आयुर्वेद में दालचीनी दवा के रूप में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है. दालचीनी में एक रासयन cinnamaldehyde होता है जो की एंटी-बैकटिरीयल और एंटी-फंगल होता है।
Cinnamon is obtained from the bark of a tree. It is used as a spice and medicine. It has carminative, astringent, topical, stimulant, aphrodisiac, anti-fungal, antibacterial, diuretic, digestive stimulant, and antiseptic properties. Here information is given about this medicinal spice cinnamon in hindi.
सिनामन को हिंदी में दालचीनी कहते हैं. दालचीनी, दक्षिण-पूर्व एशिया में पाए जाने वाले एक पेड़ की छाल है। इसका प्रयोग मुख्यत: एक मसाले और औषधि के रूप में होता है. दालचीनी को संस्कृत में \’त्वक\’ और \’दारूसिता\’ के नाम से जाना जाता है और आयुर्वेद में इसे दवा के रूप में बहुत पुराने समय से इस्तेमाल किया जाता रहा है. दालचीनी में एक रासयन cinnamaldehyde होता है जो की एंटी-बैकटिरीयल और एंटी-फंगल होता है. आजकल दालचीनी की छाल का चूर्ण, कैप्सूल, चाय, अर्क आदि उपलब्ध हैं।
दालचीनी के प्रमुख घटक
दालचीनी में उड़नशील सुगन्धित तेल, सिनैमिक एसिड, राल, टैनिन, शर्करा, म्युसिलेज व् क्षार होता है।
आयुर्वेदिक गुण और कर्म Properties and Action
- रस (स्वाद): मधुर, कटु, तिक्त
- गुण (विशेषताएँ): लघु/हल्का, रुक्ष/सूखा, तीक्ष्ण/तीव्र
- वीर्य (शक्ति): उष्ण/गर्म
- विपाक (पाचन के बाद प्रभाव): कटु
कर्म Action on Body
- कफ-वात हर
- पाचन बढाने वाला
- रुच्य (स्वाद बढ़ाने वाला)
- विषघ्न, विष नष्ट करने वाला
- गला साफ़ करने वाला
- आयुर्वेद में दालचीनी का प्रयोग निम्न में किया जाता है:-
- अर्श/piles
- दिल की बीमारियाँ/heart diseases
- बहुत प्यास लगना/Excess thirst
- मुंह के रोग/Oral diseases
- पिनास (nasal catarrh)
- वस्ति रोग या मूत्र रोग/Urinary problems such as painful urination, burning sensation
- अन्य रोग जिनमे दालचीनी का प्रयोग फायदेमंद है:-
- गैस, ग्रहणी, पेट में दर्द, पेचिश, अपच indigestion
- स्वाद न आना, आँतों की सूजन
- रक्त शोधक purification of blood
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन Erectile dysfunction
- हर्निया, बिस्तर गीला करना,
- रजोनिवृत्ति के लक्षण, मासिक धर्म की समस्याओं और गर्भपात करने के लिए
- सीने में दर्द, गुर्दा रोग, उच्च रक्तचाप, ऐंठन
- खांसी, जुखाम, सांस लेने में तकलीफ Asthma
दवा के रूप में दालचीनी पाउडर की निर्धारित मात्रा 1-3 ग्राम है।
साइड इफेक्ट्स Side-effects, Caution, Warning
दालचीनी ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है यदि इसे एक दिन में केवल 6 ग्राम तक की मात्रा में, 6 सप्ताह या उससे कम दिनों तक ही, लिया जाए।
- कुछ लोगों में दालचीनी से एलर्जी हो सकती है। Allergic reactions are possible।
- लंबी अवधि के प्रयोग के लिए दालचीनी संभवतः असुरक्षित है। Not to be used for long duration।
- दालचीनी का त्वचा पर बाहरी प्रयोग कभी कभी त्वचा में जलन और एलर्जी प्रतिक्रिया कर सकता है।
- ज्यादा मात्रा में लेना शरीर पर दुष्प्रभाव करता है। आयुर्वेद में लिखा गया है इसकी ज्यादा मात्र विष समान है।
- जिगर की बीमारी में इसका सेवन स्थिति को और खराब कर सकता है। Do not use in liver diseases।
- दालचीनी का प्रयोग गर्भावस्था में न करें. It has abortifacient properties. Do not use in pregnancy।