अमरूद का फल बहुत पौष्टिक होता है। इसमें विटामिन सी, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट आदि होते हैं जो की शरीर की इम्युनिटी को बढाते हैं और हानिकारक तत्वों से शरीर की रक्षा करते हैं। अमरूद के फल के अतिरिक्त पेड़ की पत्तियां भी औषधीय रूप में प्रयोग की जाती हैं।
अमरूद एक उष्णकटिबंधीय पेड़ है। इसका उत्पत्ति स्थान मेक्सिको Mexico और मध्य अमेरिका Central America है। भारत में यह देश के हर हिस्से में पाया जाता है। इसके हरे-पीले फलों को हिंदी में अमरूद, जामफल और संस्कृत में दृढबीजम के नाम से जाना जाता है।
अमरुद की खेती भारत समेत अफ्रीका, अमेरिका, ब्राजील, कोलंबिया, वेनेजुएला, मेक्सिको, चीन आदि में भी की जाती है। अमरूद के पौष्टिक फलों को कच्चा, जैम, जैली, जूस आदि के रूप में प्रयोग किया जाता है।
अमरूद का फल बहुत पौष्टिक होता है। इसमें विटामिन सी, फाइबर, और एंटीऑक्सीडेंट आदि होते हैं जो की शरीर की इम्युनिटी को बढाते हैं और हानिकारक तत्वों से शरीर की रक्षा करते हैं। अमरूद के फल के अतिरिक्त पेड़ की पत्तियां भी औषधीय रूप में प्रयोग की जाती हैं। पेट का दर्द, दस्त, मधुमेह, खांसी, मोतियाबिंद, उच्च कोलेस्ट्रॉल, हृदय रोग आदि में अमरूद का प्रयोग लाभकारी होता है।
अमरूद का पेड़
अमरूद के सदाहरित पेड़ का तना सफ़ेद-भूरा सा होता है। यह मैदानी क्षेत्रों का पेड़ है और नर्म, भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी में आसानी से बढ़ता है। इस की छाल, छिली-सी पपड़ी जैसी लगती है। पत्ते ३-५ इंच लम्बे और करीब २ इंच या थोड़े ज्यादा चौड़े होते हैं। इसका पेड़ बहुत उंचा नहीं होता। शाखाएं मुड़ी और नीचे झुकी हुई होती हैं।
अमरूद की दो किस्में पायी जाती है, लाल और सफ़ेद। दोनों ही गुण, स्वाद आदि में समान हैं। अमरूद के फल वर्षा और शीत ऋतु में उपलब्ध होते है। वर्षा ऋतु में मिलने वाले अमरूदों में बारीक़ धागों की तरह छोटे-छोटे कीड़े पाए जाते है।
अमरूद का वैज्ञानिक वर्गीकरण Scientific classification
- Kingdom: Plantae प्लांटी
- Order: Myrtales मरटेलीस
- Family: Myrtaceae मरटेसिएई
- Subfamily: Myrtoideae
- Genus: Psidium सिडियम
- Species: Guajava गुहावा
- Binomial name: Psidium guajava सिडियम गुहावा
अमरूद का फल
अमरूद का कच्चा फल हरा और कठोर होता है। पकने के साथ ही यह मुलायम और गूदेदार हो जाता है। कच्चे फलों में कुछ कैसलापन होता है पर पके फल मीठे और स्वादिष्ट होते हैं।
अमरूद के पके फलों को शीतल cooling, तीक्ष्ण, भारी heavy, कफ बढ़ाने वाला, वात बढ़ाने वाला, जलन हटाने वाला और क्षुधावर्धक माना गया है। यह पाचन को सही करने वाला, अतिसार को रोकने वाला और स्वास्थ्य को बढ़ाने वाला फल है। अमरूद को हैजा, दस्त, पाचन समस्याओं के लिए, पेचिश, पेट की कमी, श्लेष्मा झिल्ली की सूजन, गले में सूजन, मुंह, त्वचा की समस्याओं (सूजन), अल्सर, योनि स्राव आदि में घरेलू उपचार की तरह प्रयोग किया जाता है।
अमरूद के फल में पाए जाने वाले तत्व
अमरूद के फल में टैनिन tannins, फिनोल phenols, ट्रीटरपेंस triterpenes, फ्लावोनोइड्स flavonoids, एसेन्शिअल ऑयल्स, सैपोनिंस saponins, कैरोटीन carotenoids, लेक्टिन lectins, विटामिन, फाइबर, फैटी एसिड आदि पाए जाते हैं। यह विटामिन सी, विटामिन ए, आयरन, कैल्शियम, मैंगनीज,फास्फोरिक, ओक्सालिक और मैलिक एसिड, सैपोनिन ओलेक्नोलिक एसिड आदि का अच्छा स्रोत है।
