आंवला Indian Gooseberry in Hindi

आंवला एक रसायन है जो की शरीर में बल बढाता है और आयु की वृद्धि करता है। यह शरीर में इम्युनिटी boosts immunity को बढाता है। यह विटामिन सी vitamin C का उत्कृष्ट स्रोत है।

आंवला (Amla, Indian gooseberry) हरे, गोल और औषधीय गुणों के भरपूर फल हैं। ये आयुर्वेद में बहुत सी दवाओं के निर्माण में भी प्रयोग होते है, जैसे की त्रिफला, च्यवनप्राश, ब्रह्म रसायन, केश तेल आदि। आयुर्वेद में आंवले को, ठंडक देने वाला, कसैला, पाचक, विरेचक, भूख बढ़ाने वाले और कामोद्दीपक माना गया है। इसमें ज्वरनाशक, सूजन दूर करने के और मूत्रवर्धक गुण है।

Indian goose berry

आंवले के ताज़े फल, रस से भरपूर होते हैं। इस रस का सेवन स्वास्थ्यवर्धक होता है तथा बहुत से रोगों के उपचार में भी उपयोगी होता है। आंवले को सुखा कर चूर्ण बनाया जाता है। आंवले की चटनी, मुरब्बा, अचार आदि भी बनाए जाते है।

आंवला एक रसायन है जो की शरीर में बल बढाता है और आयु की वृद्धि करता है। यह शरीर में इम्युनिटी boosts immunity को बढाता है। यह विटामिन सी vitamin C का उत्कृष्ट स्रोत है। इसके सेवन से बाल काले रहते है, वात, पित्त और कफ नष्ट होते है और शरीर में अधिक गर्मी का नाश होता है।

आंवला का वैज्ञानिक नाम और दुसरे नाम

आमला का पेड़ माध्यम ऊंचाई का होता है. इसके पत्ते इमली के पत्तों के सामान होते हैं. आंवले के पेड़ में मार्च से मई तक फूल लगते हैं और फल सर्दियों में उपलब्ध होते है. इसे भारत में भिन्न नामों से जाना जाता है.

आंवला का वैज्ञानिक नाम : Phyllanthus emblica

  • Sanskrit: Amalaka, Amritaphala, Dhatriphala आमलकी, अमृत फल, धात्री-फल
  • Assamese: Amlaku, Amlakhi, Amlakhu
  • Bengali: Amla, Dhatri
  • English: Emblic Myrobalan
  • Gujrati: Ambala, Amala
  • Hindi: Amla, Aonla आमला, आवला
  • Kannada: Nellikayi
  • Kashmiri: Embali, Amli
  • Malayalam: Nellikka
  • Marathi: Anvala, Avalkathi
  • Oriya: Anala, Ainla
  • Punjabi: Aula, Amla
  • Tamil: Nellikkai, Nelli
  • Telugu: Usirika
  • Urdu: Amla, Amlaj

आंवला खाने के फायदे और | Health benefits of Indian gooseberry(Amla) in Hindi

आंवला बहुत ही पौष्टिक जड़ी बूटी जो संक्रमण, बालों के झड़ने, समय से पहले बालों के सफ़ेद होने, बालों का कमजोर होना, स्वप्नदोष, मूत्र-विकार, खांसी-जुखाम, खून की कमी, रक्त विकार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर्स, रक्तचाप, हृदय की बेचैनी, धड़कन, त्रिदोष, त्वचा रोगों, आँखों की कमजोरी, आदि रोगों में लाभ करता है।

  • यह त्रिदोषनाशक, वातहर, मूत्रवर्धक diuretic है।
  • यह अधिक पित्त को नष्ट करता है।
  • यह टॉनिक है और बल, ताकत को बढ़ाता है।
  • यह एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट anti-oxidant है।
  • यह भोजन के अवशोषण को बढ़ावा देता better assimilation of nutrients है।
  • यह फर्टिलिटी fertility और स्मृति-शक्ति memory power को बढ़ाता है।
  • यह पेट और आंतों के पाचन एंजाइमों के उचित स्राव में मदद करता है।
  • यह दिल, फेफड़े, पेट, आंतो, आँखों, त्वचा, बालों समेत पुरे स्वास्थ्य के लिए उत्कृष्ट टॉनिक है।
  • यह त्वचा रोगों diseases of skin में बहुत ही उपयोगी है।
  • यह बाल में रूसी और समय से पहले बालों के graying को रोकता है।
  • आंवला प्राकृतिक हेयर कंडीशनर hair conditioner है।
  • यह अपच indigestion, अम्लता hyperacidity, कब्ज constipation, गैस्ट्रिक परेशानियों gastric troubles और पेट फूलना आदि में प्रभावी है।
  • यह कोलेस्ट्रॉल और रक्त शर्करा के स्तर को कम करने reduces cholesterol and blood sugar level में मदद करता है।
  • यह क्रॉनिक खाँसी, एलर्जिक अस्थमा और तपेदिक में बहुत अच्छा परिणाम देता है।
  • यह तंत्रिकाओं को पोषण nerves प्रदान करता है ।

