निर्गुण्डी तेल, एक क्लासिकल आयुर्वेदिक औषधीय तेल है। इसे घाव, अल्सर, फोड़े, फुंसी, सुनाई नहीं देने, एनल फिशर (गुदा/एनल कैनाल के आसपास के हिस्से में दरारें), जोड़ों में दर्द, टाइट फोरस्किन समेत बहुत से रोगों में इस्तेमाल किया जाता है।
इस दवा में लांगली है। इसलिए इसे गर्भावस्था में और बच्चों पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए। इसे डॉक्टर की देख रेख में सावधानी से इतेमाल करना चाहिए। तेल के इतेस्माल के बाद हाथ अच्छे से धो लेना भी ज़रूरी है।
क्योंकि यह एक क्लासिकल दवाई है और आयुर्वेद के प्राचीन ग्रन्थों में वर्णित है इसे बहुत सी आयुर्वेदिक फार्मेसी जैसे कि बैद्यानाथ्, कामधेनु आदि बना रही हैं। यद्यपि इसे नस्य के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं, आप ऐसा केवल डॉक्टर के निर्देश पर ही करें। इसके लिए लेबल पर चेक करन भी ज़रूरी है कि तेल आंतरिक इस्तेमाल के लिए है भी या नहीं।
इसका बेस तेल तिल का तेल है। तिल का तेल, भारी, संकोचक और स्वाभाव से गर्म है। मालिश करने के लिए यह बहुत ही लाभकारी है। तिल के तेल को मालिश के तेल बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। यह शरीर में वात को कम करता है। इससे मालिश करने से गर्मी आती है। यह दर्द और जोड़ों की जकड़न को दूर करता है।
दवा के बारे में इस पेज पर जो जानकारी दी गई है वह इसमें प्रयुक्त जड़ी-बूटियों के आधार पर है। हम इस प्रोडक्ट को एंडोर्स नहीं कर रहे। यह दवा का प्रचार नहीं है। हमारा यह भी दावा नहीं है कि यह आपके रोग को एकदम ठीक कर देगी। यह आपके लिए फायदेमंद हो भी सकती हैं और नहीं भी। दवा के फोर्मुलेशन के आधार और यह मानते हुए की इसमें यह सभी द्रव्य उत्तम क्वालिटी के हैं, इसके लाभ बताये गए हैं। मार्किट में इसी तरह के फोर्मुले की अन्य फार्मसियों द्वारा निर्मित दवाएं उपलब्ध हैं। इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।
Nirgundi Taila is classical Ayurvedic medicated oil used topically on cysts, abscesses and non-healing wounds. Use this medicine used under medical supervision.
Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and how to use in Hindi language.
- दवा का नाम: निरगुंडी तेल Nirgundi Tel, Nirgundi Oil, Shefali Oil, Langali Taila, Nirgundi Tel
- उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
- दवाई का प्रकार: आयुर्वेदिक हर्बल तेल
- मुख्य उपयोग: घाव, फोड़े, त्वचा रोग, बहरापन
- मुख्य गुण: एंटीबायोटिक, एंटीवायरल और एंटी-इन्फ्लॉमरेटरी
निर्गुन्डी तेल के घटक | Ingredients of Nirgundi Taila in Hindi
- निर्गुन्डी के पत्तों का जूस Nirgundi svarasa (Lf.) 3.072 l
- तिल का तेल Taila (Tila) (Ol.) 768 g
- लांगली Langali (Rz.) 96 g
निर्गुन्डी
गठिया, जोड़ों की सूजन, सूजन के लिए निर्गुण्डी (विटेक्स नीगुंडो लिन, परिवार वर्बेनासेई) के पत्तों का उपयोग आयुर्वेद में किया जाता है । इसमें एंटीटॉक्सिक, एंटीसेप्टिक, और एनाल्जेसिक एक्शन है। यह महत्वपूर्ण जड़ी-बूटियों में से एक है जिसे वात रोगों के उपचार के लिए इस्तेमाल किया जाता है । पत्तियों में इरिडोइड ग्लाइकोसाइड, आइसोमेरिक फ्लैनोऑन्स और फ्लेवोनोइड होते हैं, इसके अलावा कैस्टटीन और ग्लूकोसाइड, ल्यूटोलिन-7-ग्लूकोसैड और अल्फा-डी-ग्लूकोसाइड टेट्राहाइड्रोक्सी मॉोनोमेथॉक्स फ्लावेन भी पाए जाते हैं।
तिल का तेल
तिल का तेल सबसे लोकप्रिय मालिश तेल में से एक है। इसका उपयोग आयुर्वेदिक औषधीय तेल बनाने के लिए आधार तेल के रूप में किया जाता है। यह भारी,और शक्ति में गर्म है. इसमें 8 आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं जो मस्तिष्क के लिए अच्छे होते हैं और प्राचीन समय से सिर की मालिश के लिए इस्तेमाल करते हैं।
लांगली
