सहजन की पत्तियों के पाउडर के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

सहजन के पत्ते बहुत ही पौष्टिक होते हैं। इनमें प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड और विभिन्न phenolics होते हैं। इन पत्तियों को ताजा या सूखे पाउडर के रूप में भोजन के पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

सहजन या ड्रमस्टिक को सभी जानते हैं। इसे बहुत से अन्य नामों जैसे की शोभांजन, शिग्रु, सजिना, सुरजना, मरुगई, मोरिंगा, मुरुन्गाई, इंडियन हॉर्सरैडिश आदि से भी जाना जाता है। यह पूरे भारतवर्ष में सुगमता से पाया जाने वाला पेड़ है। यह आसानी से लग जाता है और इसके पत्ते, बीज, जड़ें सभी औषधीय रूप से उपयोगी हैं। इसकी लम्बी फलियों को सब्जी के रूप में पका कर खाया जाता है। फलियाँ तो सांभर का अभिन्न हिस्सा है।सहजन भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के उप-हिमालयी क्षेत्रों का मूल निवासी है। इसकी पौष्टिकता और गुणों के कारण इसकी अफ्रीका के उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में इसकी खेती की जाती है।

इस पेड़ के पत्ते बहुत ही पौष्टिक होते हैं। इनमें प्रोटीन, बीटा कैरोटीन, अमीनो एसिड और विभिन्न phenolics होते हैं। इन पत्तियों को ताजा या सूखे पाउडर के रूप में भोजन के पूरक के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

  • Latin name: Moringa oleifera, Syn. Moringa pterygosperma Gaertn.
  • Family: Moringaceae
  • English: Drumstick, Horseradish tree, Radish tree, Drumstick tree, Mother\’s Best Friend, West Indian ben.
  • Vernacular Names: Drumstick tree (English), Shajoma, Mungna (Hindi), Nugge (Kannada), Muringa (Malayalam), Murungai (Tamil), Munaga Aku (Telugu)
  • Ayurvedic: Shigru (white var), Madhu Shigru, Sigra, Shobhaanjana, Haritashaaka Raktaka, Murangi, Mochaka, Akshiva, Tikshnagandhaa
  • Unani: Sahajan, Siddha/Tamil: Murungai
  • Habit: Tree
  • Part used: Fruits (pod), leaves, roots

How to prepare Moringa leaf powder in Hindi

  1. मोरिंगा या सहजन के पेड़ से पत्तियों को इकट्ठा कर लें। धूल और मिट्टी को हटाने के लिए पत्तों को अच्छी तरह से धो लें।
  2. धुले हुए पत्तों को साफ कपड़े पर फैला दें जिससे पानी निकल जाए।
  3. इन पत्तों को छाया में सुखा लें। गंदगी-धूल मिट्टी से बचाने के लिए पत्तियों को पतले कपड़े से कवर कर सकते हैं।
  4. पत्ते पूरी तरह से सूख जाने पर पीस लें और छान लें।
  5. इसे भविष्य में उपयोग के लिए पाउडर को एयर-टाइट कंटेनर में स्टोर करके रख लें।

Nutrient content (mean +/- std dev) of dried Moringa oleifera leaves in Hindi

सहजन के पत्ते असाधारण रूप से पौष्टिक है। इनमे विटामिन, खनिज बहुत अधिक मात्रा में मिलते हैं। पत्ते भी सल्फर और एमिनो एसिड methionine और cystine भी होते हैं। अध्ययन द्वारा पता चलता है सहजन में निम्न पोषक पदार्थ पाए जाते हैं।

