सोंठ Dry Ginger Powder Shunthi in Hindi

अदरक का सूखा रूप सोंठ या शुंठी dry ginger is called Shunthi कहलाता है। सोंठ को भोजन में मसाले और दवा, दोनों की ही तरह प्रयोग किया जाता है। अदरक Ginger से तो सभी परिचित हैं। यह भारतीय उपमहाद्वीप का ही पौधा है। इसका भारतीय भोजन को स्वादिष्ट और पाचक बनाने में इसका विशेष योगदान है। करी, पकौड़े, सब्जियां सभी में अदरक और लहसुन का पेस्ट पड़ता है। इसका सुखा कर बनाया गया पाउडर कई व्यंजनों में किया जाता है।

By Miansari66 (Own work) [Public domain], via Wikimedia Commons
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सोंठ का प्रयोग आयुर्वेद में प्राचीन समय से पाचन और सांस के रोगों में किया जाता रहा है। आयुर्वेद में इसे शुंठी, विश्वा, विश्व, नागर, विश्वभेषज, ऊषण, कटुभद्र, शृंगवेर, और महौषधि आदि नामों से जाना जाता है।

इसमें एंटी-एलर्जी, वमनरोधी, सूजन दूर करने के, एंटीऑक्सिडेंट, एन्टीप्लेटलेट, ज्वरनाशक, एंटीसेप्टिक, कासरोधक, हृदय, पाचन, और ब्लड शुगर को कम करने गुण हैं। यह खुशबूदार, उत्तेजक, भूख बढ़ाने वाला और टॉनिक है। सोंठ का प्रयोग उलटी, मिचली को दूर करता है।

एक शोध दिखाता है, एक दिन में करीब 1 ग्राम सोंठ (दिन में कई अंतराल पर लेने से) का सेवन मोशन सिकनेस motion sickness को दूर करता है।

इसके कुछ बहुत ही सुप्रसिद्ध आयुर्वेदिक योग हैं, जैसे की त्रिकटु Trikatu, सौभाग्य शुण्ठी पाक Saubhagya Shunthi Pak, पञ्चकोल Panchkol, पंचसम चूर्ण Panchsum Churna आदि।

अदरक पूरे भारतवर्ष में पाया जाता है। इसका पौधा रेत मिश्रित और उर्वरक ज़मीन में पाया जाता है। यह कुछ फुट ऊँचा और लम्बे पत्तों युक्त होता है। इसके जमीन के नीचे कंद होते हैं जो की पौधे के तने ginger is stem होते हैं। कन्द को जड़ नहीं समझना चाहिए।

सोंठ बनाने के लिए ताज़ी अदरक को सुखा लिया जाता है। फिर इसे सीधे या चूर्ण के रूप में प्रयोग किया जाता है।

स्थानीय नाम

  • Latin: Zingiber officinale
  • Sanskrit: Aushadha, Muhaushadha, Nagara, Vishva, Vishvabheshaja, Shringavera, Vishva, Vishvauashadha
  • Hindi: Ada, Adrak, Sonth
  • English: Ginger
  • Sinhalese: Inguru, Sidhinguru
  • Tamil: Allan, Arttiragam, Attiragam, Inji, Kulumamulam, Kodataram, Maruppu, Sangai, Sigaram, Singaveram, Singiveram, Sukku, Sundi, Ubugallam, Sukku, Chukku
  • Malayalam: Chukku
  • Marathi: Sunth
  • Oriya: Sunthi
  • Punjabi: Sund
  • Telugu: Sonthi, Sunti
  • Urdu: Sonth, Zanjabeel
  • Siddha: Fresh-Ingi; dried-Chukku
  • Unani: Fresh-Zanjabeel-e-Ratab; Al-Zanjabeel; dried-Zanjabeel, Zanjabeel-e-Yaabis

संरचना / घटक

  1. अदरक के कंद में कटु पदार्थ होते है, जिंजरोन zingerone और शोगोल shogaol।
  2. इसकी खुशबु कैम्फ़ेन, फेललैंडरेन, जिंजीबेरिन, सीनोल और बोरनिओल camphene, phellandrene, zingiberene, cineol and borneol के कारण होती है।
  3. इसमे पीले रंग का कटु पदार्थ, ओले रेज़िन, और जींजरीन भी पाया जाता है।

