दन्ती एक औषधीय पौधा medicinal plant है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कई दवाएं के निर्माण में होता है। दन्ती को जंगली जमालघोटे की जड़ भी कहा जाता है।
दन्ती एक औषधीय पौधा medicinal plant है। आयुर्वेद में इसका प्रयोग कई दवाएं के निर्माण में होता है। दन्ती को जंगली जमालघोटे की जड़ भी कहा जाता है।
आयुर्वेद में दो तरह की दंती का विवरण मिलता है, लघुदंती laghu Danti और बृहदंती brih Danti। लघुदंती की जड़ें छोटी होती है और बृहदंती या द्रवन्ती की जड़ें बड़ी और ज्यादा होती है। भावप्रकाश के अनुसार दोनों ही क्रोटन पोलीएनड्रम पौधे की जातियों से प्राप्त होते हैं।
लघुदंती को विशल्या, उदुम्बरपर्णी, एरण्डफला, श्येनघंटा, घणुप्रिय, निकुम्भ, मुकूलक आदि नामों से संस्कृत में जाना जाता है। हिंदी में छोटी दंती, बंगाली में दन्तीगाँछ, मराठी में लघुदन्ति, गुजरती में नाहानी नपालो, इंग्लिश में क्रोटन सीड्स कहा जाता है।
बृहदन्ती या द्रवन्ती को चित्रा, अर्कपर्णी, वृषा आदि नामों से जाना जाता है। हिंदी में इसे बड़ी दन्ती, मंगुलाई, अंड; मराठी में वृह्दंती, गुजराती में मोटो नेपालो कहा जाता है।
दोनों ही प्रकार की दंती दस्तावर Purgative, Cathartic, पाक और रस में चरपरी, पाचन को बढ़ने वाली, तीक्ष्ण, और स्वभाव में गर्म होती है। दंती को गुदरोग, पथरी, शूल, गुल्म, बवासीर, खुजली, कोढ़, जलन, पित्त और रुधिर विकार, कफ, सुजन, उदर और कृमि रोग में प्रयोग करते हैं।
Vernacular names
Sanskrit: Anukheti, Anukula, Artagala, Bhadra, Danti, Danti-Nana, Dantika, Dravanti, Erandapatri, Erandaphala, Gunapriya, Jayapala, Kakubha, Kumbhachitra, Kumbhi, Kurantaka, Makunaka, Mukulaka, Nagadanti, Nagasphota, Nepala, Nikumba, Nikumbha, Nikumbhah, Nikumbhi, Nishalya, Nishkumbha, Pratyakparni, Pratyaksreni, Raktadanti, Rechani, Ruksha, Shwetaghanta, Shyenaghanta, Sighra, Taruni, Udumbaraparni, Upachitra, Upakulya, Varahangi, Vishalya, Vishodhini, Jangli-Jamalgota.
- Unani: Danti
- Hindi: Dante, Danti, Hakni, Hakum, Hakun, Hakuna, Jangli Jamalghota, Jangli-Jamalgota.
- Kannada: Danthi, Danti, Dantika, Kaadu Haralu, Kaduharalu, Naaga Danti, Naagadanthi
- Malayalam: Danti, Dantika, Katalavanakku, Naga-Danti, Nagadanti, Nakadanti, Nervalam, Niradimuttu, Niratimuttu.
- Marathi: Buktumbo, Danti, Jamalgot.
Tamil: Appaiccevakacceti, Appaiccevakam, Cimai Amanakku, Cimaiyamanakku, Ilantanamanakku, Kanniyucari, Kanniyucaricceti, Kattamanakku, Kattamanakku, Kattamankku, Kumpam, Maniyamanakku, Maniyamanakkucceti, Nagdanti, Nakatanti, Nepalam, Nir Adimuttu, Niradimuttu, Niratimuttu, Nirettimuttu, Nirvetti, Parankiyamanakku , Peyamanakku, Shimai-Amanakku, Timpalai, Turuvati.
Telugu: Erradundiga, Ettadundiga, Kanaka Pata, Kanakapaata, Kanakapata, Kondamudamu, Neelajidi, Nela Jidi, Nelajidi.
Trade Name: Danti, Jangli Jamalgota
आयुर्वेदिक गुण और कर्म | Ayurvedic medicinal Properties in Hindi
- रस (taste on tongue): कटु
- गुण (Pharmacological Action): तीक्ष्ण, लघु, सार
- वीर्य (Potency): उष्ण
- विपाक (transformed state after digestion): कटु
- कर्म (Action): शोधक, दीपन, कफहर, रक्तदोषहर, रोचक, व्रण
दन्ती के प्रमुख गुण | Important medicinal properties in Hindi
दन्ती स्वाद में चरपरी और कड़वी होती है। यह अत्यंत उष्ण, अत्यंत विरेचक, कृमी-विरोधी, सूजन दूर करने वाली, मूत्रल, और विष तथा कफ का नाश करने वाली जड़ी है।
- अत्यंत गर्म Thermogenic
- तीव्र विरेचक Purgative
- जठराग्नि का दीपन करने वाली stimulates ingestion
दन्ती के औषधीय प्रयोग | Medicinal Uses of Danti in Hindi
- पत्ते का काढ़ा leaf decoction दमे की बिमारी में लाभप्रद है।
- दन्तीमूल का काढ़ा root decoction पीने से ज्वर fever में लाभ होता है। यह काढ़ा लीवर liver के काम में सुधार करता है और शरीर से दूषित पदाथों toxins को बाहर निकालता है।
- दन्तीमूल का काढ़ा, शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालता है जिससे त्वचा रोगों में लाभ होता है। त्वचा के रोग, शरीर में दूषित विजातीय पदार्थों के कारण होते है।
- दन्ती का बीज, जमालगोटे की ही तरह अत्यंत विराचक है। इसका एक बीज न ठीक हो पाने वाले कब्ज़ में दिया जाता है। एक से ज्यादा बीज स्वास्थ्य पर बहुत ही बुरा प्रभाव डालते है।
- दन्ती के पत्तों paste of leaves को कूटकर घाब पर लगाने से घाव जल्दी भर जाते हैं।
- औषधीय रूप therapeutic dosage में दन्ती की जड़ ३-६ ग्राम की मात्रा में प्रयोग की जाती है।