इसबगोल के फायदे, नुकसान, उपयोग विधि और प्राइस

इसबगोल Isabgol Bhusi in Hindi की भूसी को सत इसबगोल, इस्पघुला, साइलियम हस्क के नाम से भी जानते हैं। यह प्लांटैगो ओवाटा नामक पौधे के बीजों से प्राप्त होता है। यह कब्ज़, पाइल्स, अधिक कोलेस्ट्रोल, अतिसार, लूज़ मोशन, किडनी ब्लैडर के रोगों में दिया जाता है। इसमें सौम्य विरेचक, शीतलन, मूत्रवर्धक गुण होते हैं।

इसबगोल की भूसी को मुख्य रूप से कब्ज़ में लिया जाता है। इस भूसी में प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला जेलैटिनस पदार्थ होता है जो पानी में भिगोने पर जेल बनाता है। इसबगोल का कोई स्वाद और गंध नहीं होता है। पानी को सूख लेने पर यह फूल जाता है और बल्क लेक्सेटिव का काम करता है। यह आँतों के रास्ते को फैलाने में मदद करता है और आंत्र आंदोलन को बढ़ावा देता है। इसतरह से कब्ज़ में कठोर स्टूल को आगे बढ़ाता है जिससे कब्ज़ से राहत होती है।

इसबगोल को लेने के दौरान कुछ सावधानियां रखी जानी चाहिए। इसबगोल को हमेशा पर्याप्त मात्रा में तरल के साथ लिया जाना चाहिए। 5 ग्राम इसबगोल को कम से कम 150 मिलीलीटर तरल के साथ लिया जाना चाहिए। ऐसा नहीं करने से एसोफैगस चोक हो सकती है। आंतों में बाधा हो सकती है यदि पर्याप्त तरल का सेवन नहीं किया जाता है। बुजुर्गों और कमजोर लोगों के उपचार के लिए इसके सेवन के लिए चिकित्सा पर्यवेक्षण की आवश्यकता होती है। इसबगोल को अन्य दवाओं से कम से कम 2 घंटे पहले या बाद में लिया जाना चाहिए। साथ में इसका सेवन करने पर अन्य दवाओं का अवशोषण कम हो जाता है।

इस पेज पर जो जानकारी दी गई है उसका उद्देश्य इस दवा के बारे में बताना है। कृपया इसका प्रयोग स्वयं उपचार करने के लिए न करें। हमारा उद्देश्य दवा के लेबल के अनुसार आपको जानकारी देना है।

यह पेज इसबगोल के बारे में हिंदी में जानकारी देता है जैसे कि दवा का कम्पोज़िशन, उपयोग, लाभ/बेनेफिट्स/फायदे, कीमत, खुराक/ डोज/लेने का तरीका, दुष्प्रभाव/नुकसान/खतरे/साइड इफेक्ट्स/ और अन्य महत्वपूर्ण ज़रूरी जानकारी।

  • इसबगोल क्या होता है?
  • इसबगोल में मौजूद सामग्री क्या हैं?
  • इसबगोल के उपयोग क्या हैं?
  • इसबगोल के दुष्प्रभाव या नुकसान क्या हैं?
  • इसबगोल को कब नहीं लेते हैं?
  • इसबगोल के संभावित दवा interaction क्या हैं?
  • इसबगोल से जुड़ी चेतावनियां और सुझाव क्या हैं?
  • सत इसबगोल का प्राइस क्या है?
  • सत इसबगोल को लेना कैसे है?

Isabgol Bhusi is Herbal Ayurvedic medicine. It is indicated in chronic constipation, temporary constipation due to illness or pregnancy, irritable bowel syndrome, constipation related to duodenal ulcer or diverticulitis and for stool softening in the case of hemorrhoids, or after anorectal surgery. It is bulk-forming laxative used therapeutically for restoring and maintaining bowel regularity. Isabgol is also used as a dietary supplement in the management of hypercholesterolaemia, to reduce the risk of coronary heart disease and reduce the increase in blood sugar levels after eating. It is used in short-term for symptomatic treatment of diarrhoea.  It has expectorant, antitussive and diuretic and laxative action.  Isabgol should not be used by patients with faecal impaction, undiagnosed abdominal symptoms, abdominal pain, nausea or vomiting unless advised by their health-care provider and in patients with constrictions of the gastrointestinal tract, potential or existing intestinal blockage, megacolon, diabetes mellitus that is difficult to regulate, or known hypersensitivity to the seed coats.

Bulking agents may diminish the absorption of some minerals (calcium, magnesium, copper and zinc), vitamins (B12), cardiac glycosides and coumarin derivatives.

Isabgol should be taken with adequate volumes of fluid. Products should never be taken orally in dried powder form owing to possibility of causing bowel or oesophageal obstruction.