मुख्य गुण

  1. वातहर, गैस हर
  2. कफहर
  3. उत्तेजक
  4. स्वेदजनक
  5. पाचक
  6. प्रमुख प्रयोग
  7. अपच, पेट फूलना, पेट का दर्द, उल्टी, पेट और आंत में दर्द
  8. जुकाम, खांसी और बुखार
  9. आमवात, वातव्याधि

आयुर्वेदिक गुण और कर्म

अदरक के ताज़े कन्द आद्रकम और सूखे रूप को आयुर्वेद में शुण्ठी या सोंठ कहते हैं। जनवरी-फरवरी के महीने में अदरक को खोद कर जमीन में से निकलते हैं। फिर इन्हें पानी में रात भर भिगोते हैं। इसकी फिर परत उतार कर सुखा लेते हैं।

शुण्ठी पाचन और श्वास अंगों पर विशेष प्रभाव दिखाता है। इसमें दर्द निवारक गुण हैं। यह स्वाद में कटु और विपाक में मधुर है। यह स्वभाव से गर्म है।

  • रस (taste on tongue): कटु
  • गुण (Pharmacological Action): लघु, स्निग्ध
  • वीर्य (Potency): उष्ण
  • विपाक (transformed state after digestion): मधुर
  • कर्म: दीपन, पाचन, हृदय, मेध्य, सर्वदोषप्रसामना, रसायन, अनुलोमना
  • दोष: वात और कफ को कम करना और पित्त को बढ़ाना

शुण्ठी का सेंधा नमक के साथ सेवन वात या वायु को कम करता है और शहद के साथ यह कफ को कम करता है।

शुण्ठी / सूखे अदरक के लाभ Health Benefits of Dry Ginger

  1. यह आमवात arthritis नाशक है।
  2. यह वात-कफ को कम करता है।
  3. वात कम करने के कारण इसे आमवात, पुराना गठिया, गैस, सायटिका, वातव्याधियों में प्रयोग किया जाता है।
  4. यह रोग प्रतिरोधक क्षमता immunity को बढ़ाता है।
  5. यह कफ को कम करता है।
  6. कफ कम करने के गुण के कारण इसे खांसी, जुखाम, जकड़न आदि में प्रयोग किया जाता है।
  7. यह पित्त वर्धक है।
  8. इसके सेवन से पित्त स्राव बढ़ता है और पाचन सही करता है।
  9. यह भूख न लगना, जी मिचलाना, पाचन की कमजोरी, अजीर्ण में लाभ देता है।
  10. यह सर्दी के मौसम में बहुत लाभकारी है क्योंकि यह वात-व्याधियों और कफ दोनों में ही राहत देता है।
  11. यह नाड़ी संस्थान के लिए उत्तेजक है।
  12. प्रसव के बाद इसके सेवन शरीर की कमजोरी, बुखार आना, आदि दिक्कतों को दूर करता है।
  13. यह दिल के लिए टॉनिक है।
  14. यह कोलेस्ट्रोल के लेवल को कम करता है।
  15. यह माइग्रेन के अटैक को कम करता है।

सौंठ के औषधीय प्रयोग

सोंठ, रुचिकारक, आमवात नाशक, पाचक, चटपटी, वात-कफ नाशक, वीर्यवर्धक, आवाज़ को मधुर बनाने वाला, खांसी, हृदय रोग, उदर रोगों में लाभप्रद है। यह मलबंध को तोड़ तो सकता है लेकिन उसको शरीर से बाहर नहीं कर सकता। इसलिए कब्ज़ आदि में इसे विरेचक के साथ दिया जाता है।

आमवात gout

सोंठ + गिलोय, को बराबर मात्रा में मोटा कूट कर दो कप पानी में उबाल ले। जब पानी आधा बचे तो इसे छान कर पी लें। इसे रोजाना खाना खाने के एक घंटे बाद लें।

