एवोकाडो से आप जरुर परिचित होंगे। यह नाशपाती के आकार का यह एक एक्सोटिक फल है जो की आजकल भारत में भी मिलने लगा है। इसका लैटिन नाम पर्सिआ अमेरिकाना Persea americana है। यह मध्य और दक्षिण अमेरिका का मूल निवासी है और अब पूरी दुनिया के ट्रॉपिकल और सबट्रॉपिकल प्रदेशों में उगाया जाना लगा है। भारत में एवोकाडो बैंगलोर, नंदी हिल्स, पुणे और नीलगिरी में उगाया जा रहा है। तमिलनाडु के कल्लार और बुर्लिअर में इसकी आठ किस्में और बैंगलोर में चौदह किस्में उगाई जा रही है।
एवाकाडो फल स्वाद में कसैला और कुछ मीठा होता है। यह एक पौष्टिक और गुणकारी फल है। ओलिव को छोड़ किसी भी फल में इतना फैट नहीं है जितना की एवोकाडो में। एवोकाडो की पौष्टिकता में उगाई जाने वाली जगह के अनुसार कुछ भिन्नता हो सकती है।
नीलगिरी से मिलने वाले एवाकाडो में करीब 23 प्रतिशत वसा, 2 प्रतिशत प्रोटीन के साथ-साथ बहुत से खनिज और विटामिन पाए हैं। जो एवोकाडो मेक्सिको के हैं उनमें तेल की मात्रा काफी अधिक है (30 g/100 g)। फल के अन्दर केवल एक ही बीज होता है जो की वसा युक्त गूदे से घिरा होता है।
एवोकाडो के पेड़ के भिन्न हिस्सों का मध्य-दक्षिण अमेरिका के देशों में विविध रूप से प्रयोग होता है। इसके फल, बीज, पत्ते, तेल आदि को भोजन-दवा और सौदर्य बढ़ाने के लिए प्रयोग प्राचीन समय से होता आ रहा है। इसे आंतरिक-बाह्य सभी तरह से इस्तेमाल हैं। इसके अतिरिक्त पहले के समय में एवोकाडो बीज के दूधिया फ्लूइड से एक भूरी-काली स्याही भी प्राप्त की जाती थी जिसे कागज पर लिखने और कपड़ों को रंगने में प्रयोग करते थे। पत्तों को सुखा कर तेज पत्ता की ही तरह भोजन में प्रयोग किया जाता है।
सामान्य जानकारी
पर्सिया अमेरिकाना एक बड़ा वृक्ष है जिसकी उंचाई 15-18 मीटर हो सकती है। यह मध्य अमेरिका में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। इसके पत्ते लम्बगोल – भालकार, चालीस सेंटीमीटर लम्बे हो सकते हैं। फूल हरे छोटे और फल बड़े नाशपाती के आकार के होते हैं। यह देखने में कुछ लम्बे और अंडाकार होते हैं। फलों का रंग पीला-हरा, लाल-भूरा या जामुनी सा होता है। फल का गूदा मक्खन जैसा मुलायम या सख्त हो सकता है। फल में केवल एक बीज होता है।
- वानस्पतिक नाम: पर्सिया अमेरिकाना Persea gratissima Gaertn
- अन्य अंग्रेजी नाम: Alligator Pear, Butter Fruit
- भारतीय नाम: Kulu Naspati or Makhanphal
- पौधे का प्रकार: वृक्ष
एवोकाडो का वैज्ञानिक वर्गीकरण Scientific Classification
- किंगडम Kingdom: प्लांटी Plantae – Plants
- सबकिंगडम Subkingdom: ट्रेकियोबाईओन्टा Tracheobionta संवहनी पौधे
- सुपरडिवीज़न Superdivision: स्परमेटोफाईटा Spermatophyta बीज वाले पौधे
- डिवीज़न Division: मैग्नोलिओफाईटा Magnoliophyta – Flowering plants फूल वाले पौधे
- क्लास Class: मैग्नोलिओप्सीडा Magnoliopsida – द्विबीजपत्री
- सबक्लास Subclass: Magnoliidae
- आर्डर Order: लौरेल्स Laurales
- परिवार Family: लौरेसेऐइ – लौरेल फॅमिली (दालचीनी, तेजपत्ता परिवार)
- जीनस Genus: पर्सिआ Persea Mill। – bay P
- प्रजाति Species: पर्सिआ अमेरिकाना
एवोकाडो फल में पोषण (प्रति 30 ग्राम)