लांगली – ग्लोरिओसा सुपरबा लेंन (परिवार: Liliaceae) को सूजन, गठिया, रुमेटी गठिया, सूजाक, बुखार और प्रसव पीड़ा को बढ़ावा देने में इस्तेमाल किया जाता है. ग्लोरियोसा सुपरबा को कोलिचिसन होते हैं, जहरीले प्रभाव पड़ते हैं, विशेष रूप से कार्डियॉओऑक्सिसिटी। इसमें एक और जहरीला क्षारोही, महिमाइन भी शामिल है। लांगली का प्रयोग आयुर्वेद में detoxification प्रक्रिया के बाद किया जाता है। इसमें 24 घंटे के लिए गोमुत्र में जड़ों और बीज के भिगोने और फिर गर्म पानी से धोना शामिल है. शोधन प्रक्रिया के बाद कोलेचिइन्स का स्तर काफी कम हो जाता है क्योंकि कोलेसिसीन प्रकृति में ध्रुवीय है और इसलिए गोमोत्र और पानी में घुलनशील है।
लांगली जड़ रेचक, गर्म, हल्का और तीक्ष्ण है। यह कुष्ठ रोग, बवासीर, शूल, फोड़े में उपयोगी होता है और आंतों की कीड़ों को निकालने में मदद करता है। यह दर्दनाक मांसपेशियों और जोड़ों पर बाह्य रूप से लागू किया जाता है।
निर्गुन्डी तेल के फायदे | Benefits of Nirgundi Taila in Hindi
- यह एक आयुर्वेदिक तेल है।
- यह एंटीसेप्टिक है।
- यह नाड़ीव्रण, दूषित फोड़े, फुंसी, न ठीक होने वाले घाव, गुप्तांगों में फोड़ों आदि में लाभदायक है।
- इस तेल के नस्य से गण्डमाला में लाभ होता है।
- इसे कान में कुछ बूँद की मात्रा में डालने से ear इन्फेक्शन, कान से डिस्चार्ज आदि में फायदा होता है।
निर्गुन्डी तेल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Nirgundi Taila in Hindi
- फोड़ा (सूजन क्षेत्र मवाद से भरा हुआ है) Abscess (swollen area filled with pus)
- गुदा में दरार Anal fissure
- कार्बुन्कल (त्वचा पर मवाद से भरा कई फोड़े) Carbuncle (Multiple boils filled with pus on skin)
- गंभीर अल्सर Chronic ulcers
- यौन रोगों के कारण गुप्तांगों में होने वाले घावों के लिए ड्रेसिंग Dressing for venereal sores
- गाण्डमाला (सरविक लिम्फैडेनाइटिस) Gandamala (Cervical lymphadenitis)
- गंग्रीन घाव Gangrenous wounds
- घावों का हीलिंग Healing of wounds
- बहरापन Hearing loss
- न्यूरोलॉजिकल समस्याओं और सिर की चोट के कारण सुनने की हानि Loss of hearing due to neurological problems and head injury
- वात व्याधि के कारण दर्द Pain due to Vata Vyadhi
- जोड़ों में दर्द Pain in joints
- दर्दनाक मांसपेशियों Painful muscles
- फाइमोसिस Phimosis
- जोड़ों में दर्द Rheumatic joint pain
- कटिस्नायुशूल Sciatica
- चर्म रोग Skin diseases
- अल्सर Ulcers
निर्गुन्डी तेल के प्रयोग की विधि | Direction to use in Hindi
- यह तेल केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।
- ज़रूरत के अनुसार तेल हथेली पर लें, दोनों हथेली पर मलें और हल्की मालिश करें।
- फिमोसिस में इसे फॉरस्किन पर लगाकर 10 मिनट मालिश करनी चाहिए।
- इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- यह तेल केवल बाह्य प्रयोग के लिए है।
- डॉक्टर की सलाह के बिना इस दवा का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए।
- इसे नस्य के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। लेकिन ऐसा केवल डॉक्टर के बिर्देश के अनुसार करना चाहिए।
- बच्चों पर इसका इस्तेमाल नहीं करें।
- गर्भवती महिला इसका प्रयोग नहीं करें।
निर्गुन्डी तेल के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions
- इस तेल को डॉक्टर की देख-रेख में प्रयोग करें।
- इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।
निर्गुन्डी तेल को कब प्रयोग न करें Contraindications
- इसे गर्भावस्था और स्तनपान के दौरान प्रयोग न करें।
- इसे बच्चों पर प्रयोग नहीं करें।
- यदि दवा से किसी भी तरह का एलर्जिक रिएक्शन हों तो इसका इस्तेमाल नहीं करें।
उपलब्धता
इस दवा को ऑनलाइन या आयुर्वेदिक स्टोर से ख़रीदा जा सकता है।
- बैद्यनाथ Baidyanath Nirgundi Tail
- कामधेनु Kamdhenu Nirgundi Taila
- अल्वा Alva’s Nirgundi Taila
- निसर्ग Nisarg Nirgundi Tailaतथा अन्य बहुत सी फर्मसियाँ।