जीका वायरस, एक मच्छरों के काटने से होने वाली वायरल बीमारी है। इसका वाहक येलो फीवर फ़ैलाने वाला मच्छर, एडीज ऐजिप्टी है तथा यह एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा भी फ़ैल सकता है। इसलिए खतरा ज्यादा है। एशियन टाइगर मच्छरों के द्वारा ही डेंगू और चिकनगुनिया फैलते हैं जो भी पूरी दुनिया की बहुत बढ़ी आबादी को बहुत बुरी तरह से प्रभावित कर करें है।
दशकों से, जीका वायरस, अफ्रीका और एशिया के भूमध्यरेखीय क्षेत्रों में पाया जाता रहा है। यहाँ पर इसके कटाने से हल्के, फ्लू जैसे लक्षण रैश की तरह देखे जाते रहे हैं। यह संक्रमण बहुत गंभीर नहीं होते थे।
लगभग 10 साल पहले, जीका वायरस, प्रशांत द्वीपों/पैसिफ़िक आइलैंड में भी फ़ैल गया। पिछले साल से यह साउथ अमेरिका के देशों में भी पाया जाने लगा जहाँ यह अब तक 1 लाख से अधिक ब्राजीलियाई को संक्रमित कर चुका है। यह अब लैटिन अमेरिका में तेजी से फैल रहा है। यह वाइरस ब्राजील के अलावा, कोलंबिया, एक्वीडोर, एल सल्वाडोर, ग्वातेमाला, हायती, मैक्सिको आदि को मिलाकर लगभग 18 देशों में पाया गया है।
जबसे साउथ अमेरिका के देशों में इसका संक्रमण बढ़ा तभी से वहां पर माइक्रोसिफेली microcephaly (नवजात बच्चों में सामान्य से छोटा सिर) से ग्रसित बच्चों की पैदाइश की संख्या भी बढ़ गई। जीका वायरस संक्रमण गर्भवती महिलाओं से उनके नवजात तक बच्चों पहुँचा।
माइक्रोसिफेली, एक एक बहुत ही गंभीर स्तिथि है क्योंकि इसमें सिर का आकार सामान्य से काफी छोटा होता है जिससे मस्तिष्क का विकास भी ठीक से नहीं हो पाता। इसके अतिरिक्त कान और आँखे भी इससे प्रभावित हो जाती हैं और सामान्य नहीं रहती।
अभी हाल ही में, संभवतः जीका वायरस से जुड़ा हुआ माइक्रोसिफेली के साथ अमेरिका में पैदा हुए पहले बच्चे के समाचार रिपोर्टों में आया था। बच्चे की माँ हवाई, में जाने से पहले गर्भावस्था के दौरान ब्राजील में रहती थी।
फ्रेंच पोलिनेशिया में स्वास्थ्य अधिकारियों ने भी यह रिपोर्ट किया की जीका वायरस फैलने पर फीटस/भ्रूण और नवजात शिशुओं, केंद्रीय तंत्रिका तंत्र विकृतियों के central nervous system malformations मामले में भी बढोतरी हुई।
अध्ययन बताते हैं, यह संक्रामक रोग, संक्रमित यात्रियों के द्वारा पश्चिमी गोलार्ध के गर्म और आद्र देशों में जा सकता है। संक्रमित यात्रियों को स्थानीय मच्छरों द्वारा काटने पर यह उन स्थानीय मच्छरों में फ़ैल जाएगा तब यह बहुत बढ़ी जनसंख्या को प्रभावित कर देगा।
जीका वायरस रोग के लक्षण
जीका वायरस के लक्षण, अन्य मच्छर जनित रोगों, डेंगू और चिकनगुनिया ही तरह होते हैं। जीका वायरस से संक्रमित होने पर लक्षण 2 से 7 दिन बाद दिखते हैं। शुरुआती लक्षणों में शामिल हैं हल्का सिरदर्द, बुखार, बैचेनी, लाल के रंग आदि।
जीका वायरस का सबसे आम लक्षण है बुखार, बेचैनी,जोड़ों का दर्द, और नेत्रश्लेष्मलाशोथ (आँखें लाल हो जाना)। बीमारी बहुत गंभीर नहीं होती और लक्षण करीब कुछ दिनों से लेकर एक हफ्ते तक रहते है।
- बुखार
- बेचैनी
- जोड़ों का दर्द
- नेत्रश्लेष्मलाशोथ (लाल आँखें)
- मांसपेशियों में दर्द और सिर दर्द
इलाज
अभी तक इस बीमारी का कोई वैक्सीन नहीं बन पायी है।
- लक्षणों से राहत पाने के लिए, आराम करें।
- पानी का सेवन करें जिससे डीहाईड्रेशन न हों।
- पैरासिटामोल/एसिटामिनोफेन का सेवन दर्द और बुखार से राहत देता है।
- ब्रुफेन, एस्पिरिन का सेवन नहीं करना चाहिए।
- इससे बचने का एक ही उपाय है कि कि मच्छरों से बचाव किया जाए।
- लोगों को और विशेषकर गर्भवती महिलाओं को उन स्थानों की यात्रा से बचना चाहिए जहाँ पर यह फैला हुआ है। ऐसी जगहों की लिस्ट में शामिल हैं
- प्यूर्टो रिको, मेक्सिको और दक्षिण अमेरिका में 20 अन्य देशों, मध्य अमेरिका, कैरिबियन, प्रशांत द्वीप समूह, और अफ्रीका।
- अगर ऐसी जगहों पर किसी की रहने की मजबूरी हैं तो मच्छरों के काटने से बचने के लिए रेप्लेंट क्रीम, मच्छरदानी, आदि का प्रयोग करें।
References: