सदाबहार एक औषधीय पौधा है। यह स्वाद में कड़वा, चरपरा, व् स्वभाव में उष्ण/गर्म होता है। इसके पत्तों, फूलों और जड़ में बहुत से औषधीय पदार्थ पाए जाते हैं।
सदाबहार पौधेका मूल उत्पत्ति स्थान अमेरिका है और यह पुरे भारत में पाया जाता है। इसके दो जातियां पायी जाती हैं, सफ़ेद और गुलाबी पुष्पों वाली। सदाबहार, आसानी से उगने और पूरे साल हरा रहने वाला पौधा है। इसके छोटे बीज बहुत ही आसानी से उग जाते हैं। इसे हिंदी में सदाबहार, पंजाबी में रतनजोत, और बंगला में नयनतारा कहते हैं।
सदाबहार एक औषधीय पौधा है। यह स्वाद में कड़वा, चरपरा, व् स्वभाव में उष्ण/गर्म होता है। इसके पत्तों, फूलों और जड़ में बहुत से औषधीय पदार्थ पाए जाते हैं। इन पदार्थों के कारण सदाबहार में मधुमेहरोधी, मूत्रल, टॉनिक, जीवाणु रोधी एवं अन्य बहुत से गुण पाए जाते हैं। आधुनिक शोध भी इसके इन गुणों की पुष्टि करते हैं।
सदाबहार के बहुत से औषधीय प्रयोग हैं। जिनमे से कुछ आगे बताए गए हैं।
सदाबहार फूल के पौधे की सामान्य जानकारी | Sadabahar Flower in Hindi
- वानस्पतिक नाम: कैथेरेन्थस रोज़ियस, विंका रोज़ेआ Catharanthus roseus; Synonym: Vinca rosea
- कुल (Family): अपोसाईनेसिये Apocynaceae
- औषधीय उद्देश्य के लिए इस्तेमाल भाग: पूरा पौधा
- पौधे का प्रकार: झाड़ी
- वितरण: पूरे देश में
सदाबहार के स्थानीय नाम | Sadabahan Namen in Hindi
- Sanskrit: Nityakalyani नित्यकल्यानी
- Hindi: Sadabahar, Baramassi सदाबहार, बारहमासी
- Malyalam: Ushamalari, Nityakalyani
- Punjabi: Rattanjot रतनजोत
- Kannada: Kasikanigale, Nitya Mallige
- Telugu:Billaganeru
- Tamil: Sudukattu mallikai
सदाबहार के औषधीय प्रयोग | Sadabahar Medicinal Uses in Hindi
सदाबहार को मधुमेह रोग में प्रयोग किया जाता है। औषधि की तरह इसके पत्तों, पुष्पों, कलियों और जड़ का प्रयोग किया जाता है। इसे हमेशा बतायी गई मात्रा में ही लिया जाना चाहिए। अधिक मात्रा में इसका सेवन कई साइड-इफ़ेक्ट दाल सकता है। गर्भावस्था में इसका सेवन नहीं करना चाहिये।
ततैया के काटने पर insect sting
ततैया के काटने पर सदाबहार के पत्तों का रस दंश के स्थान पर लगाया जाता है।
मधुमेह में diabetes
1. १ करेला+ १ खीरा+ १ टमाटर का जूस निकाल लें और इसमें सदाबहार के ५-७ फूल भी पीस कर डाल लें और सेवन करें।
2. २-३ सदाबहार के पत्ते + जड़ को पानी में उबाल कर, सुबह काली पेट पीने से लाभ होता है।
3. सदाबहार की २ पत्तियों का दिन में दो-तीन बार प्रयोग करने से मधुमेह नियंत्रण में रहता है।
नकसीर Nose bleed
सदाबहार के पत्ते का थोड़ा सा रस नाक में डालने से रक्त का बहना रुक जाता है।
त्वचा रोग, फोड़े-फुंसी, रक्त में अशुद्धि skin diseases
1. सदाबहार के २-३ पत्ते खाने से रक्त की अशुद्धियाँ दूर होती हैं।
2. जड़ का काढ़ा पीने से लाभ होता है।
कमजोरी, टॉनिक physical weakness
सदाबहार पौधे की जड़ लेकर उसे साफ़ करकर सुखा लें। सूखने के बाद उसे पीस कर चूर्ण बना लें। १०० गर्म जड़ के पाउडर में ४०० ग्राम मिसरी पीस कर मिला दें और रोज़ १ चम्मच खाली पेट सेवन करें।