अमरूद के फल में खट्टे फलों से ज्यादा विटामिन सी पाया जाता है। अमरूद फल पेक्टिन pectin का अच्छा स्रोत है। पेक्टिन एक घुलनशील पोलीसेकराईड्स polysaccharides है जो की जैम और जैली बनाने में उपयोगी है। यह डाइटरी फाइबर है dietary fiber जो की ज्यादा कोलेस्ट्रोल serum cholesterol levels, ज्यादा ट्राइग्लिसराइड, आदि को कम करने में उपयोगी है।
अमरूद की पत्तियां Guava leaves
अमरूद के पत्तों में भी फ्लावोनोइड्स पाया जाता है। फ्लावोनोइड क्वरसेटिन में एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-डाईरियल गुण पाए जाते है। क्वरसेटिन के कारण आंतो की स्मूथ मसल्स रिलेक्स हो जाती हैं और बार-बार मरोड़ नहीं होते antispasmodic। अमरूद के पत्ते रोटावायरस antirotavirus के विरुद्ध भी काम करते है। अमरूद के पेड़ की छाल में एंटी-डायबिटिक antidiabetic गुण पाए जाते हैं।
अमरूद के पत्ते में लीवर की रक्षा करने की hepatoprotective, जीवाणुरोधी antibacterial, विषाणुरोधी, स्पर्म की संख्या और गुणवत्ता बढ़ने वाले, अतिसार दूर करने के, सूजन कम करने के anti-inflammatory और बुखार कम करने antipyretic के गुण पाए जाते हैं।
पत्तों में पाए जाने वाले ट्रीटरपेंस triterpenes इसे एंटी-स्पासमोडिक (मांसपेशी की अनैच्छिक ऐंठन को रोकने का गुण) गुण देते है। पत्ते का सेवन पेचिश, कफ, ब्रोंकिटिस, अस्थमा, आदि में अच्छे परिणाम देता है।
अमरूद के पत्तों के काढ़े से घाव को धोने से उनके जल्दी ठीक होने में मदद मिलती है।
Food value of Guava fruit
अमरूद एक सुपरफ्रूट है जो विटामिन ए और सी से भरपूर है, जिसमें फाइबर, फोलिक एसिड, खनिज जैसे की पोटेशियम, तांबा और मैंगनीज आदि मौजूद हैं। अमरूद सेब से अधिक गुणकारी पर उससे सस्ता फल है।
Nutrition in 100 gram Guava
- कैलोरीज 77-86g
- मॉइस्चर 2.8-5.5g
- क्रूड फाइबर 0.9-1.0g
- प्रोटीन 0.1-0.5
- फैट 0.43-0.7
- कार्बोहायड्रेट 9.1-17mg
- कैल्शियम 17.8-30mg
- फ़ास्फ़रोस 0.30-0.70mg
- पोटाशियम 417 mg
- आयरन 200-400 I.U.
- कैरोटीन (Vitamin A) 0.046mg
- थायमिन 0.03-0.04mg
- राइबोफ्लेविन 0.6-1.068mg
- नियासिन 40 I.U.
- विटामिन B3 35 I.U.
- विटामिन C 228.3 mg
अमरूद के औषधीय गुण Medicinal Properties of guava
- Antibacterial जीवाणुरोधी: बैक्टीरिया के खिलाफ सक्रिय active against bacteria.
- Antidiarrheal: दस्त के खिलाफ active against diarrhea.
- Antioxidant एंटीऑक्सीडेंट: फ्री रेडीकल और अन्य पदार्थों के ऑक्सीडेंट के प्रभाव को बेअसर करना neutralize the oxidant effect of free radicals and other substances.
- Antiseptic एंटीसेप्टिक: संक्रामक एजेंटों के विकास में बाधा द्वारा संक्रमण को रोकने में सक्षम Capable of preventing infection by inhibiting the growth of infectious agents.
- Anti-inflammatory सूजन कम करने वाला: Reducing inflammation by acting on body mechanisms.
- Antispasmodic: अनैच्छिक मांसपेशी के ऐंठन से राहत used to relieve spasm of involuntary muscle.