Here is given more about this medicine, such as indication/therapeutic uses, Key Ingredients and dosage in Hindi language.

  • दवा का नाम: Sat Isabgol Psyllium Husk
  • निर्माता: The Sidhpur Sat- Isabgol Factory from Sidhpur, Gujarat, India
  • Botanical name: प्लान्टागो ओवाटा या प्लान्टागो इसाबगुला Plantago ovata, P। isabgula
  • Common name: Psyllium husk, Ishadgola, Psyllium, Blonde Ispaghula, Ispaghula, Isabgol
  • उपलब्धता: यह ऑनलाइन और दुकानों में उपलब्ध है।
  • दवाई का प्रकार: हर्बल
  • मुख्य उपयोग: कब्ज़, दस्त
  • मुख्य गुण: विरेचन, बल्क लेक्सेटिव
  • रासायनिक संरचना: फाइबर
  • गर्भावस्था में प्रयोग: कर सकते हैं

मूल्य MRP:

  • Sat Isabgol Psyllium Husk 50 gram Rs 60.00
  • Sat Isabgol Psyllium Husk 100 gram Price Rs 100.00
  • Sat Isabgol Psyllium Husk 200 gram Rs 190.00

इसबगोल क्या होता है?

ईसबगोल (Isabgol) का पौधा प्लांटैगो ओवाटा, मरुस्थलीय क्षेत्रों में जहाँ कम बारिश होती है वहाँ पाए जाते हैं। यह भारत के कुछ हिस्सों में, मालबा एवं सिंध, अरब की खाड़ी, और पर्शिया में पाया जाता है। यह एक प्रकार की झाड़ी है जिसके पत्ते धान के पत्तों जैसे और डालियाँ पतली होती हैं।

डालियों के सिरे पर गेंहू जैसी बालें लगती है जिनमें बीज रहते हैं। बीज छोटे-छोटे नोकाकृति के होते हैं । यह कुछ बादामी रंग के होते हैं । प्रत्येक बीज के ऊपर एक पतला श्वेत वर्ण का आवरण होता है जिसे औषधीय प्रयोग के लिए अलग कर लिया जाता है। इसी को ईसबगोल की भूसी कहा जाता है और प्रायः कब्ज़ से आराम पाने के लिए प्रयोग किया जाता है। यूनानी में इसे मिज़ाज में शीतल और तर माना जाता है।

इसबगोल के घटक | Ingredients of Isabgol Bhusi in Hindi

Isabgol Husk

इसाबोल, जिसे साइलीयम भी कहा जाता है, प्लांटैगो ओवाटा के बीज से प्राप्त होता है।

औषधीय गुण

  • कोलेस्ट्रोल कम करना Antihypercholesterolaemic
  • पित्तहर एंटासिड antacid
  • दस्त रोकने वाला Antidiarrhoeal
  • भूख कम करने वाला
  • मूत्रवर्धक diuretic
  • विरेचक laxative

इसबगोल के फायदे, लाभ | Benefits of Isabgol Bhusi in Hindi

  • इरीटेबल बाउल सिंड्रोम IBS में यह अच्छे परिणाम देता है।
  • इसका सेवन कोलेस्ट्रॉल और लिपिड को कम करता है।
  • इसके सेवन से आंत स्वस्थ होती हैं।
  • इसमें प्राकृतिक जेलैटिनस पदार्थ है।
  • इसमें फाइबर में बहुत अधिक है।
  • एक प्रयोग में देखा गया की २ महीने तक इसका सेवन रक्त में बढ़े हुए यूरिया hyperuremia को करीब 19% कम करता है।
  • डाइटरी सप्लीमेंट के तरह तक इसका ६ महीने तक सेवन ब्लड प्रेशर को कम करता है और कोरोनरी हार्ट डिजीज से बचाव करता है।
  • यह आंत से स्टूल को आगे पारित होने में मदद करता है और आंत्र आंदोलन को बढ़ावा देता है।
  • यह आंतों की दीवार के अंदर उचित स्नेहन प्रदान करता है।
  • यह आंतों में बैक्टीरिया और अन्य हानिकारक विषाक्त पदार्थों को अवशोषित करता है।
  • यह उच्च स्तर कोलेस्ट्रॉल को कम करने में सहायक है ।
  • यह गुण में विरेचक है।
  • यह ग्लूटेन फ्री होता है।
  • यह डायबिटीज में लाभप्रद है। रात में इसका सेवन, फास्टिंग शुगर को कण्ट्रोल करता है।
  • यह पानी को सोखने के बाद जेल बन कर फूल जाता है।
  • यह पुराने कब्ज़ में स्टूल की फ्रीक्वेंसी और आउटपुट को नियंत्रित करता है।
  • यह फाइबर का अच्छा स्रोत है।
  • यह बवासीर, मल के सख्त होने और बहुत अधिक प्यास में लगने प्रभावी है।
  • यह मुख्य रूप से इसके विरेचक गुणों के कारण कब्ज़ के उपचार में प्रयोग किया जाता है।
  • यह शरीर के वजन को कम करने में फायदेमंद भी है।
  • यह समस्याएं कब्ज़, फिस्टुला और जैसी बीमारियों पर नियंत्रण में भी उपयोगी है।
  • यह सूजन को कम करता है।

