स्वास्थ्य गुडों से भरपूर करी-पत्तों को चटनी बनाने और नमकीन चावल, पुलाव, सब्जी, सांभर, ढोकला आदि में छौंक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है। जानिये कड़ी पत्ता का उपयोग, करी पत्ता के नुकसान, कड़ी पत्ता फॉर हेयर, कड़ी पत्ता के नुकसान।
Murraya koenigii मुराया कोइनिजी, साइट्रस परिवार का पेड़ है। इसे मीठा नीम, करी-लीफ, कढ़ी-पत्ता और करी-पत्ता के नाम से भी जाना जाता है। भारत समेत यह पौधा, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण और पूर्व एशिया के अन्य देशों में भी पाया जाता है। यह पूरे भारत वर्ष में 1500 से 1700 मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। देश के कई हिस्सों में, जैसे की आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु के कुछ जिलों में, इसकी व्यावसायिक पैमाने में खेती की जा रही है।
इसकी पत्तियां को बड़े पैमाने पर खाना बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। करी पत्ते को भारत से बाहर के देशों में निर्यात भी किया जाता है।
करी-पत्तों को चटनी बनाने और नमकीन चावल, पुलाव, सब्जी, सांभर, ढोकला आदि में छौंक लगाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
कढ़ी पत्ते का पाउडर powder of curry leaves आप छाछ, लस्सी, रायते, नमकीन आदि में डाल सकते है। इसे बनाने के लिए, इसके पत्ते भली प्रकार से धो कर सुखा लें। सूखने के बाद इसे पीस लें।
कड़ी पत्ता के पेड़ की सामान्य जानकारी
वर्गीकरण (Classification)
- जगत (Kingdom): Plantae
- प्रभाग (Division): Magnoliophyta
- संवर्ग (Class): Magnoliospida
- गण (Order): Sapindales
- कुल (Family): Rutaceae
- वंश (Genus): Murraya J।Koenig ex L।
- जाति (species): Murraya Koenigii L। Spreng।
- वानस्पतिक नाम: Murraya koenigii मुराया कोइनिगी
- Synonyms: Bergia koenigii, Chalcas koenigii
कड़ी पत्ता के स्थानीय नाम / Synonyms
- Ayurvedic: Surabhini-nimba, Girinimba, Suravi सुरभिनी निम्ब, गिरी निम्ब, सुरवी
- Unani: Karipatta करी पत्ता, kadi patta
- Siddha: Karuveppilei, Karivempu, Kattuveppilei
- Bengali: Barsunga
- Gujarathi: Mitho Limdo
- Hindi: Meetha neem, Kari patta, Kathnim, Bursunga, Kadi patta मीठा नीम, करी पत्ता, काठ नीम
- Kannada: Karibevu
- Malayalam: Kariveppilei, Kareapela
- Marathi: Karipat, Karhi patta, Karhinimb, Jhirang
- Oriya: Bansago
- Tamil: Karivempu, Karuveppilei, Karivepila
- Telugu: Karepaku, Karuvepaku
- English: Curry leaf
औषधीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल भाग: पत्ते
पौधे का प्रकार: छोटा पेड़ या झाड़ी
वितरण: पूरे भारतवर्ष में; भारत का मूल निवासी;
करी पत्ता हिमालय के निचले हिस्सों से ले कर सिक्किम और प्रायद्वीपीय भारत तक, 1700m की उंचाई में पाया जाता है। यह श्रीलंका, बर्मा, दक्षिण चीन में भी पाया जाता है। भारत में वाणिज्यिक खेती तमिलनाडु और कर्नाटक राज्यों तक सीमित है।
जलवायु: कढ़ी पत्ते के पेड़ को कोई विशिष्ट जलवायु अनहि चाहिए। यह शुष्क जलवायु में भी अच्छी तरह से रह सकता है।
कड़ीपत्ता के पत्तियों के संघटक
करी-पत्ते की पत्तियों में 66.3% नमी; 6.1% प्रोटीन; 1.0% वसा; 16.0% कार्बोहाइड्रेट; 64.0% फाइबर; 4.2% खनिज पदार्थ; पर 100 ग्राम में (in per 100 grams): 810.0 मिलीग्राम कैल्शियम; 600.0 मिलीग्राम फोस्फोरस; 3.1 मिलीग्राम आयरन: 12600 i.u.कैरोटीन (विटामिन ए); 2.3 मिलीग्राम निकोटिनिक एसिड और 4 मिलीग्राम विटामिन सी पायी जाती है।
पत्ते विटामिन ए और कैल्शियम का अच्छा स्रोत हैं। लेकिन ओक्सालिक एसिड oxalic acid अधिक मात्रा में होने के कारण, कैल्शियम की उपलब्धता कम हो जाती है।
Pharmacological properties
करी पत्ते का प्रयोग भोजन में छौंक और औषधीय रूप में होता है। इसका सेवन चटनी, चूर्ण की तरह किया जा सकता है। इसमें नीचे दिए गए औषधीय गुण पाए जाते हैं जो की इसके सेवन से शरीर में रोग के निवारण में मदद करते हैं।
- Antidiabetic, hypoglycemic: शुगर लेवल को कम करता है।
- Hypolipidemic लिपिड के लेवल को कम करता है।
- Antioxidant यह एक एंटीऑक्सीडेंट है जो फ्री-रेडिकल डैमेज से रक्षा करता है।
- Stomachic यह भूख बढ़ाने वाला है
- Antiprotozoal प्रोटोजोआ के विरुद्ध काम करता है
- Promotes appetite and digestion भूख और पाचन को सुधारता है।
- Anti-dysenteric डीसेंट्री को कम करता है।
- Hypocholesterolemic कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
- Antiulcer पेट के अल्सर से बचाव करता है।
Health benefits of Curry leaves (Kadi patta) in Hindi कढ़ी पत्ता के स्वास्थ्य लाभ
- यह दृष्टि में सुधार improves vision करने में उपयोगी है।
- यह रक्त में शर्करा के स्तर और रक्तचाप lowers sugar level and blood pressure को कम करता है।
- यह पेंक्रियास के बीटा-सेल्स को एक्टिवेट करता है जिससे मधुमेह diabetes नियंत्रित होती है।
- यह भूख appetite और पाचन digestion को बढ़ावा देता है और शरीर में मौजूद रोगजनक जीवाणुओं को नष्ट करता है।
- यह दुर्बलता, त्वचा रोग, कृमि और विष में उपयोगी है।
- यह कफ और पित्त, पेट का दर्द, पेट फूलना आदि में उपयोगी होते है।
- दस्त loose motion, पेचिश dysentery, उल्टी vomiting, सूजन swelling और अल्सर gastric ulcer में पत्तों के नियमित सेवन से लाभ होता है।
- भूख बढ़ाने, शरीर को मजबूत बनाने और गैस्ट्रिक परेशानी को खत्म करने में मदद करता है।
- यह एक मृदु विरेचक mild laxative है।
- पत्ते लोहे, जिंक, कॉपर, एमिनो एसिड, फोलिक एसिड, विटामिन A और B के अच्छे स्रोत हैं।
- यह एक एंटीऑक्सीडेंट antioxidant है जो शरीर को फ्री रेडिकल डैमेज से बचाता है।
- यह किडनी, लीवर, पेट, और बालों के लिए लाभकारी है।
- कड़ी पत्ते को तेल में पकाकर जो औषधीय तेल बनता है उसे बालों में लगाने से बालों को मजबूती मिलती है और यह बालों को काला भी करता है।
Medicinal Uses of Curry leaves/Kadi patta in Hindi करी पता के औषधीय प्रयोग
आँखों की रौशनी के लिए Vision improvement
करी लीफ के सूखे पत्ते घी में तल कर पीस कर पाउडर बना कर रख लें इसे १ चम्मच पाउडर की मात्रा में पके चावल, नमक और घी के साथ मिला कर खाने से आँखों की रौशनी तेज़ होती है।
उच्च रक्तचाप high blood pressure
करी पत्ते के पेस्ट को गर्म पानी के साथ लें।
मधुमेह में diabetes
रोज़ १२ ग्राम पत्तियों का सेवन करने से फास्टिंग और खाना खाने के बाद ब्लड शुगर लेवल में कमी होती है। इसे रोज़ कुछ महीने तक १२ ग्राम की मात्रा में खाएं।
अजीर्ण indigestion
अजीर्ण होने पर मूंग की दाल में करी-पत्ते की छौंक लगाकर खाने से अपानवायु दूर होती है और भूख सही लगती है। यह पचने में भी आसान है।
उल्टी, मितली nausea, vomiting
ऐसे में २०-३० करी पत्तों को २०० मिलीलीटर पानी में उबाले और आधा होने तक पकाएं। इसे छान कर रख लें। इस पानी को २-३ चम्मच की मात्रा में प्रति १५ मिनट पर पियें।
पेचिश, डिसेंट्री dysentery
- लूज़ मोशन में पत्तों को चबा कर खाएं।
- जलने पर burns जहरीले कीटों के काट लेने पर bites of poisonous animals, फोड़े skin eruption
- पत्तों को पीस कर बाहरी रूप से लेप करें।
दातुन datum
करी पत्ते की टहनी को दातुन की तरह प्रयोग कर दांतों और मसूड़ों को मजबूती मिलती है।
बालो के लिए Use of Curry leaf for hair problems
1. इसके पत्तों का पेस्ट बालों में लगाने से जुओं lice से छुटकारा मिलता है।
2. १०० ग्राम नारियल के तेल में मुट्ठी भर करी पत्ते उबाल लें। तेल तब तक पकाएं जब तक की सारी नमी हट जाए। ठंडा होने पर छान कर रख लें और बालों में मसाज करें। यह बालों को मजबूत बनाता है और उनको काला करने में मदद करता है। It strengthens hair and prevents premature hair greying.
3. करी पत्ते का आंतरिक सेवन भी बालों को मजबूती देता है।
आप करी पत्ते को चटनी के रूप में खा सकते है। एक दिन में 10-15 ग्राम करी पत्ते का सेवन करें। Take only 10-15 grams of curry leaf internally in a day.
REFERENCES
- Kumar VS, Sharma A, Tiwari R, Kumar S। Murraya koenigii: A review। J of Med and Aromat Plant Sci 1999; 21:1139-1144
- Harish K Handral, Prashanth Kumar Jha, Shruthi SD। Pharmacognostic and phytochemical studies on the leaves of Murraya koenigii L Spreng। Pharmacophore 2010
- Kawaljeet Kaur, Arvind Kumar Gupta, Sayeed Ahmad, Perwez Alam। Pharmacognostic studies on bark of Murraya koenigii Spreng। International Journal of Research in Pharmaceutical and Biomedical Science 2011
- Rakesh K Sindhu, Sandeep Arora। Phytochemical and Pharmacognostical Studies on Murraya koenigii L spreng Roots। Drug Invention Today 2012
- Narasimhan NS, Paradkar MV, Chitguppi VP, Kelkar SL। Alkaloids of Murraya koenigii: Structures of mahanimbine, koenimbine, – -mahanine, koenine, koenigine, koenidine & + – isomahanimbine।
- Kadam SH, Dombe S, Naikwadi P, Patil M। Cardiovascular Effects of Aqueous Extract of Murraya koenigii on Isolated Perfused Frog Heart Preparation। Journal of Pharmacy Research 2011
- Dineshkumar B, Mitra A, Mahadevappa M। Antidiabetic and hypolipidemic effects of mahanimbine carbazole alkaloid from Murraya koenigii Rutaceae leaves। International Journal of Phytomedicine 2010
- Extract of Murraya Koenigii Linn। Leaves in Cognitive Deficit Aged Mice Involving Possible Anticholinesterase and Cholesterol Lowering Mechanism। International Journal of PharmTech Research 2010
- Praveen Sharma, Vidyasagar Gali, Anil Bhandari, Sunder Singh, Santosh Ghule, Shish Agrawal et al। Antiulcer Activity of Leaves Extract of Murraya Koenigii In Experimentally Induced Ulcer In Rats। Pharmacologyonline 2011
- Khan BA, Abraham A, Leelamma S। Hypoglycemic action of Murraya Koenigii curry leaf and Brassica juncea mustard: mechanism of action। Indian Journal of Biochemistry and Biophysics 1995
- Shah AS, Wakade AS, Juvekar AR। Immunomodulatory activity of methanolic extract of Murraya koenigii L। Spreng leaves। Indian Journal of Experimental Biology 2008
- Gupta S, George M, Singhal M, Sharma GN, Garg V। Leaves extract of Murraya koenigii Linn। for anti-inflammatory and analgesic activity in animal models। Journal of Advanced Pharmaceutical Technology and Research 2010
- Goswami RB, Prabhat Khare, Sukhwant Singh, Neelima Goswami, Princey Thomas, Uma Devi P et al। Studies on antigenotoxic of Murraya Koenigii। International Journal of Pharma Recent Research 2010
- Khuntia TK, Panda DS। Evaluation of antibacterial, antifungal and anthelmintic activity of Murraya koenigii Spreng। An International Journal of Pharmaceutical Sciences 2011;
- Anand T, Kalaiselvan A, Gokulakrishnan K। Wound healing activity of Murraya koenigii in Male Albino Rats। International Journal of current research 2011
The best part about this benefit is that you can either choose to eat the curry leaves to help with your hair woes or apply it to your scalp as a remedy.
nice but how i share it in my face book
copy url and share on you status
nice i needed a essay on curry leaves in hindi n i finally found it thks to u bimbim.com
nice man