बवासीर शायद बहुत अधिक दबाव, अतिसंवेदनशील नसों, मोटापा, अधिक देर तक खड़े या बैठे रहने से, लम्बे समय तक कब्ज़ रहने से, गर्भावस्था, दबाव के साथ शौच, तथा अन्य कारण से हो सकता है।
बवासीर, अर्श या पाइल्स में गुदा anus या मलाशय rectum के आसपास नसों nerves और मांसपेशियों muscles में सूजन हो जाती है। ऐसा संभवतः लम्बे समय तक, शौच के दौरान पड़ने वाले पर दबाव (कब्ज़ के कारण) से होता है। दबाव से सूजन हो जाती जो की पाइल्स में विकसित हो सकती है। बवासीर दो सामान्य श्रेणियों में वर्गीकृत किया जा सकता है: आंतरिक Internal piles और बाह्य External piles। आंतरिक बवासीर में मलाशय rectum के काफी अंदर जहाँ आप देख नहीं कर सकते वहां पर मस्से हो जाते हैं। बाहरी बवासीर गुदा anus के पास होता है। मोशन के दौरान यह दबाव के कारण बाहर आ सकता है और इसमें काफी दर्द होता है।
Also known as: Piles, hemorrhoids, haemorrhoids, Arsha, Arsh.
बवासीर या अर्श होने के कारण | Piles Causes of piles in Hindi
कोई भी किसी भी उम्र में बवासीर से प्रभावित हो सकता है। हालांकि यह गर्भावस्था और बुजुर्ग लोगों में अधिक आम हैं। बवासीर शायद बहुत अधिक दबाव, अतिसंवेदनशील नसों, मोटापा, अधिक देर तक खड़े या बैठे रहने से, लम्बे समय तक कब्ज़ रहने से, गर्भावस्था, दबाव के साथ शौच, तथा अन्य कारण से हो सकता है।
आहार, बवासीर में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जो लोग लगातार ज्यादा फाइबर वाला आहार लेते है उन्हें बवासीर होने की संभावना कम होती है। कब्ज, जो की कम फाइबर का खाना कहने और अपर्याप्त तरल पदार्थ का सेवन से होता है उसमें मल काफी कठोर हो जाता है। परिणामतः मल निकलने में मुश्किल होती है और नसों में घाव हो जाता है जहाँ पर मस्से बन जाते है। लेकिन जो लोग मैदा, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों, कम पानी, आदि लेते हैं उनमे बवासीर बवासीर होने का खतरा बढ़ जाता है।
- पेट abdomen में दबाव (मोटापा, कब्ज़, प्रेगनेंसी)
- लम्बे समय तक कब्ज, मल त्याग में बहुत अधिक जोर लगाना
- उम्र बढ़ने के साथ, कमजोरी के कारण
- लम्बे समय तक रहने वाला दस्त
- क्रोनिक खांसी
- परिवार के सदस्यों में पाइल्स का होना
- भारी वस्तु को उठाने से
- लंबी अवधि तक बैठे रहने से
- लंबी अवधि तक यात्रा करने से
बवासीर के लक्षण क्या हैं? | Symptoms of Piles in Hindi
पाइल्स हमेशा दर्द या अन्य लक्षण पैदा नहीं करते। लेकिन अगर लक्षण होता हैं तो इनमें शामिल हैं:-
- मल त्याग के दौरान चमकदार, ताज़ा, लाल खून का गुदा से बहना
- मोशन/मल त्याग के समय, दर्द, सूजन
- गुदा anus के पास खुजली, सूजन, मस्से होना
- गुदा से चिकने से म्यूकस mucous का निकलना
- मल त्याग motion के बाद दर्द और परेशानी (external piles)
बवासीर की रोकथाम | Prevention of piles in Hindi
बवासीर में कब्ज को दूर करने के किये ज्यादाफाइबर वाले आहार का सेवन करें । भोजन और नाश्ते में मुख्य रूप से सब्जियां, फल, नट्स और साबुत अनाज का इस्तेमाल करें। अगर ज्यादा फाइबर खाने से आपको पेट में गैस, पाचन की समस्या होने लगे तो इसे हर्बल स्प्प्लिमेंट्स का उपयोग करें जो की स्टूल को सॉफ्ट करे जैसे की इसबगोल की भूसी, त्रिफला चूर्ण का प्रयोग रात को सोते समय करें। प्रत्येक दिन कम से कम आठ गिलास पानी पियें और सक्रिय रहें। सिडेंटरी लाइफ-स्टाइल से बवासीर की समस्या बिगड़ सकती है। नमक का सेवन कम करें क्योंकि अतिरिक्त नमक शरीर में पानी प्रतिधारण और सूजन बढ़ा देता है।
निम्नलिखित जीवन शैली में बदलाव और खान-पान में बदलाव इसे रोकने में मदद कर सकते हैं:-
- फल, सब्जियां, साबुत अनाज, मेवे, फलियाँ, दालों आदि में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
- एक दिन में करीब फाइबर की 25-30g की मात्रा में खाएं।
- चोकर युक्त अनाज खाएं ।
- तरल पदार्थ का खूब सेवन करें।
- कैफीन वाले पेय का सेवन सीमित करने की कोशिश करें।
बबासीर का घरेलू उपचार | Piles Home Remedies in Hindi
- त्रिफला ५ ग्राम की मात्रा में रात को सोने से पहले गर्म पानी या दूध के साथ लें। ऐसा नियमित करें।
- रात को सोने से पहले कैस्टर Castor oil या बादाम का तेल Almond oil दूध के साथ लें।
- ५-१० ग्राम इसबगोल की भूसी Isabgol Bhusi गर्म दूध या पानी के साथ लें।
- रात को सोते समय १०-२० ग्राम गुलकंद का सेवन करें।
- कुटज छाल के काढ़े में सोंठ का चूर्ण मिलाकर पीने से ब्लीडिंग पाइल्स में लाभ होता है।
- अनार के फल का छिलका पानी में उबाल कर काढ़ा बना कर पीने से अर्श में रक्त स्राव बंद होता है।
बबासीर की आयुर्वेदिक दवाएं | Ayurvedic Medicines in Hindi
- अर्श कुठार रस
- अर्शोघ्नी वटी
- प्राणदा वटी
- कान्कायन वटी
- शुंठी घ्रित
बबासीर के लिए अन्य सुझाव | Few Suggestions for piles in Hindi
- खाने में मिर्च-मसालों का सेवन न करें।
- आसानी से पचने वाला सादा भोजन खाएं।
- समय पर भोजन करें।
- लम्बे समय तक एक जगह पर न बैठे रहें। अगर आप का काम ऐसा है की आप को एक जगह बैठे रहना पड़ता है तो अपनी जगह से हर घंटे उठ कर कम से कम पांच मिनट तक टहलें।
- पेट्रोलियम जेली गुदा के नादर लगायें जिससे मोशन में दर्द कम हो।
- बवासीर के मस्सों को स्क्रैच न करें, इससे आसपास त्वचा की क्षतिग्रस्त हो जाती हैऔर खुजली भी बढ़ जाती है । इसके बजाय, सूजन और जलन को कम करने के लिए क्रीम का उपयोग करे।
- स्नान नियमित रूप से करें और गुदा क्षेत्र को स्वच्छ रखें।