पपीते का फल, कच्चा या हरा और पका दोनों ही तरीके से खाया जाता है। कच्चे पपीते को सब्जी के रूप में पका कर खाया जाता है। यह सब्जी पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक होती है। पका पपीता स्वादिष्ट होता है और इसे खाने से शरीर को ज़रूरी पोषक पदार्थ मिलाते हैं व पाचन भी ठीक रहता है। पेट के सभी विकारों व कब्ज़ के लिए तो यह बहुत ही फायदेमंद है। रोजाना पपीता खाने से कब्ज़ नहीं रहती। पेट ठीक से साफ़ होता है तो दर्द, अफारा दूर रहते है और भूख ठीक से लगती है। यह आसानी से पचता है एवं सभी के खाने योग्य है।
पपीता गर्भावस्था में नहीं खाना चाहिए। पपीता और अन्नानास दो ऐसे फल हैं जिनको एलोपैथिक डॉक्टर भी खाने के लिए मना करते हैं।
Health Benefits of Papaya in Hindi
- पपीते के फल को खाने के बहुत से लाभ हैं। इसके कुछ महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ नीचे दिए गए हैं:
- पपीते को खाने से पाचन समस्याएं दूर रहती हैं। यह अमाशय को मजबूत करता है। यह मुख्य रूप से कब्ज़ की दवाई है। सुबह खाली पेट पका पपीता खाने से कब्ज़ का निवारण होता है।
- पपीता खाने से आँतों की सफाई होती है, पाचन शक्ति बढ़ती है और भूख ठीक से लगती है। यह मन्दाग्नि, अजीर्ण, अफारा, पेट में जलन, प्यास न लगना आदि सभी में कारगर है।
- गरिष्ठ पदार्थों के सेवन करने से जो उपद्रव पैदा होते हैं, वे पपीता खाने से दूर हो जाते हैं।
- पपीता खाने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। पेड़ पर पके पपीते को सुबह खाली पेट खाने से उच्चरक्तचाप कम होता है। ऐसा कई सप्ताह तक लगातार करना चाहिए और पपीता खाने के २ घंटे बाद तक कुछ नहीं खाना चाहिए।
- पपीता का सेवन आँखों के लिए बहुत लाभकारी है। इसे खाने से आँखों की रौशनी बढ़ती है।
- पपीता का सेवन अस्थमा, खून की कमी, टीबी, बवासीर आदि सभी में लाभप्रद है। बवासीर में इसे खाने से खून गिरना बंद होता है।
- लीवर के रोग होने पर भी पपीता खाने से लाभ होता है। प्लीहा या तिल्ली के बढ़ जाने पर पपीता काली मिर्च डाल कर खाना चाहिए। बुखार में भी पपीता सेव्य है।
- इसके सेवन से मूत्र खुल कर आता है और इसलिये यह पेशाब रोग की पथरी में प्रयोग किया जाता है।
- पेट के कीड़ों में पके पपीते के बीजों का प्रयोग किया जाता है। इसके बीजों का पेस्ट बना लें। इसे पानी में मिला लें और छान कर पियें। ऐसा 2-3 दिन लगातार करें।
पपीता विटामिन ए और विटामिन सी का एक बहुत ही अच्छा स्रोत है। विटामिन ए एक फैट में घुलनशील विटामिन है जो कि एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट भी है। यह स्वस्थ दृष्टि, न्यूरोलॉजिकल फ़ंक्शन, स्वस्थ त्वचा तथा शरीर में अन्य कामों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह सूजन को कम करने में मदद करता है। एंटीऑक्सिडेंट्स होने से यह एंटीएजिंग है। विटामिन ए मजबूत हड्डियों के निर्माण, जीन विनियमन, स्वस्थ त्वचा को बनाए रखने व बेहतर इम्युनिटी के लिए जिम्मेदार हैं।
विटामिन सी पानी में घुलनशील विटामिन है जो शरीर के संयोजी ऊतकों के स्वास्थ्य को बनाए रखने और एंटीऑक्सिडेंट के रूप में कार्य करने में भूमिका निभाता है। विटामिन सी के सेवन से बहुत से रोगों जैसे की, हृदय रोग, जन्मपूर्व स्वास्थ्य समस्याओं, नेत्र रोग, आदि से बचाव होत्सा है। इसके अतिरिक्त यह विटामिन त्वचा पर झुर्रियों को आना कम करता है और शरीर की इम्युनिटी को बढ़ा बार बार होने वाले संक्रमणों से शरीर की रक्षा करता है।
