अलसी सुपरफ़ूड है जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसमें करीब 18 % ओमेगा-3 फैटी एसिड / लिनोलेनिक एसिड Omega-3 fatty acid, लिगनेन, प्रोटीन और फाइबर होते हैं। ओमेगा-3, सभी महत्वपूर्ण अंगों जैसे की दिल, दिमाग, नर्वेस सिस्टम, पाचन तन्त्र, सभी के विकास के लिए जरूरी है। लेकिन इसका निर्माण हमारा शरीर नहीं कर सकता और भोजन ही इसका स्रोत है।
अलसी या तीसी भारत में बहुत पुराने समय से प्रयोग किया जाने वाला आहार है। आयुर्वेद में तो अलसी को दैविक भोजन कहा गया है। यह आयुवर्धक और आरोग्य वर्धक है। इसका सेवन शरीर को विविध रोगों से बचाता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन W.H.O. ने भी अलसी को सुपर स्टार फ़ूड का दर्जा दिया है।
Read in English: Alsi Medicinal Uses, Side-Effects and Health Benefits
अलसी सुपरफ़ूड है जो की स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसमें करीब 18 % ओमेगा-3 फैटी एसिड / लिनोलेनिक एसिड Omega-3 fatty acid, लिगनेन, प्रोटीन और फाइबर होते हैं। ओमेगा-3, सभी महत्वपूर्ण अंगों जैसे की दिल, दिमाग, नर्वेस सिस्टम, पाचन तन्त्र, सभी के विकास के लिए जरूरी है। लेकिन इसका निर्माण हमारा शरीर नहीं कर सकता और भोजन ही इसका स्रोत है।
फ्लैक्स सीड्स की सामान्य जानकारी
अलसी तिलहन फसल है। इसके पौधे की बढ़वार के लिए १५-२५ डिग्री सेलसियस के औसत तापक्रम की ज़रूरत होती है। यह ठंडी जलवायु के पौधे हैं और नमी पसंद करते है। मैदानी अलसी आकार में छोटी होती है।
उत्पादक क्षेत्र:अलसी के मुख्य उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश, उड़ीसा, मध्य प्रदेश, पश्चिमी बंगाल, बिहार और महाराष्ट्र।
अलसी उत्पन्न करने वाले देशों में भारत का स्थान चौथा है। यहाँ कुल उत्पादन का 12% भाग प्राप्त होता है।
अलसी के स्थानीय नाम
- Latin Name : Linum usitatissimum
- English : Linseed, Flaxseed फ्लैक्स सीड्स, लिन सीड्स
- Ayurvedic : Atasi, Umaa, Masrnaa, Nilapushpi, Kshumaa
- Unani : Kattan
- Siddha : Ali, Virai, Sirrali (Seed)
- Assamese : Tisi, Tusi
- Bengali : Masina, Atasi
- English : Linseed
- Gujrati : Alshi, Arasi
- Hindi : Alsi, Teesi अलसी, तीसी
- Kannada : Agasebeeja, Semeagare, Agasi
- Kashmiri : Alsi
- Malayalam : Agastha, Agasi, Cheru charm
- Marathi : Atshi
- Oriya : Atushi
- Punjabi : Ali
- Tamil : Ali, Virai
- Telugu : Avisa
- Urdu : Alsi, Katan
अलसी आयुर्वेदिक गुण और कर्म
आयुर्वेद में अलसी को पिच्छिला, उमा, क्षुमा, आदि नामों से जाना जाता है. यह पूरे भारतवर्ष में उगाई जाती है और प्राचीन काल से ही उपयोग की जा रही है. यह मंद गंध युक्त, मधुर, बलकारक, पित्त नाशक, स्निग्ध, पचने में भारी, गर्म, पौष्टिक, कामोद्दीपक, तथा वातरक्त / गाउट को दूर करने वाली है. सूजन को दूर करती है तथा मूत्र रोगों में भी प्रभावी है.
- रस (taste on tongue): मधुर, तिक्त
- गुण (Pharmacological Action): गुरु, स्निग्ध
- वीर्य (Potency): उष्ण
- विपाक (transformed state after digestion): कटु
- कर्म: अचक्षुष्य, वाताघ्न
यूनानी में alsi के गुण
यूनानी में इसे दूसरे दर्जे में गर्म और तीसरे दर्जे का रूक्ष / ड्राई माना गया है. यह मूत्र साफ़ करने वाली, कामोद्दीपक, दूध बढ़ाने वाली, मासिक को नियमित करने वाली है. तीसी खांसी, कफ, गुर्दे / किडनी की तकलीफ को दूर करने वाली है.
