पिप्पली चूर्ण पाचक पित्त को बढाता है और आँतों की सफाई में भी मदद करता है। यह शरीर के अधिक कफ को भी नष्ट करता है।
पिप्पली को एक मसाले और दवा की तरह बहुत पुराने समय से प्रयोग किया जाता रहा है। इससे बहुत से आयुर्वेदिक दवाएं भी बनाई जाती हैं। त्रिकटु चूर्ण Trikatu, एक बहुत ही प्रसिद्ध आयुर्वेदिक औषधि जिसमें पिप्पली मुख्य घटक है। त्रिकटु चूर्ण में तीन कटु पिप्पली, काली मिर्च और सोंठ बराबर मात्रा में मिला कर बनाये जाते हैं। त्रिकटु पाचन और श्वास सम्बन्धी समस्याओं में लाभकारी है।
पिप्पली चूर्ण पाचक पित्त को बढाता है और आँतों की सफाई में भी मदद करता है। यह शरीर के अधिक कफ को भी नष्ट करता है। वो सभी स्वास्थ्य समस्याएं जो की अधिक कफ के कारण होती हैं उनमें त्रिकटु चूर्ण लाभ करता है।
पिप्पली शरीर में वात और कफ को कम करता है लेकिन पित्त को बढ़ाता है। इसका सेवन प्लाज्मा plasma, रक्त blood, मेद fat, नर्वेस nerves और जननांगों reproductive organs पर विशेष रूप से प्रभाव डालता है।
Side effects of Pippali in Hindi /Caution/Warning
पिप्पली का सेवन कुछ परिस्थितियों में नहीं करना चाहिए। जैसे की पित्त प्रकृति के लोगों में इसका सेवन पित्त को और बढ़ा कर हाइपरएसिडिटी और गले, पेट आदि में जलन कर सकता है।
पिप्पली चूर्ण के सवेन से शरीर में पित्त बढ़ता है। इसलिए एसिडिटी acidity में इसका सेवन सावधानी से किया जाना चाहिए।
पिप्पली चूर्ण का सेवन दवाओं का अवशोषण absorption of medicines बढ़ा देता है।
पिप्पली का अधिक मात्रा में सेवन वात, पित्त और कफ, तीनो दोषों का असंतुलन vitiation of all three dosha कर देता है तथा शरीर में जलन burning sensation पैदा करता है।
आयुर्वेद ने बहुत लम्बे समय तक पीपली का नियमित सेवन निषेध है।
यह शरीर में गर्मी warming/termogenic बढ़ा देता है। Pippali has emmenagogue (stimulates or increases menstrual flow) properties. इसका सेवन गर्भावस्था में न करें।