इसबगोल के चिकित्सीय उपयोग | Uses of Isabgol Bhusi in Hindi

इसबगोल का मुख्य गुण मूत्रल और विरेचक है। यह हाइग्रोस्कोपिक है, और आंत से पानी को अवशोषित करता है । आयुर्वेद में इसे शीतल, शांतिदायक, और दस्त को साफ़ करने वाला कहा गया है। यह मल को आंत से दूर करने में सहायता करता है जिससे पेट के मरोड़, दर्द, मलावरोध से आराम मिलता है। पेचिश, अतिसार तथा आंतो के घाव में भी यह उपयोगी है।

ईसबगोल की भूसी का सेवन निम्न रोगों में लाभप्रद है:

  • आंतो को साफ़ करने के लिए
  • इरीटेबल बाउल सिंड्रोम
  • कब्ज़, बवासीर
  • कोलेस्ट्रोल की अधिकता
  • डायबिटीज
  • पाइल्स, गुदा में दरारें
  • पित्त की अधिकता
  • पेचिश, अतिसार, लूज़ मोशन
  • फास्टिंग शुगर ज्यादा होना
  • बहुत प्यास लगना
  • मधुमेह, शुक्रमेह
  • वज़न कम करना
  • शरीर में अधिक गर्मी
  • शरीर में यूरिया की अधिकता
  • स्वप्नदोष

इसबगोल की सेवन विधि, खुराक और मात्रा | Dosage of Isabgol Bhusi in Hindi

ईसबगोल की भूसी को 5-10 ग्राम की मात्रा में एक गिलास पानी / दही / दूध के साथ मिला कर लेने चाहिए।

इसबगोल के इस्तेमाल में सावधनियाँ | Cautions in Hindi

  • इसके सेवन के दौरान पानी प्रयाप्त मात्रा में लेना ज़रूरी है।
  • इसे हमेशा 1 गिलास पानी या इतनी ही मात्रा के तरल के साथ लें।
  • इसे किसी भी दवा के सेवन के 1 घंटे बाद लें।
  • इसे लेट कर न लें।
  • उचित खुराक उपयोगकर्ता की उम्र, स्वास्थ्य और कई अन्य स्थितियों जैसे कई कारकों पर निर्भर करती है। उचित खुराक निर्धारित करने के लिए पर्याप्त वैज्ञानिक जानकारी नहीं है।
  • ध्यान रखें कि प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित हों ऐसा जरूरी नहीं हैं।

इसबगोल के नुकसान | Side effects in Hindi

  • निर्धारित खुराक में कभी कभी लेने से इसका कोई दुष्प्रभाव नहीं है।
  • इसमें फाइबर की उच्च मात्रा है जिससे पेट फूलना, गैस अधिक बनना, और फाइबर की अधिकता के अन्य लक्षण हो सकते हैं।
  • कुछ दवाओं का अवशोषण इसके सेवन से कम हो सकता है।
  • लगातार लेने से भूख कम हो सकती है, पेट में भारीपन लगता है और पेट भरा हुआ सा लगता है।
  • मुर्गियों पर किये गए प्रयोग दिखाते हैं इसका नियमित डाइट के साथ सेवन बढ़वार को कम करता है।
  • इसे छोटे बच्चों को न दें।
  • कुछ मामलों में इससे पेट में मरोड़ हो सकती है।
  • यदि इसे कम पानी के साथ लेते हैं तो निगलने में दिक्कत हो सकती है।

इसबगोल को कब प्रयोग न करें | Contraindications in Hindi

  • अगर साईलियम से एलर्जी हो तो इसे न लें।
  • पानी की कमी है, डिहाइड्रेशन है तो इसे नहीं लें।
  • ज्यादा मात्रा में या शरीर में पानी की कमी होने पर देने से यह गले या आंत को चोक कर सकता है।
  • समस्या अधिक है, तो डॉक्टर की राय प्राप्तकर सही उपचार कराएं जिससे रोग बिगड़े नहीं।
  • एपेंडिसाइटिस में इसे बिना डॉक्टर की सलाह के नहीं लें।
  • इसबगोल को संभावित या मौजूदा आंतों के अवरोध, मेगाकोलन, अनियंत्रित डायबिटीज, या ज्ञात अतिसंवेदनशीलता होने पर नहीं लिया जाना चाहिए।

भंडारण निर्देश

  • सूखी जगह में स्टोर करें।
  • इसे बच्चों की पहुँच से दूर रखें।

इसबगोल के बारे में पूछे जाने वाले कुछ सवाल

क्या इस दवा को एलोपैथिक दवाओं के साथ ले सकते हैं?

