जामुन एक फल होने के साथ-साथ एक दवा भी है. इसका प्रयोग मुख्यतः मधुमेह रोग में होता है. औषधीय रूप में इसके ताज़ा फल fresh fruits, गुठली का पाउडर seed powder, जामुन का सिरका jamun vinegar, छाल bark और इसके पत्तों leaves का प्रयोग होता है.
जामुन एक सदाबहार वृक्ष है जो की भारत तथा दक्षिण एशिया के अन्य देशों एवं इण्डोनेशिया आदि में पाया जाता है। इसे अन्य बहुत से नामों से जाना जाता है जैसे की जामुन, राजजम्बू, सुरभिपत्र, काला जामुन, जमाली, जाम्बुन, ब्लैकपल्म आदि. बारिश के मौसम में इसके जामुनी फल बाज़ार में उपलब्ध हो जाते हैं.
सामान्यतः जामुन के दो प्रकार के होते हैं छोटे और बड़े. छोटे जामुन को जमोया/कठ जामुन आदि नाम से भी जाना जाता है. इसमें गुद्दा कम होता है. छोटी जामुन खट्टी और ज्यादा कसैली होती है. बड़ी जामुन स्वाद में ज्यादा अच्छी और गूदेदार होती है. चिकित्सा की दृष्टि से दोनों ही लाभकारी हैं.
- Latin name: Syzygium cuminii (Linn.) Skeels
- Synonym: S. jambolanum (Lam.) DC.; Eugenia jambolana Lam.
- Family: Myrtaceae
Vernacular names in Hindi
AYURVEDIC: Jambu, Mahaphala, Phalendra, Surabhipatra UNANI: Jamun SIDDHA/TAMIL: Naaval BENGALI : Badjam, Kalajam ENGLISH : Jambul tree, Java Plum, Jambolan, Black Plum GUJRATI : Gambu, Jamun HINDI : Jamuna KANNADA : Nerale Beeja, Jambu Nerale MALAYALAM : Njaval MARATHI : Jambul ORIYA : Jam Kol, Jamu Kol PUNJABI : Jaamun TAMIL : Naval TELUGU : Alla Nereduchettu, Neredu chettu URDU : Jamun
स्वाद में जामुन का फल मीठा, कुछ अम्लीय और कसैला होता है। जामुन के फल का करीब 70 प्रतिशत हिस्सा खाने योग्य होता है और बाकी का हिस्सा गुठली होती है। जामुन की गुठली भी दवा के रूप में प्रयोग की जाती है. जामुन गुठली का पाउडर jamun seed powder एक बहुत ही जानी मानी डायबिटीज diabetes की दवा है.
जामुन एक फल होने के साथ-साथ एक दवा भी है. इसका प्रयोग मुख्यतः मधुमेह रोग में होता है. औषधीय रूप में इसके ताज़ा फल fresh fruits, गुठली का पाउडर seed powder, जामुन का सिरका jamun vinegar, छाल bark और इसके पत्तों leaves का प्रयोग होता है.
जामुन फल खाने के फायदे Health Benefits of Jamun Fruits
यह खनिजों से भरपूर होता है। इसके अतिरिक्त इसमें विटामिन बी, सी, कैरोटिन, और फाइबर होते हैं. यह अत्यंत पौष्टिक होता है.
- जामुन दांतों को मजबूत बनाता है.
- अन्य फलों की तुलना में यह कम कैलोरी प्रदान करता है.
- जामुन मधुमेह या डायबिटीज में बहुत असरदार है.
- पाचनशक्ति मजबूत करने में जामुन काफी लाभकारी होता है.
- जामुन का फल लीवर/यकृत और तिल्ली के रोगों के लिए बहुत लाभकारी है.
- हृदय रोगों, डायबिटीज, उम्र बढ़ना और अर्थराइटिस में जामुन का उपयोग फायदेमंद होता है।
- जामुन का फल और सिरका खून को साफ करता हैं।
- जामुन के पेड़ की छाल और पत्तियां रक्तचाप को नियंत्रित करने में कारगर होती हैं।
- जामुन, गर्मी में होने वाले रोगों जैसे की अतिसार, फोड़े, फुंसी, लू लगना आदि में बहुत उपयोगी है.
- जामुन में लोहा और विटामिन सी दोनों पाये जाते है जिससे यह खून की कमी को ठीक करता है.
