पोटेशियम के फायदे, नुकसान और उपयोग विधि

पोटेशियम हृदय, गुर्दे तथा अन्य अंगो के सामान्य रूप से काम करने के लिए आवश्यक है। यह ऊतकों, कोशिकाओं, नसों और मांसपेशियों के लिए ज़रुरी है ।

पोटैशियम एक खनिज है जो की शरीर के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। पोटेशियम हृदय, गुर्दे तथा अन्य अंगो के सामान्य रूप से काम करने के लिए आवश्यक है। यह ऊतकों, कोशिकाओं, नसों और मांसपेशियों के लिए ज़रुरी है । यह पोषक तत्वों को कोशिकाओं के अन्दर और अपशिष्ट उत्पादों को कोशिकाओं से बाहर ले जाने में मदद करता है। पोटेशियम रक्तचाप को सामान्य रखने और शरीर में सोडियम के हानिकारक प्रभावों को भी कम करता है।

यह एक इलेक्ट्रोलाइट है। पोटेशियम सामान्य पाचन और मांसपेशियों के सही काम करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। पोटेशियम कई फलों, सब्जियों, फलियां सहित कई अन्य खाद्य पदार्थ जिसे की मांस, मछली आदि में पाया जाता हैं। डेयरी उत्पाद भी पोटेशियम के अच्छे स्रोत हैं।

शोध दिखाते हैं पोटेशियम हड्डियों को मजबूत बनाने और ऑस्टियोपोरोसिस की रोकथाम में पोटैशियम एक महतवपूर्ण भूमिका निभा सकता है, विशेष रूप से बुजुर्ग महिलाओं के बीच।

अध्ययन बताते हैं उच्च रक्तचाप होना और भोजन में पोटेशियम की कमी एक-दुसरे से जुड़े हैं। पोटेशियम का सेवन उच्च रक्तचाप में कमी लाता है।

अन्य अध्ययनों का सुझाव है कि पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थों के सेवन से हृदय रोग होने का खतरा कम होता है। जो लोग अपने आहार में पोटेशियम युक्त पदाथों का सेवन करते हैं उन्हें स्ट्रोक होने का खतरा कम होता है।

शरीर में पोटेशियम की कमी को हाइपोकैलेमिया hypokalemia कहते हैं। यह आमतौर पर तब होता है जब भोजन में पोटैशियम की कमी होती है या शरीर से पोटेशियम मूत्र या आंतों द्वारा खो दिया जाता है। अल्सरेटिव कोलाइटिस और आँतों में सुजन होने के कारण ऐसा हो सकता है। शरीर में पोटेशियम की कमी के कारण कमजोरी, ऊर्जा की कमी, मांसपेशियों में ऐंठन, पेट में गड़बड़ी, अनियमित दिल की धड़कन, और असामान्य ईकेजी EKG (electrocardiogram, a test that measures heart function) हो सकता है.

पोटेशियम के आहार स्रोत | Potassium Source In Hindi

पोटेशियम के अच्छे स्रोत में शामिल हैं केले, खट्टे रस (जैसे संतरे का रस), ऐवाकेडो, टमाटर, आलू, बीन्स आदि।

पोटेशियम के अच्छे प्राकृतिक खाद्य स्रोत:

  • केले
  • ऐवाकेडो Avocados
  • नट्स, जैसे की बादाम और मूँगफली
  • खट्टे फल जैसे की संतरा और अंगूर
  • हरी पत्तेदार सब्जियों जैसे पालक
  • दूध
  • जड़ वाली सब्जियां जैसे की गाजर और आलू

खाना पकाने में उबालने के कारण के कुछ खाद्य पदार्थों में पोटेशियम काफी मात्रा में नष्ट हो सकता है। इसलिए फलों का सेवन, जैसे की केले, संतरे आदि का सेवन अधिक लाभकारी है।

पोटेशियम की कमी के कारण | Potassium Deficiency Causes In Hindi

Potassium deficiencies कुछ लोगों में अधिक आम हैं जैसे की

कुछ दवाओं का उपयोग जैसे की मूत्रल diuretics, गर्भनिरोधक गोलियाँ

  • बहुत अधिक शारीरिक श्रम
  • एथलीटों में
  • आंतो के रोग, अल्सरेटिव कोलाइटिस
  • धूम्रपान, शराब, ड्रग्स आदि का सेवन
  • और संतुलित आहार का सेवन न करना

कितना पोटेशियम लेना चाहिए?