अलसी में पोषक तत्व
- कलोरी 534 per 100 gm
- प्रोटीन 18.29%
- कार्बोहायड्रेट 28.88%
- फैट 42.16%
- ओमेगा 3 अल्फा लिनोलेनिक एसिड 18.1%
- सैचुरेटेड फैट 4.3%
- फाइबर 27.3%
- विटामिन: थायमिन, विटामिन B-५, B-12, फोलेट, नायसिन, विटामिन C
- मिनरल्स: कैल्शियम , कॉपर , आयरन , मैग्नीशियम , मैंगनीज , फॉस्फोरस, पोटैशियम सेलेनियम, जिंक
अलसी खाने के फायदे Health Benefits of Ali / Flaxseeds
- यह शाकाहारी भोजन में ओमेगा-३ फैटी एसिड का बहुत अच्छा स्रोत है।
- यह शरीर को ताकत देता है।
- यह एंटीऑक्सीडेंट है।
- यह हृदय के लिए लाभकारी है।
- यह बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
- यह धमनियों की कठोरता को नहीं होने देता।
- यह लिगनेन का सबसे समृद्ध स्रोत है जो की प्लाक को धमनियों में चिपकने नहीं देता।
- यह फाइबर का अच्छा स्रोत है।
- यह पाचन विकारों को दूर करने में सहायक है।
- इसका सेवन कब्ज़ को दूर करता है।
- यह तासीर में गर्म है और कफ को दूर करता है।
- यह वात रोगों में लाभप्रद है।
- एक चम्मच अलसी में करीब २ ग्राम ओमेगा ३ फैटी एसिड होता है।
- यह ब्लड शुगर को कण्ट्रोल करता है।
- यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
- शरीर की विभिन्न ग्रथियाँ इसके सेवन से नियंत्रित होती हैं।
- यह मन को शांत रखती है तथा तनाव दूर करती है।
- यह बढ़ती उम्र, विटामिंस की कमी, पेशाब रोगों और मिनोपॉज़ में बहुत ही लाभप्रद है।
- मासिक धर्म में इसके सेवन से ऐंठन, दर्द में राहत होती है।
- यह प्रोस्टेट, युट्रेस, कोलन, ब्रेस्ट और स्किन के कैंसर से बचाव करता है।
- अलसी का नियमित सेवन, सर्दी-जुखाम, खांसी, नींद न आना, कब्ज़, मोटापा, जोड़ों के दर्द, वात रोगों, चमड़ी के रोगों और मोटापे को दूर करता है।
रोग जिनमे अलसी उपयोगी है
- मोटापा
- कफ Cough, खांसी
- पेशाब की बीमारियाँ, पथरी
- सिर में दर्द migraine
- सूजाक
- चमड़ी के विकार
- कब्ज़, बवासीर, आँतों में घाव, अल्सर, एसिडिटी
- बुखार, मलेरिया
- जोड़ों का दर्द, गाउट
- ज्यादा कोलेस्ट्रोल, शुगर
- उम्र बढने की साथ याददाश्त की कमी Alzheimer disease (dementia that causes problems with memory, thinking and behavior)
- पारकिन्संस Parkinson\’s disease (degenerative disorder of the central nervous system mainly affecting the motor system)
- मल्टीपल स्क्लीरोसिस Multiple sclerosis (disease of the central nervous system that disrupts the flow of information within the brain)
- शिजोफ्रेनिया Schizophrenia (mental disorder characterized by abnormal social behavior and failure to understand reality
- बाहरी रूप से अलसी के पेस्ट को फोड़ा, फुंसी, गाँठ, सूजन, गठिया, दर्द, निमोनिया, जलन आदि में बाँध कर लगाया जाता है।
अलसी कैसे खाएं
प्रतिदिन 10-40 ग्राम अलसी का सेवन स्वास्थ्य वर्धक, आयुवर्द्धक और आरोग्यवर्धक है। इसको आप ऐसे ही या ग्राइंडर में पीस कर पाउडर के रूप में खा सकते है।
इसके पाउडर के पराठे भी बना कर खाए जाते हैं। आटे में मिलाकर इसकी रोटी बनाई जाती है।
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