- कैलोरी 50
- कोलेस्ट्रोल नहीं
- सोडियम 2 मिलीग्राम
- पोटैशियम 150 मिलीग्राम
- डाइटरी फाइबर 2 ग्राम
- प्रोटीन 1 ग्राम
- टोटल फैट 4.5 ग्राम
- – पूफा (पीयूएफए-पॉली अनसेच्युरेटेड फैटी एसिड) 0.5 ग्राम
- – मूफा (एमयूएफए-मोनो सेच्युरेटेड फैटी एसिड) 3 ग्राम
- विटामिन A 1%
- विटामिन C 4%
- आयरन 1 %
- खनिज 1.1 प्रतिशत
एवोकाडो के औषधीय प्रयोग
एवोकाडो में गर्भस्रावकारी, गर्भनिरोधी, एंटीसेप्टिक, कामोद्दीपक, कसैला, मूत्रवर्धक, परजीवीनिरोधी, आदि गुण हैं। फल के गूदे को कामोत्तेजक aphrodisiac और emmenagogue के रूप में प्रयोग किया जाता है। यह मेक्सिको में काफी पुराने समय से बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं के प्राकृतिक इलाज़ में प्रयोग किया जाता रहा है। मेक्सिको निवासी इसे लीवर की समस्या में इसके हिपेटोप्रोटेक्टिव गुण hepatoprotective के कारण प्रयोग करते आ रहे हैं।
मेक्सिको में फल के गूदे को ट्यूमर के लिए व कुटे हुए बीजों को रूबेफिएन्ट rubefacient के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। बीजों का काढ़ा, दांत दर्द को दूर करने के लिए स्थानीय रूप से उपयोग किया जाता है।
एवेकाडो के फल के पेरिकार्प से तेल बनाया जाता हैं जिसे Avocado oil कहते हैं। इसमें विटामिन ई, ओलिक एसिड, पामिटिक एसिड, लिनोलिक एसिड और पालमिटोलिक एसिड मुख्य रूप से पाए जाते हैं। इसे प्राकृतिक सौन्दर्य प्रसाधनों natural cosmetics क्रीम, आदि में काफी प्रयोग किया जा रहा है।
- एवेकाडो फल को बाहरी रूप से त्वचा पर भी लगा सकते हैं। यह त्वचा को ठंडक देता है और मुलायम बनाता है।
- बीज के पाउडर का रूसी के लिए प्रयोग किया जाता है।
- त्वचा पर फोड़े-फुंसी के लिए बीज का तेल प्रयोग किया जाता है ।
- एवकाडो के बीजों से बने काढ़े के सेवन से पेट के कीड़े दूर होते हैं।
- इसके बीजों की पुल्टिस को बाहरी रूप से लागने से बाल का झड़ना रुकता है।
- पत्तों से बनी चाय को मासिक लाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- पायरिया में पत्तों को चबाने से लाभ होता है।
- पत्तों से बनी पुल्टिस को घाव पर लगाया जाता है।
- इसकी मुलायम टहनी का काढा कफ में दिया जाता है।
- पत्तों का काढ़ा दस्त, गले में खराश, हेमरेज, तथा मासिक धर्म की अनियमितता को दूर करने के लिए देते हैं।
एवोकाडो खाने के लाभ Health Benefits of Avocado Fruits in Hindi
एवोकाडो फल बहुत अधिक पौष्टिक होते हैं। यह फलों में सबसे अधिक एनर्जी देने वाले फल हैं। फलों को ताज़ा, नमक के साथ, काली मिर्च छिड़क कर, चीनी और नींबू रस के आदि के साथ खाया जा सकता है। इसे आइस क्रीम, सलाद, सैंडविच, सूप, टोरटीला आदि में भी डाला जाता है।
फलों के गूदे में 3–30% तेल होता है जो की त्वचा की नमी बनाये रखने वाले जेलों, फेस क्रीम, हैण्ड लोशन आदि में एक इनग्रेडीयेंट की तरह डाला जाता है। यह तेल एलर्जी नहीं करता और सूर्य की त्वचा को काली करने वाली किरणों को रोकता है।