Nutrient Nutrient amount in 100 g
एनर्जी Energy (Kcal, MJ) 304 +/- 87 kcal, 1.3 +/- 0.36 MJ
प्रोटीन Protein (g) 24 +/- 5.8
कार्बोहाइड्रेट Carbohydrates (g) 36 +/- 9.2
फैट Fat (g) 6 +/- 2.5
फाइबर Fiber, crude (g) 9 +/- 7.45
फाइबर Fiber, total dietary (g) 20.6 – 28.6
ऑक्सालेट Oxalate (g) 2.6 +/- 1.25
टैनिन Tannins (g) 1.2 – 1.4
कैल्शियम Ca (mg) 1897 +/- 748.4
फॉस्फोरस P (mg) 297 +/- 149.0
सोडियम Na (mg) 220 +/- 180.0
पोटासियम K (mg) 1467 +/- 636.7
मैगनिशियम Mg (mg) 473 +/- 429.4
आयरन Fe (mg) 32.5 +/- 10.78
जिंक Zn (mg) 2.4 +/- 1.12
कॉपर Cu (mg) 0.9 +/- 0.48
थायमिन Thiamin (mg) 2.6
रिबोफ्लोविन Riboflavin (mg) 1.29 – 20.5
नियासिन Niacin (mg) 8.2
विटामिन बी-6 Vitamin B-6 (mg) 2.4
फोलेट Folate (µg) 540
विटामिन ए Vitamin A (µg RAE) 3639 +/- 1979.8
विटामिन सी Vitamin C (mg) 172 +/- 37.7
विटामिन ई Vitamin E (mg) 56 – 113

मोरिंगा के पत्ते के पाउडर के फ़ायदे | Health Benefits of Moringa leaf powder in Hindi

  • इसे नियमित रूप से खाने से एनीमिया दूर होता है।
  • यह बच्चों में कुपोषण को दूर कर बेहतर पोषण देता है।
  • इसके सेवन से गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं का स्वास्थ्य अच्छा होता है।
  • यह समग्र स्वास्थ्य में सुधार करता है तथा पोषण और ऊर्जा देता है।
  • यह दस्त, पेचिश, त्वचा रोग के संक्रमण का इलाज करने में मदद करता है।
  • यह प्रोटीन, खनिज और विटामिन से भरपूर है।
  • इसमें फाइबर होने से यह कब्ज़ को दूर करती है।
  • इसकी उच्च कैल्शियम की मात्रा के कारण यह हड्डियों को मजबूत करता है। यह गठिया और गठिया से संबंधित जोड़ों में दर्द और दर्द के इलाज में फायदेमंद है।
  • यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और आंखों और मस्तिष्क को पोषण प्रदान करता है, उचित पाचन को बढ़ावा देता है और इष्टतम चयापचय में सहयोग करता है।
  • यह आसानी से उपलब्ध है और इसका कोई साइड-इफ़ेक्ट नहीं है।

मोरिंगा या सहजन में प्रोटीन, बीटा-कैरोटीन, अमीनो एसिड लोहा, कैल्शियम, बीटा कैरोटीन,विटामिन सी और पोषक तत्वों की अधिकता होने के कारण इसे कुपोषण को रोकने और उसके इलाज में सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया जा सकता है। बेनिन, जिम्बाब्वे, सेनेगल और कई अफ्रीकी देशों में मोरिंगा की पत्तियों का उपयोग कुपोषण कार्यक्रमों से लड़ने के लिए प्रयोग किया जा रहा है। मोरिंगा के पाउडर में नमी की मात्रा कम होती है जिससे इसे लम्बे समय तक स्टोर किया जा सकता है। पत्तियों में प्रोटीन की उच्च मात्रा, 13-14% होती है तथा कुल खनिज करीब 11-13% होती है। पत्ते में कैल्शियम करीब 2।9-3% होता है तथा पोटेशियम 1% और लोहे की मात्रा 50-80mg / 100g होती है।

Dosage of Moringa leaf powder in Hindi

इसे भोजन के साथ, एक दिन में तीन बार, 1 चम्मच की मात्रा में लेने से सम्पूर्ण स्वास्थ्य में सुधार होता है और कुपोषण दूर होता है। इसे सब्जी या खाने पर छिड़क कर मिला लें।

सहजन के पेड़ को बड़ी आसनी से घर के आस-पास लगाया जा सकता है। इसे बड़े गमले में भी कटिंग या बीज के द्वारा उगाया जा सकता है।

पत्तों से बना पाउडर बच्चों, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं, बुजुर्गों और विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक अच्छा पूरक आहार हो सकता है।

15 thoughts on “सहजन की पत्तियों के पाउडर के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

  1. इसकी तासीर कैसी होती है, पित्त रोग में सेवन कर सकते हैं क्या

  2. खाज-खुजली वाले इसका सेवन बिलकुल ना करें,, मेरे परिवार में इसका सेवन हुआ, कई जानकारों ने भी मना किया है।

  3. maine ek sahjan ka plant lagaya tha ab wah lal colour ka sahjan hone laga hai kya use khaya ja sakta hai ya aur iska kya kya upyog hai bataye

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