पीपल में कैंसर विरोधी anti-cancer, एंटीऑक्सिडेंट antioxidant, एंटी-डायबिटिक anti-diabetic , रोगाणुरोधी anti-bacterial, कृमिनाशक anti-parasitic, एंटी-अलसर anti-ulcer, और एंटी-अस्थमा anti-asthma गुण होते हैं।
पीपल का वृक्ष हिन्दू धर्म में बहुत महत्त्व रखता है। ऐसा माना जाता है इस पर देवता स्वयम वास करते हैं। भगवान श्री कृष्ण श्रीमद्भगवदगीता (१०/२६) में कहते हैं ” हे अर्जुन, अश्वत्थः सर्ववृक्षाणाम अर्थात वृक्षों में, मैं पीपल का वृक्ष हूँ “। यह एक पवित्र वृक्ष है जिसकी हिन्दू पूजा करते हैं। पीपल ही बोधिवृक्ष है। इस वृक्ष के नीचे बैठकर ही तथागत गौतम बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।
पीपल का वृक्ष हिंदू मंदिरों, बौद्ध मठों, धार्मिक स्थलों, गांवों में और सड़क के किनारे आदि देखे जा सकते हैं। न केवल धार्मिक रूप से अपितु औषधीय रूप में भी पीपल का महत्व है। आयुर्वेद में इसके हर हिस्से को दवा के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। प्राचीन समय से इसे चर्मरोग, हृदय रोगों, मधुमेह, उल्टी, जलन, तंत्रिका विकार, कब्ज, पेचिश, सर्पदंश आदि विभिन्न बीमारियों के इलाज के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है।
पीपल का पेड़ दिन-रात ऑक्सीजन O2 छोड़ता है जबकि अन्य पेड़ दिन में तो ऑक्सीजन छोड़ते हैं लेकिन रात में वे कार्बन-डाइ-ऑक्साइड CO2 उत्सर्जित करते हैं। पीपल का पेड़ सूरज की तपती गर्मी को तो रोक लेता है लेकिन उसकी रौशनी को नहीं रोकता। इसलिए इस पेड़ के नीचे छाया तो होती है पर उजाला भी रहता है। पीपल में कैंसर विरोधी anti-cancer, एंटीऑक्सिडेंट antioxidant, एंटी-डायबिटिक anti-diabetic , रोगाणुरोधी anti-bacterial, कृमिनाशक anti-parasitic, एंटी-अलसर anti-ulcer, और एंटी-अस्थमा anti-asthma गुण होते हैं। पीपल के कोमल पत्ते tender leaves, फल fruits, जड़ roots, छाल bark, बीज seeds, और लेटेक्स/दूध milky latex सभी औषधीय रूप में प्रयोग होते है। इसके फल विरेचक laxative होते हैं। फलों का उपयोग हृदय और रक्त विकारों heart and blood diseases में होता है। अस्थमा asthma में इसके सूखे फलों का पाउडर/चूर्ण लाभकारी है। इसकी छाल से निकाला हुआ जूस कुल्ला करने mouthwash of bark, मसूड़ों को मजबूत strengthens gums करने और दांत के दर्द में उपयोग होता है। बीजो को कुष्ट या लेप्रोसी में प्रयोग करते हैं। पीपल के पत्तों का प्रयोग फोड़े, घाव और अन्य त्वचा रोगों में होता है। पीपल की जड़ चबाने से मसूड़ों के रोग दूर होते हैं।
स्थानीय नाम
- Assamese : Ahant
- Bengali : Asvattha, Ashud, Ashvattha
- English : Pipal tree
- Gujrati : Piplo, Jari, Piparo, Pipalo
- Hindi : Pipala, Pipal
- Kannada : Arlo, Ranji, Basri, Ashvatthanara, Ashwatha, Aralimara, Aralegida, Ashvathamara, Basari, Ashvattha
- Malayalam : Arayal
- Marathi : Pipal, Pimpal, Pippal
- Oriya : Aswatha
- Punjabi : Pipal, Pippal
- Tamil : Ashwarthan, Arasamaram, Arasan, Arasu, Arara
- Telugu : Ravichettu
Scientific Classification पीपल पेड़ का वैज्ञानिक वर्गीकरण
पीपल का वानस्पतिक नाम फाइकस रेलिगिओसा है और यह मोरेसेएइ कुल के अंतर्गत आता है। नीचे इसका वर्गीकरण दिया गया है : –
- Domain: Eukaryota
- Kingdom: Plantae
- Subkingdom: Viridaeplantae
- Phylum: Tracheophyta
- Subphylum: Euphyllophytina
- Infraphylum: Radiatopses
- Class: Magnoliopsida
- Subclass: Dilleniidae
- Superorder: Urticanae
- Order: Urticales
- Family: Moraceae
- Tribe: Ficeae
- Genus: Ficus
Botanical name of Peepal tree: Ficus religiosa फाइकस रेलिगिओसा
Medicinal Uses of Peepal in Hindi