एवोकाडो में प्रोटीन बहुत होता है। इसमें MUFA, Mono-unsaturated Fatty Acid (up to 69% oleic-हेल्थी फैट, की काफी अधिक मात्रा होती है। इस प्रकार के फैट पूरी सेहत और विशेषकर हृदय की रक्षा के लिए अत्यंत ज़रूरी हैं। यह शरीर में बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करने में सहयोगी है और अच्छे कोलेस्ट्रोल को बढ़ाता है। इसलिए यदि आपको हाई कोलेस्ट्रोल है तो निश्चित ही एवोकाडो को अपनी डाइट में शामिल करें।
इसमें विटामिन E हैं जो की एक उत्तम एंटीऑक्सीडेंट है और शरीर की सेल्स को फ्री सेल डैमेज से बचाता है। इसमें फोलेट होता है जो की होमोसिस्टीन लेवल को कम करता है।
इसमें पाया जाने वाले कैरोटीनोइड्स के कारण यह आँखों के लिए अच्छा है और कैटरेक्ट और मेकुलर डीजनरेशन से आँखों को बचाता है।
- यह लीवर, फेफड़ों, त्वचा, और हृदय को पोषण देता है।
- यह टॉनिक है और शरीर को काम करने के लिए ताकत देता है।
- इसमें फैट में घुलनशील विटामिन A, D, E पाए जाते हैं।
- इसमें खनिज विशेष रूप से कॉपर और आयरन की अच्छी मात्रा होती है।
- इसमें फॉस्फोरस, मैग्नीशियम, कैल्शियम, सोडियम, मैंगनीज़ होता है।
- इसमें पोटैशियम की मात्रा केलों की तुलना में अधिक है। पोटैशियम शरीर में रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहयोगी है।
- यह मांसपेशियों को ताकत देता है, त्वचा का पोषण करता है और अन्य फलों की अपेक्षा में अधिक पौष्टिक है।
- इसके सेवन से शरीर में वात कम होता है, इसलिए वात रोगों में इसका सेवन लाभप्रद है।
- इसके फल में काफी फाइबर होता है जिस कारण यह कब्ज़ और कोलेस्ट्रोल को दूर करता है।
- एवोकाडो का सेवन डायबिटीज में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में लाभप्रद है। यह ट्राइग्लिसराइड, बुरे कोलेस्ट्रोल को कम करता है और साथ ही इन्सुलिन के सही से काम करने में मदद करता है।
- जोड़ों के दर्द, स्टिफनेस, आर्थराइटिस तथा अन्य वातरोगों में एवोकाडो का सेवन लाभप्रद हैं। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन्स, कैरोटीनोइड्स carotenoid lutein, सूजन और दर्द में आराम देते हैं।
- यह एंटीएजिंग है। यह वज़न को बढ़ाने में लाभप्रद है। इसके सेवन से इम्युनिटी बढ़ती है। इसमें मौजूद वसा के कारण इसके सेवन से किसी अन्य फल की तुलना में अधिक एनर्जी, फैट सोल्यूबल विटामिन और अच्छा फैट मिलता है। यह फैट बालों और त्वचा को चिकनाई देता है और ड्राईनेस दूर करता है।
सावधनियाँ
जो लोग डिप्रेशन के लिए Monoamine oxidase inhibitors (MAOIs) दवाओं का सेवन करते हैं, उन्हें अवकेडो का सेवन कम मात्रा में करना चाहिए क्योंकि इसमें tyramine होता है।
- एवाकाडो में पोटैशियम की प्रचुर मात्रा होती है।
- जिन्हें पोटैशियम कम लेने की सलाह हो, वे इसका सेवन सावधानी से करें।
- पत्तों का काढ़ा गर्भवस्था में प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- अवाकेडो वात और पित्त को कम करता है लेकिन कफ को बढ़ाता है।
- कफ की अधिक प्रवृति हो तो इसका सेवन सावधानी से करें।
- अवाकेडो से यदि कोई दुष्प्रभाव हो तो हल्दी, नींबू और काली मिर्च का सेवन करें।
- कच्चा फल न खाएं।
- इसे बहुत लम्बे समय तक स्टोर न करें।
- इसे फ्रिज में न रखें।
- इस फल में कैलोरी की मात्रा काफी होती है।
- अधिक मात्रा में सेवन वज़न बढ़ा सकता है।