- Astringents: कसैला Constrict tissues; styptic.
- Hypoglycemic: रक्त में शर्करा ग्लूकोज के स्तर को कम करना reducing level of the sugar glucose in the blood.
अमरूद के फायदे और स्वास्थ्य लाभ Health Benefits of Guava fruit
- यह कैलोरी और वसा में कम है।
- यह विटामिन ए, सी, फाइबर, फोलिक एसिड, खनिज, पोटेशियम, तांबा और मैंगनीज का अच्छा स्रोत है।
- यह अच्छा विरेचक bulk laxative है।
- यह विटामिन सी (228mg/100g)का अच्छा स्रोत है। एक अमरूद में संतरे की तुलना में विटामिन सी की मात्रा चार गुना है ।
- इसमें पोटेशियम है जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- इसके सेवन से कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स कम होता है।
- यह पाचन तंत्र को मजबूत करता है।
- इसमें फोलिक एसिड होता है।
- इसमें तांबे है जो थायरॉयड ग्रंथि के समुचित कार्य के लिए शरीर में आवश्यक है।
- इसमें मैंगनीज है जो भोजन से आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में मदद करता है।
अमरूद के औषधीय प्रयोग Medicinal use of Guava/Amrod
औषधीय या घरेलू उपचार के लिए अमरूद के फल और पत्तियों का प्रयोग किया जाता है. पत्तों को चबा कर chewing, पाउडर बना कर powder of leaves या चाय tea or decoction के रूप में प्रयोग किया जा सकता है।
उल्टी, दस्त, पेट दर्द, डाईरिया nausea, vomiting, diarrhea, gastritis
अमरूद के एक मुट्ठी पत्ते दो मिनट के लिए एक लीटर में उबाल कर 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फ़िल्टर कर दिन में कई बार पियें। ऐसा पूरे १ सप्ताह करें।
पेट में सूजन Gastritis
- अमरूद के फल का सेवन करें।
- अमरूद के एक मुट्ठी पत्ते दो मिनट के लिए एक लीटर में उबाल कर 20 मिनट के लिए छोड़ दें और फ़िल्टर कर दिन में कई बार पियें।
पुराना अतिसार chronic diarrhoea
अतिसार जो की काफी समय से बन्न हुआ हो उसमें अमरूद के पत्ते और जजड़ का काढ़ा बना कर पीने से लाभ होता है।
दांतों पर प्लाक, दांतों में दर्द dental problems
अमरूद की पत्ती चबाने और उसकी पतली टहनी से दातुन करना लाभकारी है।
मुख रोग oral diseases
मुंह में छाले, दुर्गन्ध, मसूड़े की सूजन दांत दर्द आदि में अमरूद के पत्ते को साफ़ कर चबाएं और मुंह में थोड़ी देर घुमाएं।
कब्ज़ constipation
कब्ज़ होने पर अमरूद का फल खाना चाहिए।
गैस, अपच gas, indigestion
अमरूद पर सोंठ dry ginger powder, काली मिर्च black pepper और सेंधा नमक rock salt डाल कर खाएं।
भांग का नशा cannabis intoxication
पत्तों का रस पीने और फल खाने से लाभ होता है।
खांसी cough
- चाय की पत्ती की जगह अमरूद के पत्ते, दूध, चीनी और पानी से बनी चाय पीने से खांसी में लाभ होता है।
- अमरूद के पत्तों को साफ़ कर सुखा लें और पीस कर पाउडर बना लें। इस पाउडर को शहद के साथ थोड़ी मात्रा में दिन में दो-तीन बार खाने से खांसी में आराम मिलता है।
मानसिक कमजोरी Mental weakness
दिन में दो बार अमरूद खायें।
पाचन शक्ति की कमजोरी, गैस, पेट फूलना digestive impairment, bloating
प्रतिदिन २-३ अमरूद खाएं।
कांच निकलना या गुदाभ्रंश anal prolapse
अमरूद के पत्ते धो-पीस कर गुदा पर बांधे।
अमरूद को भोजन करने के बाद खाने से कब्ज़, अफारा, पाचन की कमजोरी आदि समस्या दूर होती है। इसे नाश्ते में खाना विशेष गुणकारी है। बच्चों, बड़ों सभी के लिए यह फल बहुत ही लाभकारी है। जिन्हें खाली पेट फल खाने से गैस की समस्या होती हो वो भोजन करने के थोड़ी देर बाद इसका सेवन करें तो अधिक बेहतर है।