ज्यादातर लोग जो संतुलित आहार खाते हैं उन्हें पोटेशियम पर्याप्त रूप आहार से ही मिल जाता है। पर बहुत से लोग संतुलित आहार नहीं लेते और वे फलों और अन्य पौष्टिक पदाथों का कम ही सेवन करते हैं। ऐसे लोगों में पोटेशियम की कमी हो सकती है। कम पोटेशियम शरीर में विभिन्न रोगों का कारण हो सकता है जैसे की उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, स्ट्रोक, गठिया, कैंसर, पाचन विकार और बांझपन आदि।

कई पोटेशियम सप्लीमेंट्स जैसे की पोटेशियम एसीटेट, पोटेशियम बाईकारबोनेट, पोटेशियम साइट्रेट, पोटेशियम क्लोराइड आदि बाज़ार में उपलब्ध हैं। पोटेशियम multivitamins में भी पाया जाता है।

इन सप्लीमेंट्स को चिकित्सक के परामर्श से ही लेना चाहिए.

  • शिशु जन्म – 6 महीने: 400 मिलीग्राम/दिन
  • शिशु 7 महीने – 12 महीने: 700 मिलीग्राम/दिन
  • बच्चे 1-3 वर्षों: 3 ग्राम (3000 मिलीग्राम) / दिन
  • बच्चे 4-8 साल: 3.8 ग्राम (3800 मिलीग्राम) / दिन
  • बच्चे 9-13 साल: 4.5 ग्राम (4500 मिलीग्राम) / दिन
  • वयस्क 19 साल और उससे बड़े: 4.7 ग्राम (4700 मिलीग्राम) / दिन
  • गर्भवती महिला: 4.7 ग्राम (4700 मिलीग्राम) / दिन
  • स्तनपान कराने वाली महिला: 5.1 ग्राम (5100 मिलीग्राम) / दिन.

पोटेशियम की कमी को पूरा करने के लिए इसके सप्लीमेंट्स भी उपलब्ध हैं जो की चिकित्सक के पर्यवेक्षण के अंतर्गत ही लिये जाने चाहिए। जब तक डॉक्टर का प्रावधान न हो पोटेशियम सप्लीमेंट्स बच्चे को न दें।

पोटेशियम लेते समस्य सावधानियां

संभावित दुष्प्रभावों और दवाओं के साथ पोटाशियम का interaction परस्पर क्रिया, होने की वजह से पोटेशियम सप्लीमेंट्स आप केवल एक जानकार स्वास्थ्य देखभाल के पर्यवेक्षण के तहत ही लें ।

  • बुजुर्ग लोग पोटेशियम सप्लीमेंट्स लेने से पहले अपने चिकित्सक से बात करें।
  • Hyperkalemia या गुर्दे की बीमारी में पोटेशियम सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए।
  • सप्लीमेंट्स का दुष्प्रभाव: दस्त, पेट में जलन, और मतली आदि।
  • ज्यादा खुराक: मांसपेशियों में कमजोरी, स्लो हार्ट रेट और दिल की असामान्य धड़कन।
  • जो लोग ACE inhibitors, diuretics, एंटीबायोटिक trimethoprim और sulfamethoxazole (Bactrim, Septra)आदि लेते हों उन्हें पोटेशियम सप्लीमेंट्स नहीं लेना चाहिए।

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