पुराने पीपल (peepal tree older than 15 years ) की २०-३० ग्राम छाल का काढ़ा decoction, प्रमेह, रक्त पित्त/bleeding disorder (नाक आदि से खून बहना), गठिया, आदि में दिया जाता है। पीपल की छाल रस में कडवी, गुण में रुखी और भारी, तासीर में ठंडी cooling और पाचन के बाद कटु होती हैं। छाल में मुख्यत टैनिन पाए जाते है। छाल को दस्त, पेचिश, और सूजन में भी प्रयोग किया जाता है। यह जीवाणुरोधी और शीतल होतीं है।
- पत्ते, हिचकी, उल्टी, गर्मी, गोनोरिया,घाव, त्वचा की बीमारी में प्रयोग होते हैं।
- पत्तों का रस दमा, खाँसी, डायरिया, गैस्ट्रिक समस्याओं में दिया जाता है।
- सूखे फल ज्वर, क्षय रोग, पक्षाघात और बीज को शीतलक और विरेचक के रूप में इस्तेमाल होते हैं।
- फलों का प्रयोग अस्थमा और पाचन समस्याओं में होता है।
- नीचे पीपल के कुछ औषधीय उपयोग दिए गये हैं। ये उपाय सदियों से लोगों द्वारा किये जा रहे हैं|
रतौंधी Night blindness
रतौंधी में रात को ठीक से दिखाई नहीं देता। इसमें पीपल की लकड़ी का टुकड़ा गो-मूत्र के साथ शिला पर गिस कर आँखों में अंजन की तरह लगाना चाहिए।
मलेरिया Malaria fever
मलेरिया में पीपल की टहनी का दातुन कई दिनों तक किया जाता है।
कान का दर्द या बहरापन earache, deafness
ताज़ी पत्तियों का रस कान में डाला जाता है। बहरेपन में ऐसा नियमित किया जाता है।
दमा, खांसी Asthma, coughing
पीपल के पत्तों को सुखा कर कूटा जाता है। इसे फिर कपडे से छान कपड़छन चूर्ण बना उसे शहद के साथ नियमित एक महिना सुबह चाट कर लिया जाता है।
पीपल के सूखे फलों का चूर्ण भी अस्थमा रोग के उपचार में लाभकारी है।
सर्दी, कफ cold, cough
पीपल की २-४ कोमल पत्तियों को चूसने से लाभ होता है।
घातु की कमजोरी और बाँझपन sexual disorders of male, infertility in women
पीपल के फलों को सुखा कर कूटा जाता है। इसे फिर कपडे से छान कपड़छन चूर्ण बना रोज़ दूध के साथ पीने से घातु की कमजोरी और महिलाओं का बाँझपन दूर होता है।
यही फलों का चूर्ण, प्रदर leucorrhoea, मासिक की समस्या menstruation/ period related issues जैसे की खुल कर न होना, समय पर न होना आदि को दूर होता है।
Reference
- Chopra, R.N., Chopra, S. 1958. Indigenous drugs of India, 2nd edn. Dhur and Sons, Calcutta. 606 Pp
- DamanpreetSingh, Rajesh KumarGoel, “Anticonvulsant effect of Ficus religiosa: role of serotonergic pathways”,J. Ethanopharmacol., 123: 330-334, 2009.
- P.V.Prasad, P.K.Subhaktha, A.Narayana, M.M. Rao,“Medico-historical study of “Asvattha” (sacred fig tree)”,Bull. Indian Inst. Hist. Med.Hyderabad, 36: 1-20, 2006.
- Panit, R., Phadke, A., Jagtap, A. 2010. Antidiabetic effect of Ficus religiosa extract in streptozotocin-induced diabetic rats. J. Ethnopharmacol., 128: 462 466.
- P.K.Warrier, “Indian medicinal plants-A compendium of 500 species”, Orient Longman Ltd., Chennai, Vol. III, 38-39, 1996.
- N.Sirisha, M.Sreenivasulu, K.Sangeeta, C.M.Chetty,“Antioxidant Properties of Ficus Species-A review”,
- International Journal of PharmTech Research, 3:2174-2182, 2010.
how to use peepal leaf
I want scientific reason about is all plants release carbon dioxide in night except peepal…then how life could be possible without oxygen at night…
It is not true that Peepal do not release co2 in night. But Peepal and all ficus family tree are very efficient in producing oxygen.
dear sir /medam
i want to know about red pipal tree .i want tree of red pipal tree .so pls give me advice about this tree .
thanks
aniruddhsinh
00919979208382
Dear Aniruddha, Red Pipal tree means, Pipal tree with red bark. Pital bhi kai variety ho sakati hain. App ko jo pipal ka tana redis color ka dikhe use use karen.