आंवला का आयुर्वेदिक गुण | Amla Ayurvedic Properties in Hindi

  • रस: मधुर, अम्ल, कटु, तिक्त, काषाय
  • गुण: लघु, रुक्ष
  • वीर्य: सीत refrigerant/cooling
  • विपाक: मधुर
  • कर्म: त्रिदोषहर, वृष्य, रसायन, चक्षुस्य
  • आयुर्वेद में चिकित्सीय उपयोग: रक्त-पित्त, अम्ल-पित्त, प्रमेह, जलन।
  • मात्रा आवला चूर्ण: ३-६ ग्राम।

आंवला का औषधीय उपयोग | Medicinal Uses of Indian Gooseberry or Amla in Hindi

आंवले का प्रयोग बहुत से विकारों में किया जाता है।

अम्ल-पित्त hyperacidity

अम्ल-पित्त को hyper acidity/ acid peptic disorder ( condition in which the level of acid in the gastric juices is excessive, causing discomfort) के नाम से भी जाना जाता है। इसमें पित्त की मात्रा अधिक हो जाने से पेट में जलन, खट्टी डकार, उलटी आना, भूख की कमी, अपच आदि जैसे पेट के विकार हो जाते हैं।

अम्ल-पित्त में आंवले का ताज़ा रस १० मिलीग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लेने से लाभ होता है।

अरुचि, अजीर्ण tastelessness, indigestion

खाना खाने के बाद, एक चम्मच की मात्रा में सूखे आमले चूर्ण का सेवन लाभ करता है।

(आंवले + सोंठ + हल्दी), को बराबर मात्रा में मिला कर एक चूर्ण बना कर रख लें। इसे एक चम्मच की मात्रा में भोजन करने के बाद लें।

पेशाब में जलन burning urination

आंवले के रस में शहद मिला कर, दिन में तीन बार पीने से पेशाब खुल कर आता है और जलन दूर होती है।

हृदयशूल

शरीर में पित्त अधिक होने कारण होने वाले हृदय शुल में नियमित आवले का प्रयोग लाभ देता है। यह हृदय को ताकत देता है।

बालों के रोग hair problems

बालों के झड़ने, गिरने, सफेद होने में आंवला का बाह्य और आतंरिक प्रयोग दोनों किया जाता है। आंवला चूर्ण, रस का सेवन किया जाता है।

सूखे आंवले को रात में पानी में भिगो कर सुबह इस पानी से सिर धोना चाहिए। सूखे आंवले को मेहँदी के साथ मिला कर बालों में लगाने से भी बालों के सफ़ेद होने में फायदा होता है।

बवासीर piles

बवासीर या पाइल्स में आंवले के चूर्ण को एक चम्मच की मात्रा में दिन में दो बार, छाछ के साथ कई हफ़्तों तक लेने से लाभ होता है।

बलवर्धक, टॉनिक, आँखों के लिए, बालों के लिए, खांसी-जुखाम में

आंवले के रस या चूर्ण रूप कनिय्मित रोप से सेवन इन सब विकारों में लाभ होता है।

दस्त diarrhea

(सूखे आंवले का चूर्ण + काला नमक), को बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें और दस्त होने पर थोड़ी मात्रा में इसका प्रयोग पानी के साथ करें।

शीत-पित्त urticarial

शीत-पित्त को पित्ती, जुल्पुत्ती आदि नामों से जाना जाता है। अंग्रेजी में इसे Hives, Urticaria कहते है और इस में त्वचा पर लाल या सफेद खुजली युक्त उभार निकलते है। इन उभारों या चक्ख्तों में गर्माहट लगती और जलन होती है। यह दिखने में भी भद्दे लगते है।

शीत पित्त के उपचार के लिए नियमित रूप से आमलकी चूर्ण ३ ग्राम की मात्रा में गुड के साथ लिया जाना चाहिए।

बिस्तर में पेशाब bed wetting

सूखे आंवले का चूर्ण (२ चम्मच) + जीरा का चूर्ण (२ चम्मच) + मिश्री (५ चम्मच), मिला कर रख लें। इसे आधा चम्मच की मात्रा में दिन में ३ बार लें।

मधुमेह, प्रमेह diabetes

मधुमेह या diabetes mellitus में रक्त में चीनी की मात्रा बढ़ जाती है। यह रोग शरीर के लगभग सभी महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करता है। मधुमेह में, आंवले का चूर्ण ६ ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लिया जाना चाहिए।

निशा-आमलकी, Nisha Amalki churna (निशा/हल्दी + आवला) को भी मधुमेह के उपचार में प्रयोग किया जाता है। दोनों को बराबर की मात्रा में मिला कर रख लिया जाता है और दिन में दो बार १ चम्मच की मात्रा में लिया जाता है।

रक्त प्रदर dysfunctional uterine bleeding

रक्त प्रदर में, आंवले का चूर्ण ३-६ ग्राम की मात्रा में दिन में दो बार लिया जाना चाहिए।

स्वप्न दोष nocturnal emission

आंवला मुरब्बा सेवन से स्वप्न दोष में लाभ होता है।

नकसीर में bleeding from nose

नाक में आंवले का रस टपकायें और आंवले का नियमित सेवन करें।

हकलाना

हकलाना/तुतलाना में आंवला खाने और चूसने को दें। शुद्ध शहद और ब्राह्मी घृत के साथ आमले का एक चम्मच चूर्ण दिन में दो बार, एक साल तक खिलाने से लाभ होता है।

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