यह पौष्टिक है और विटामिन, खनिज से भरपूर एंटीऑक्सीडेंट है। यह आंतरिक और बाह्य रूप दोनों तरह से प्रयोग किया जाता है।
शहद या हनी को सभी जानते हैं। यह पौष्टिक है और विटामिन, खनिज से भरपूर एंटीऑक्सीडेंट है। यह आंतरिक और बाह्य रूप दोनों तरह से प्रयोग किया जाता है। इसके सेवन से खांसी, कफ, से राहत मिलती है और शरीर में खून की कमी दूर होती है।
शहद में ग्लूकोज और फ्रुक्टोज (सरल शर्करा) होता है जो आसानी से शरीर में अबसोर्ब हो जाता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन ए, बीटा कैरोटीन, सभी बी कॉम्प्लेक्स विटामिन, विटामिन सी, डी, ई तथा खनिज मैग्नीशियम, सल्फर, फास्फोरस, लोहा, कैल्शियम, क्लोरीन, पोटेशियम, और आयोडीन भी पाए जाते हैं। शहद में एक्टिव एंजाइम भी पाए जाते हैं जो की शरीर के सभी प्रणालियों के समुचित कार्य में मदद करते हैं। शहद पूरे शरीर के लिए टॉनिक है। इसमें एंटीबायोटिक, एंटीवायरल, और हाईग्रोस्कोपिक (पानी सोख लेना) गुण है।
यह श्वसन की बीमारियों, जुकाम, फ्लू, साइनसाइटिस, ब्रोंकाइटिस, में तो बहुत ही असरदार है। शहद संक्रमित घावों, घाव से उत्पन्न अल्सर, बेड सोर्स के उपचार में एक मरहम के रूप में बहुत पुराने समय से प्रयोग किया जाता है।
शहद जीवाणुरोधी है और यह घाव के आस-पास के वातावरण को नम बनाए रखता है, और संक्रमण को रोकने के लिए एक सुरक्षात्मक बाधा प्रदान करने में मदद करता है। शहद घाव, जलने, त्वचा पर अल्सर, सर्जरी के गहरे घाव और सूजन की ड्रेसिंग के लिए बहुत प्रभावी है। इसे सीधे कटौती, खरोंच, जले पर लगाया जा सकता है। पेप्टिक अल्सर और गैस्ट्रिटिस के इलाज के लिए शहद का आंतरिक आहार के रूप में प्रयोग किया जाता है।
शहद की पौष्टिकता
हनी में कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, अमीनो एसिड, विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट और अन्य यौगिक होते है। शहद में कैल्शियम, लोहा, जस्ता, पोटेशियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, सेलेनियम, क्रोमियम और मैंगनीज जैसे विटामिन बी 2, बी 4, बी 5, बी -6, B11 और विटामिन सी पाए जाते हैं । शहद में कोलेस्ट्रॉल नही होता है।
शहद के उपयोग
शहद में एंटीसेप्टिक, रोगाणुरोधी, ज्वरनाशक, सूजन दूर करने के, एंटी-एलर्जी, विरेचक, एंटीऑक्सिडेंट, मॉइस्चराइजिंग और रक्त शुद्ध करने के गुणों से भरपूर है।
थकान
गर्म पानी में 15 ml शहद में मिलाकर पीने से तुरंत ताकत मिलती ही क्योंकि शहद मुख्यतः फ्रुक्टोज और ग्लूकोज है।
अनिद्रा
एक गिलास गर्म दूध में शहद मिलाकर पीने से लाभ होता है।
बिस्तर गीला करना
सोने से पहले एक चम्मच शहद का सेवन शरीर में पानी के प्रतिधारण बढ़ाता है तथा बिस्तर में पेशाब को रोकता है।
जलने पर
शहद, एंटीबायोटिक होता है तथा बैक्टीरिया के पनपने को रोकता है। जल जाने पर, प्रभावित हिस्से पर शहद लगायें। यह ठंडक देता है और दर्द से आराम देता है तथा तेजी से घाव के उपचार में मदद करता है। यह स्कार होने से भी रोकता है।
एक्जिमा, Pimples,अल्सर, फटे होंठ, कट और घाव
प्रभावित हिस्से पर शहद लगायें।
बालों का कंडीशनर
जैतून का तेल में बराबर मात्रा में शहद के साथ मिक्स कर बालों में आधे घंटे के लिए लगाकर फिर धोने से बाल मुलायम होते हैं।
चेहरे की ड्राईनेस
दही के साथ शहद मिलाकर लगाने से रूखापन दूर होता है।
दृष्टि की कमजोरी
गाजर के रस 10 मिलीलीटर + शहद 10 मिलीलीटर, मिलाकर नियमित रूप से सेवन करने पर आई-साईट मजबूत होती है।
ब्रोन्कियल अस्थमा
काली मिर्च पाउडर 2।5 ग्राम + शहद 5ml + अदरक के रस 5ml, का दिन में तीन बार सेवन अस्थमा के लक्षणों से राहत देने में मदद करता है।
सर्दी और खांसी
अदरक का रस + शहद, बराबर मात्रा में मिलाकर दिन में दो बार का पीने से सर्दी-खांसी दूर होती है।
पेट में अल्सर
5 मिलीलीटर शहद + पानी 10 मिलीलीटर में मिलाकर भोजन से पहले दिन में दो बार दिया जाता है।
पाचन की कमजोरी
एप्पल साइडर सिरका के एक समान मात्रा में शहद मिलाएं और पानी मिलाकर पीने से पाचन की कमजोरी दूर करता है।
गले में जलन-सूजन, खांसी
एक चम्मच शहद को मुंह में रखें और धीरे-धीरे गले के अन्दर नीचे उतरने दें।
शुद्ध शहद के सेवन से खून की कमी दूर होती है और शरीर में ज़रूरी मिनरल्स की भी आपूर्ति होती है। शहद पुराना होने पर दानेदार बन सकता है। ग्रेनुलेशन होने पर शहद को गर्म पानी के बर्तन में रख दें जिससे यह फिर से तरल हो जाये। शहद को कभी भी गर्म न करें और घी के साथ इसे सम मात्रा में मिलाकर न लें।