आर्थराइटिस arthritis

तिल और सोंठ के चूर्ण को बराबर मात्रा में मिलकर, दिन में 3-4 बार सेवन करें।

कमर में दर्द waist pain

सोत को मोटा पीसकर, २ कप पानी में उबाल कर काढा बना ले। जब पानी आधा बचे तो इसे छान कर पी लें।

दस्त loose motions, diarrhea

1-3 gram सोंठ का चूर्ण, दिन में 2-3 बार पानी या छाछ के साथ लेने से दस्त रुक जाते हैं।

गैस flatulence

त्रिफला 15 g+ मिश्री 10 g+ शुण्ठी 5 g,मिलाकर रख लें। इसे 5 ग्राम की मात्रा में लेने से गैस दूर होती है।

मन्दाग्नि digestive weakness

सोंठ को 1-3 ग्राम की मात्रा में गुड के साथ मिलकर कुछ दिन खाएं।

शीघ्रपतन premature ejaculation

बादाम को रात में पानी में भिगो दें। सुबह इसका छिलका निकाल कर, पत्थर पर घिस कर पेस्ट बना लें। इस पेस्ट में 4-5 काली मिर्च, 2 ग्राम सोंठ और मिश्री का बारीक पेस्ट मिला दें। इसको चाट कर लें और फिर दूध पी लें। ऐसा २ महीने तक लगातार करें।

पुरुषों में यौन कमजोरी sexual weakness

बराबर मात्रा में आमला, हरड़, बहेड़ा, सोंठ, पिप्पली, काली मिर्च, तिल के पाउडर को मिला दें। इस हुए पाउडर को अच्छे से मिला दें और 1-4 ग्राम की मात्रा में लें।

संग्रहणी, भूख न लगना, आमदोष digestive disorders

सोंठ + मोथा + अतीस + गिलोय, को बराबर मात्रा में मिला दें। इसे पानी में उबाल लें और कुछ मिनट पकाएं। इसे 20-30 ml की मात्रा में सुबह और शाम पियें।

कफ cough, cold, and coryza

1-3 ग्राम की मात्रा में सोंठ का सेवन शहद के साथ करें।

सूजन, दर्द, कफ, कम पित्त के कारण पाचन की कमजोरी, गैस

  1. बराबर मात्रा में सोंठ, पिप्पली और काली मिर्च के चूर्ण को मिला दें।
  2. यह तीन कटु मसालों का संयोग, आयुर्वेद में त्रिकटु Trikatu चूर्ण कहलाता है।
  3. त्रिकटु के प्रयोग: यह पाचन और कफ रोगों, दोनों में ही लाभकारी है। इसे जुखाम colds, छीकें आना rhinitis, कफ cough, सांस लेने में दिक्कत breathlessness, अस्थमा asthma, पाचन विकृति dyspepsia, Obesity और मोटापे में लिया जा सकता है।
  4. त्रिकटु की औषधीय मात्रा: इसे बड़े 2 ग्राम की मात्रा में और बच्चे 125 mg से 500 mg की मात्रा में दिन में तीन बार ले सकते हैं।

गला सूखना, खांसी और घरघराहट dry throats, coughs and wheezing

सोंठ की चाय बनाकर पियें।

अपच indigestion

सुबह सोंठ को सेंधा नमक के साथ लें।

औषधीय मात्रा Therapeutic dosage of Dry Ginger Powder

  • शुण्ठी को प्रयोग करने की औषधीय मात्रा 1-3 gram है।
  • सावधानियां Cautions for using Dry ginger
  • यह प्रकृति में उष्ण hot in potency है। आयुर्वेद के मत अनुसार गर्भावस्था में उष्ण चीजों का सेवन बहुत स्सव्धानी से किया जाना चाहिए।
  • यह पित्त को बढ़ाता है।
  • जिसे पेशाब में जलन, पेट में जलन, शरीर में जलन, पित्त रोगों में न लें।
  • ज्यादा मात्रा में सेवन पेट में जलन, एसिडिटी कर सकता है।
  • निर्धारित मात्रा में लेने किसी भी तरह का गंभीर साइड-इफ़ेक्ट नहीं है।

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