ईसबगोल(Isabgol) के पौधे मरुस्थलीय क्षेत्रों में जहाँ कम बारिश होती है वहाँ पाए जाते हैं। यह भारत के कुछ हिस्सों में, मालबा एवं सिंध, अरब की खाड़ी, और पर्शिया में पाया जाता है। यह एक प्रकार की झाड़ी है जिसके पत्ते धान के पत्तों जैसे और डालियाँ पतली होती हैं। डालियों के सिरे पर गेंहू जैसी बालें लगती है जिनमें बीज रहते हैं। बीज छोटे-छोटे नोकाकृति के होते हैं । यह कुछ बादामी रंग के होते हैं । प्रत्येक बीज के ऊपर एक पतला श्वेत वर्ण का आवरण होता है जिसे औषधीय प्रयोग के लिए अलग कर लिया जाता है। इसी को ईसबगोल की भूसी कहा जाता है और प्रायः कब्ज़ से आराम पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यूनानी में इसे मिज़ाज में शीतल और तर माना जाता है और पुराने कब्ज़, अतिसार, लूज़ मोशन, किडनी ब्लैडर के रोगों में दिया जाता है।
Read in Engish : Know the Isabgol Benefits, Side effects and Dosage
इसबगोल का मुख्य गुण मूत्रल और विरेचक है। आयुर्वेद में इसे शीतल, शांतिदायक, और दस्त को साफ़ करने वाला कहा गया है। यह मल को आंत से दूर करने में सहायता करता है जिससे पेट के मरोड़, दर्द, मलावरोध से आराम मिलता है। पेचिश, अतिसार तथा आंतो के घाव में भी यह उपयोगी है।
Botanical name: प्लान्टागो ओवाटा या प्लान्टागो इसाबगुला Plantago ovata, P। isabgula
Common name: Psyllium husk, Ishadgola, Psyllium, Blonde Ispaghula, Ispaghula, Isabgol
ईसबगोल की भूसी के फायदे Health Benefits of Psyllium Husk in Hindi
- यह फाइबर का अच्छा स्रोत है।
- इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल और लिपिड को कम करता है।
- डाइटरी सप्लीमेंट के तरह तक इसका ६ महीने तक सेवन ब्लड प्रेशर को कम करता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज से बचाव करता है।
- यह सूजन को कम करता है।
- यह मुख्य रूप से इसके विरेचक गुणों के कारण कब्ज़ के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
- यह पुराने कब्ज़ में स्टूल की फ्रीक्वेंसी और आउटपुट को नियंत्रित करता है।
- इरीटेबल बाउल सिंड्रोम IBS में यह अच्छे परिणाम देता है।
- यह डायबिटीज में लाभप्रद है। रात में इसका सेवन, फास्टिंग शुगर को कण्ट्रोल करता है।
- एक प्रयोग में देखा गया की २ महीने तक इसका सेवन रक्त में बढ़े हुए यूरिया hyperuremia को करीब 19% कम करता है।
- यह बवासीर, मल के सख्त होने और बहुत अधिक प्यास में लगने प्रभावी है।
- यह ग्लूटेन फ्री होता है।
रोग जिनमें ईसबगोल की भूसी दवा के रूप में उपयोगी है Medicinal uses of Psyllium Husk
ईसबगोल की भूसी का सेवन निम्न रोगों में लाभप्रद है:
- कब्ज़, बवासीर
- आंतो को साफ़ करने के लिए
- इरीटेबल बाउल सिंड्रोम
- पेचिश, अतिसार, लूज़ मोशन
- मधुमेह, शुक्रमेह
- शरीर में यूरिया की अधिकता
- पित्त की अधिकता
- शरीर में अधिक गर्मी
- बहुत प्यास लगना
- फास्टिंग शुगर ज्यादा होना
कब्ज़ में रोज रात को ५-१० ग्राम ईसबगोल की भूसी दूध / दही / पानी में मिलाकर खाने से फायदा होता है। यह बात ध्यान रखने योग्य है, इसे कभी भी सूखा नहीं लिया जाना चाहिए। इसे हमेशा पर्याप्त मात्रा में तरल के साथ लिया जाना चाहिए। बच्चों को यह बहुत ही कम मात्रा में और २ साल तक के बच्चों को तो नहीं ही दिया जाना चाहिए।
Dosage of Psyllium Husk
ईसबगोल की भूसी को 5-10 ग्राम की मात्रा में एक गिलास पानी / दही / दूध क साथ मिला कर लेने चाहिए।
Contraindications, Interactions, and Side Effects
- इसके सेवन के दौरान पानी प्रयाप्त मात्रा में लेना ज़रूरी है।
- इसे हमेशा १ गिलास पानी या इतनी ही मात्रा के तरल के साथ लें।
- इसे किसी भी दवा के सेवन के १ घंटे बाद लें।
- इसे लेट कर न लें।
- अगर साईलियम से एलर्जी हो तो इसे न लें।
- कुछ दवाओं का अवशोषण इसके सेवन से कम हो सकता है।
- चिकन पर किये गए प्रयोग दिखाते हैं इसका नियमित डाइट के साथ सेवन बढ़वार को कम करता है।
- इसे छोटे बच्चों को न दें।
- ज्यादा मात्रा में या शरीर में पानी की कमी होने पर देने से यह गले या आंत को चोक कर सकता है।
- गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसका सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है।
Read In English : Isabgol Benefits, Side effects and Dosage
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बीजीआर-34, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय) Council of Scientific and Industrial Research द्वारा विकसित की गई है। सीएसआईआर, CSIR ने इसे कम मूल्य में मधुमेह में बढ़े रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने के लिए विकसित किया है। http://www.bimbim.in/medicine/bgr-34/2465
It is developed by Council of Scientific and Industrial Research (Ministry of Science and Technology). CSIR has developed this product for controlling elevated blood sugar level in diabetes. BGR 34 has antioxidant, antidiabetic, antihyperglycemic, cardio protective, and adaptogenic properties. http://www.bimbima.com/health/ayurveda/post/bgr-34-uses-and-dosage-to-control-diabetes
Their are many medication to control diabetes, here is one of them which is based on fresh leaves of Jamun, Neem, Bilva(Bael), Tulsai(Basil) leaves. http://www.bimbima.com/health/post/2014/08/15/a-great-blended-herbal-powder-of-leaves-for-diabetes.aspx