जामुन के पेड़ के औषधीय उपयोग Medicinal Uses of Jamun tree
चिकित्सीय उपयोग के लिय पत्ते, छाल, फल और गुठली का प्रयोग होता है. यहाँ पर जामुन वृक्ष के कुछ घरेलू उपचार दिए गए हैं. जामुन के फल की तासीर ठंडी होती है. यह भोजन में रूचि को बढाती है.
मधुमेह Diabetes
१. जामुन की गुठली का चूर्ण मधुमेह में शुगर लेवल को नियंत्रित करने में सहायक है। इसके लिए जामुन की गुठली छाया में सुखा लें. सूखने पर बाहरी कड़ा खोल अलग कर अन्दर की मींगी को फिर सुखाएं. और फिर कूट, पीस और छन्नी/कपडे से छान कर पाउडर को रख लें. इसे पानी के साथ १ चम्मच/६ ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम लें. ऐसा पूरे एक महीने नियम से करें.
२. जामुन की लकड़ी को गिलास की तरह बना कर उसमे रख पानी पीना भी लाभ करता है.
पेट रोग abdominal diseases
जामुन के फलों का सिरका पेट रोगों, जैसे की भूख कम लगना, कब्ज, कमज़ोर पाचन आदि के उपचार में मदद करता है। जामुन का सिरका दिन में दो बार १ चम्मच पीने से लाभ होता है.
खूनी बवासीर bleeding piles
जामुन का रस पीने या जामुन का फल खाने से लाभ होता है.
बहुमुत्र या पेशाब बार-बार आने की समस्या Polyuria
इसमें जामुन की गुठली का पाउडर और बहेड़े का छिल्का बराबर मात्रा में ले कर अच्छे से मिल कर 4 gram के मात्रा में एक सप्ताह तक लेने से फायदा होता है.
या जामुन की गुठली का पाउडर ३-४ ग्राम की मात्रा में खाने से एक घंटा पहले लें.
अतिसार, पेचिश, खूनी दस्त loose motions, bloody dysentery
१. अतिसार, रक्त अतिसार होने पर, जामुन की गुठली का पाउडर, 4 gram की मात्रा में एक कप पानी या छाछ के साथ लेना चाहिए.
२. जामुन का काढ़ा पीने से भी लाभ होता है.
३. ताज़ी पत्तियों को 50 gram की मात्रा में बारीक पीस कर पानी में मिला शरबत की तरह पीना चाहिए.
आवाज़ का भारीपन, बंद गला hoarseness of voice, throat problems
जामुन की गुठली का पाउडर और शहद मिला कर छोटी गोलियां बनाकर चूसने से फायदा होता है.
दाद, खाज, खुजली Ringworms, itching
जामुन की गुठली को पीसकर लगायें.
कीड़ों का काटना Insect bite
कीड़ों के काटे स्थान पर जामुन के पत्तों का रस लगाइए.
मुँह के छाले mouth ulcers
जामुन की पत्तियों को अच्छे से उबाल कर कुल्ला करना फायदेमंद होता है.
स्त्रियों में प्रदर bleeding disorders
जामुन की हरी छाल को सुखा कर उसका चूर्ण बनाकर चार ग्राम की मात्रा में सुबह और शाम बकरी के दूध के साथ लें.
स्वप्न दोष night fall/nocturnal emission
इसमें जामुन की गुठली का पाउडर, 4 gram की मात्रा में एक कप पानी के साथ, शाम को एक महीने तक लेना चाहिए.
How much Jamun to eat in a day
एक दिन 100 gram तक जामुन खायी जा सकती है. एक बार में 50-55 gram जामुन ही खानी चाहिए और समय का काफी अंतराल रखना चाहिए.
कुछ सावधानियां Precautions while eating Jamun
- अधिक मात्रा में जामुन खाना हानिप्रद है. Do not eat Jamun in excess.
- जामुन पाचन में भारी होती है. It is heavy on digestion.
- जामुन की तासीर ठंडी होती है. Jamun is cold in potency.
- यह वात कारक है. It increases vata or wind.
- इससे शरीर में गले, छाती की तकलीफ और बुखार होने की सम्भावना रहती है।
- इसे कभी खाली पेट नहीं खाना चाहिए. हमेशा भरे पेट पर ही जामुन खाएं. Never eat empty stomach.
- भोजन के बाद खाने से यह मुंह की सफाई कर देता है और पाचन में भी सहयोग करता है. Eating after meals help to regulate sugar level and also helps in better digestion.
- इसके खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए। Don’t drink milk after eating Jamun.
- खाने से पहले जामुन को अच्छी तरह से धो लें. Wash carefully before eating
Good guidance