हाँ, ले सकते हैं। लेकिन दवाओं के सेवन में कुछ घंटों का गैप रखें।

क्या इसबगोल को होम्योपैथिक दवा के साथ ले सकते हैं?

ले सकते हैं।

इसबगोल को कितनी बार लेना है?

कब्ज़ में इसे दिन में एक बार लेना चाहिए।

क्या दवा की अधिकता नुकसान कर सकती है?

दवाओं को सही मात्रा में लिया जाना चाहिए। ज्यादा मात्रा में दवा का सेवन साइड इफेक्ट्स कर सकता है।

क्या इसबगोल सुरक्षित है?

हां, सिफारिश की खुराक में लेने के लिए सुरक्षित है।

इसबगोल का मुख्य संकेत क्या है?

कब्ज़।

कब्ज़ में इसबगोल की भूसी को कैसे लेना चाहिए?

  • कब्ज़ में रोज रात को 5 से 10 ग्राम ईसबगोल की भूसी दूध / दही / पानी में मिलाकर खाने से फायदा होता है।
  • एक गिलास पानी में 1 से 2 चम्मच ईसबगोल की भूसी को मिलाएं और पी जाएँ।
  • यह बात ध्यान रखने योग्य है, इसे कभी भी सूखा नहीं लिया जाना चाहिए। इसे हमेशा पर्याप्त मात्रा में तरल के साथ लिया जाना चाहिए। बच्चों को यह बहुत ही कम मात्रा में और २ साल तक के बच्चों को तो नहीं ही दिया जाना चाहिए।
  • हल्की कब्ज़ में इसे दो से पांच दिन तक ले सकते हैं।
  • पुरानी कब्ज़ है तो इसे कुछ सप्ताह लेकर देखें और साथ ही डाइट में बदलाव लायें। सलाद, फल और सब्जी अधिक खाएं।

क्या दस्त में इसबगोल लेना चाहिए?

  • हाँ, यह दस्त में भी उपयोगी है। यह पतले स्टूल को कठोर करता है।
  • दस्त के दौरान दही के साथ मिला कर इसे लेना चाहिए। डीएसटी में इसे दिन में दो बार लेना चाहिए।
  • दस्त में इसे दो से पांच दिन लें।

क्या इसे नोक्टर्नल फाल/नाईटफल/स्वप्नदोष में लेना चाहिए?

  • हाँ, इसे लेने से लाभ हो सकता है। इससे कब्ज़ दूर होती है और साथ इसका शरीर पर शीतलन प्रभाव होता है।
  • इसका एक दो चम्मच, पानी में मिलाकर सोने से पहले लें। ऐसा तीन महीने तक करें।

क्या इसमें गैर-हर्बल सामग्री शामिल है?

नहीं।

मैं यह दवा कब तक ले सकता हूँ?

कब्ज़ की परेशानी हो तो इसे रात में सोने से पहले ले लें।

इसबगोल लेने का सबसे अच्छा समय क्या है?

इसे रात में सोने से पहले लें।

क्या इसबगोल एक आदत बनाने वाली दवा है?

नहीं।

क्या यह दिमाग की अलर्टनेस पर असर डालती है?

नहीं।

क्या इसबगोल लेने के दौरान ड्राइव करने के लिए सुरक्षित है?

हाँ।

क्या मैं इसे पीरियड्स के दौरान ले सकती हूँ?

इसे लिया जा सकता है।

क्या एक मधुमेह व्यक्ति इसे ले सकता है?

हाँ, यदि शुगर नियंत्रित है तो।

क्या इसे बच्चों को दे सकते हैं?

7 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों के लिए, आप इस दवा को कम मात्रा में दे सकते हैं। लेकिन सही स्वास्थ्य समस्या और सही खुराक जानने के लिए चिकित्सक की सलाह लेनी ज़रूरी है।

क्या गर्भावस्था में इसे ले सकती हूँ?

हाँ। गर्भावस्था और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान इसका सेवन पूरी तरह से सुरक्षित है। यह एक बल्क लेक्सेटिव है जो शरीर में अवशोषित नहीं होता और स्टूल के रास्ते शरीर से बाहर निकाल दिया जाता है। इसके सेवन से फ़ीटस पर कोई बुरा असर नहीं होता।

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