कर मसूड़ों की मालिश कर दें।
एनजाइना angina
खाने के बाद दिन में दो बार शहद का स्वान लाभकारी है।
बालों का झड़ना, गंजापन hair fall, baldness
गर्म ओलिव के तेल में एक चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी का पाउडर मिलकर कर नहाने से पहले सर पर लगा ले और 15 मिनट बबाद धो लें।
वज़न घटाने के लिए, पेट रोग में gastrointestinal problems
एक चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में घुला कर एक नीम्बो का रस मिलाकर खाली पेट सुबह पियें।
माहवारी में दर्द, ज्यादा खून बहना और सफ़ेद पानी painful menstrual periods, leucorrhea
हींग को घी में तल, एक चम्मच शहद के साथ मिश्रित कर तीन बार लेने से माहवारी में दर्द, ज्यादा खून बहना और सफ़ेद पानी leucorrhea की समस्या में आभ होता है।
गठिया Arthritis
एक भाग शहद, दो भाग गर्म पानी और एक छोटे चम्मच दालचीनी पाउडर का पेस्ट बना शरीर के दर्द वाले भाग पर मालिश करने से सूजन और दर्द में आराम मिलता है।
गठिया में, प्रतिदिन सुबह और रात को, एक कप गर्म पानी में दो चम्मच शहद और एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर मिला कर पीने से लाभ होता है। नियमित रूप से पीने से पुराने गठिया में बहुत लाभ होते देखा गया है।
या नाश्ते से पहले, एक बड़ा चम्मच शहद और एक छोटा चाय का चम्मच दाल चीनी पाउडर मिलकर लेने से लाभ होता है।
शहद को कभी गर्म नहीं करना चाहिए। गर्म शहद को आयुर्वेद में विष के समान कहा गया है। इसे गर्म चीज़ों के साथ भी मिलाकर नहीं लिया जाना चाहिए। चाय, काफी और अन्य गर्म पदाथों में मिला कर इसका प्रयोग न करे।
आयुर्वेद में केवल शरीर से जमा आम या विजातीय तत्वों को निकालने के लिए ही शहद को गर्म पानी में मिला कर पीने का प्रावधान है।
शहद को घी के साथ बराबर मात्रा में मिलाकर नहीं खाना चाहिए। शहद किसी पदार्थ में मिला कर उसका तुरंत प्रयोग करे।