त्रिफला रसायन Triphala Rasayana in Hindi

त्रिफला (फलत्रिक, वरा) आयुर्वेद का सुप्रसिद्ध टॉनिक है। यह लगभग हर प्रकार के रोग में लाभदायक है। यह वात, पित्त और कफ को संतुलित करने, शरीर से गंदगी निकालने, आमपाचक गुण के कारण सर्वरोगनाशक माना गया है। यह दृष्टिवर्धक, रक्तवर्धक, और स्वास्थ्यवर्धक है। इसका सेवन रोगों को दूर भगाता है और निरोग देता है। अगर आप को कोई रोग नहीं भी है तो भी आप इसका सेवन कर सकते है।

त्रिफला आंवला, हर्र, बहेड़ा को बराबर मात्रा में मिलाकर बनता है। यह रसायन होने के साथ-साथ एक बहुत अच्छा विरेचक, दस्तावर भी है। इसके सेवन से पेट सही से साफ़ होता है, शरीर से गंदगी दूर होती है और पाचन सही होता है। यह पित्त और कफ दोनों ही रोगों में लाभप्रद है। त्रिफला प्रमेह, कब्ज़, और अधिक पित्त नाशक है। इसके सेवन से immunity बढती है तथा पाचन ठीक रहता है।

त्रिफला के अन्य नाम: फलत्रिक, वरा (संस्कृत में) इत्रिफल (यूनानी नाम)

गुण: प्रमेह, कफ, पित्त, को दूर करने वाला, कुष्ठ हरने वाला, मृदु विरेचक, रुचिवर्धक, और विषमज्वर नाशक है।

मुख्य घटक: टैनिन, अल्कलोइद्स, विटामिन सी, फ़्लेवेनोइड्स , गेलिक एसिड, चीबुलिनिक एसिड आदि।

त्रिफला के आयुर्वेदिक गुण

त्रिफला का सेवन शरीर में वात, पित्त और कफ तीनो को संतुलित करता है। यह पेशाब के रोगों / मेह को तथा पुराने चमड़ी के रोगों में लाभदायक है। यह भूख, पाचन और अवशोषण को बढ़ाता है। यह मलेरिया के बुखार / विषम ज्वर में भी लाभप्रद है। डेंगू में हेमरेज / रक्तस्राव को रोकने के लिए भी त्रिफला दिया जाता है। यह स्रोतों को साफ़ करता है।

  • रस (taste on tongue): मधुर, अम्ल, कटु, तिक्त, कषाय (लवण छोड़ कर बाकी सभी पांच रस)
  • गुण (Pharmacological Action): लघु, रुक्ष
  • वीर्य (Potency): शीत
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर

कर्म:

  • अनुलोमन: द्रव्य जो मल व् दोषों को पाक करके, मल के बंधाव को ढीला कर दोष मल बाहर निकाल दे।
  • कफहर: द्रव्य जो कफ को कम करे।
  • चक्षुष्य: नेत्रों के लिए लाभप्रद।
  • रसायन: द्रव्य जो शरीर की बीमारियों से रक्षा करे और वृद्धवस्था को दूर रखे।
  • शीतल: स्तंभक, ठंडा, सुखप्रद है, और प्यास, मूर्छा, पसीना आदि को दूर करता है।
  • विरेचन: द्रव्य जो पक्व अथवा अपक्व मल को पतला बनाकर अधोमार्ग से बाहर निकाल दे।
  • पाचन: द्रव्य जो आम को पचाता हो लेकिन जठराग्नि को न बढ़ाये।
  • दीपन: द्रव्य जो जठराग्नि तो बढ़ाये लेकिन आम को न पचाए। यह सप्त धातुओं को पोषित करता है।

चरक संहिता में त्रिफला को एक रसायन की तरह लेने की कई विधियाँ बताई गई हैं। इसे अन्य कई द्रव्यों के साथ, एक वर्ष तक निरंतर लेने से यह व्याधियों को दूर करता है, बल-शक्ति की वृद्धि करता है और निरोगी जीवन देता है।

How to use Triphala Rasayan and Recipe ?

१- त्रिफला रसायन

भोजन के पच जाने पर हरड़ का चूर्ण (अथवा एक हरड़ का गूदा ), भोजन के पहले बहेड़े का चूर्ण (अथवा दो बहेड़े का गूदा) और भोजन करने के पश्चात आंवले का चूर्ण (अथवा चार आंवले का गूदा) मधु और घी के साथ एक वर्ष तक प्रयोग करने से रोग दूर होते है और मनुष्य को आयुष्य मिलता है।

२- त्रिफला रसायन

त्रिफला को पीसकर कल्क / पेस्ट बना कर, नए लोहे के बर्तन में लेप लगाकर दिन-रात छोड़ दें। उसके बाद उसे उतार कर मधु और जल में घोलकर शर्बत बना प्रातःकाल एक बार सेवन करें। ऐसा निरंतर एक वर्ष तक करने से मनुष्य रोग रहित होता है। यह ताकत, बल और आयुष्य देता है।

३- त्रिफला रसायन

त्रिफला का चूर्ण एक सेर, मुलेठी एक पाव, वंशलोचन एक पाँव, पीपर एक पाव और मिश्री एक पाव- इन सभी का कपड़छन सूक्ष्म चूर्ण मिलाकर रख लेंवें। इस चूर्ण को 5 ग्राम की मात्रा में मधु और शहद (विषम भाग) में दिन में एक बार सेवन करें। ऐसा निरन्तर एक वर्ष तक करें। यह दीर्घायु,स्मृति, बुद्धि, तथा बल देगा। यह रसायन जनित गुणों से युक्त है।

४- त्रिफला रसायन

लौह भस्म, सुवर्ण भस्म, रौप्य भस्म, ताम्र भस्म, वंग भस्म, यशद भस्म, नाग भस्म, मीठावच चूर्ण, मधु घृत, वायविडंग, पिप्पली, और सेंधा नमक के साथ त्रिफला का एक वर्ष तक सेवन मेधा, स्मरणशक्ति और बल देता है। यह रोग दूर करने वाला उत्तम रसायन है।

अन्य त्रिफला रसायन

  1. त्रिफला को मिश्री, मधु-घी के साथ एक वर्ष तक लें।
  2. त्रिफला को विडंग और पिप्पली, मधु-घी के साथ एक वर्ष तक लें।
  3. त्रिफला को लवण, मधु-घी के साथ एक वर्ष तक लें।

Triphala churna side effects in Hindi

  1. इसको प्रेगनेंसी और स्तनपान के दौरान न ले।
  2. कुछ लोगों में त्रिफला मूत्रल गुण दिखाता है। वे लोग रात में इसे न लें क्योंकि यह नींद डिस्टर्ब कर सकता है।
  3. कुछ लोगों में इसका सेवन ज्यादा नींद लाता है।
  4. 6 साल से छोटे बच्चों को त्रिफला न दें।
  5. लम्बे समय तक लेने के लिए इसे कम मात्रा में और छोटी अवधि के लिए ज्यादा मात्रा में लिया जा सकता है.

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