नियमित रूप से पपीता खाने से कमर की चर्बी दूर होती है।
पपीते की पोषकता
पपीते के फल में कैलोरी में कम है तथा यह प्राकृतिक विटामिन और खनिजों में समृद्ध है। पपीता में विटामिन सी, विटामिन ए, रिबोफ़्लिविन, फोलेट, कैल्शियम, थाइमिन, लोहा, नियासिन, पोटेशियम और फाइबर पाया जाता है। फाइबर और पानी की अच्छी मात्रा होने से यह कब्ज़ में बहुत लाभकारी है।
तुलनात्मक रूप से कम कैलोरी (39 किलो कैलोरी / 100 ग्राम) होने के कारण यह मोटे लोगों के लिए एक पसंदीदा फल है जो वजन कम करने में सहायक है।
इसके अलावा, पपीता में कैरोटीनॉड्स, यपोटेशिम, सोडियम भी पाया जाता है। इसमें एस्कॉर्बिक एसिड की मात्रा संतरे (61 मिलीग्राम / 100 ग्राम) से अधिक है। यह एक स्वादिष्ट, पोषकता से भरपूर व पाचन गुण और सेरोटोनिन से युक्त फल है। पपीता सेरोटोनिन का एक अच्छा स्रोत है (0।9 9 मिलीग्राम / 100 मिलीग्राम)।
पपीते में प्रति 100 ग्राम पोषण की अनुमानित मात्रा नीचे दी गई है। ब्रैकेट में पपीते के सेवन से प्राप्त पोषक पदार्थ की मात्रा को दैनिक आवश्यक मात्रा के सन्दर्भ में प्रतिशत के रूप में दिया गया है।
- प्रोटीन 0.61 ग्राम
- वसा 0.14 ग्राम
- कार्बोहाइड्रेट 9.81 ग्राम
- चीनी 5.90 ग्राम
- आहार फाइबर 1.8 ग्राम
- ऊर्जा 39 किलो कैलोरी
- विटामिन ए 328 ग्राम (41%)
- थायामिन (विटामिन बी 1) 0.04 मिलीग्राम (3%
- रिबोफैविविन (विटामिन बी 2) 0.05 मिलीग्राम (4%)
- नियासिन (विटामिन बी 3) 0.338 मिलीग्राम (2%)
- विटामिन बी6 0.1 मिलीग्राम (8%)
- फोलेट (विटामिन बी 9) 38 ग्रा (10%)
- विटामिन सी 61.8 मिलीग्राम (74%)
- कैल्शियम 24 मिलीग्राम (2%)
- आयरन 0.10 मिलीग्राम (1%)
- सोडियम 3 मिलीग्राम (0%)
- मैग्नेशियम 10 मिलीग्राम (3%)
- फास्फोरस 5 मिलीग्राम (1%)
- पोटेशियम 257 मिलीग्राम (5%)
पपीते के पौधे के अन्य प्रयोग
- चेहरे पर झुर्रियां कम करने के लिए पपीते को चेहरे पर मलकर लगाना चाहिए।
- झाइयाँ पड़ जाएँ तो नियमित पपीते का गूदा चेहरे पर लगायें।
- पपीते को नियमित चेहरे पर लगाने से दाग धब्बे दूर होते हैं, कान्ति आती है और त्वचा कोमल होती है।
- पपीते के बीज के सेवन से मासिक स्राव नियमित होता है।
- कच्चे पपीते के रस को दाद-खाज-खुजली, एक्जिमा, आदि पर लगाने से यह सभी दूर होते हैं।
- पपीते के पत्ते को पानी के साथ अथवा इसका पेस्ट खाने से बुखार दूर होता है। डेंगू के बुखार में पत्तों के सेवन से प्लेटलेट बढ़ता है।
पपीते को खाने में सावधानियां
- 100-200 ग्राम पपीता रोज खाने से कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
- कच्चे पपीते के embryotoxic and teratogenic असर देखे गए हैं। कच्चा पपीता भ्रूण के लिए टॉक्सिक है और जन्मजात विकृतियाँ हो सकती हैं। इसके अतिरिक्त यह गर्भ नाशक है, इसलिए इसे गर्भावस्था में न खाएं।
- पपीते का एक्सट्रेक्ट एंटीकोअगुललेंट दवाओं के साथ इंटरैक्ट कर सकता है। एस्पिरिन Warfarin के साथ सेवन ब्लीडिंग के खतरे को बढ़ा देता है।
- इसमें पोटैशियम की अच्छी मात्रा होती है।
- अधिक मात्रा में खाने से carotenemia हो सकता है जिसमें हथेली, तलवों और आँखों पीलापन हो जाता है।
- कुछ सेंसिटिव लोगों में अस्थमा, सांस लेने की तकलीफ और हे फीवर के लक्षण देखे जा सकते हैं।
- इसमें विटामिन सी की काफी मात्रा है। अधिकता में सेवन किडनी की पथरी का कारण बन सकता है।
- ज्यादा मात्रा में सेवन पेट दर्द, गैस, जी मिचलाना आदि पेट सम्बंधित परेशानियां कर सकता है।
- लूज़ मोशन में यह न खाएं।