शालपर्णी का प्रमुख गुण शरीर से दर्द और सूजन को दूर करना है। इसका प्रयोग शरीर में सूजन, बुखार के कारण मानसिक खराबी, वात, प्रमेह, पाइल्स, खांसी, त्रिदोष, प्यास, अतिसार, उलटी, पीठ में दर्द, मुंह के चाल, एक्जिमा आदि में किया जाता है। शालपर्णी, आंतो को संकुचित करता है। यह पेचिश में लाभकारी है। इसका विभिन्न प्रकार से सेवन शरीर में वात को संतुलित करता है। दवा के रूप में प्रयोग करने के लिए शालपर्णी की जड़ और पत्तों का उपयोग होता है।
सरवन, स्थिरा, सौम्या, दीर्घमूल, अंशुमती, कौशाम्बी, एकमूला आदि शालपर्णी के कुछ प्रमुख संस्कृत नाम हैं। यह आयुर्वेद की एक बहुत ही महत्वपूर्ण औषधीय वनस्पति है। यह दशमूल की दस जड़ों में से एक है। दशमूल को शरीर में दर्द तथा सूजन को दूर करने के लिए प्रयोग किया जाता है। प्रसव के बाद दशमूल क्वाथ या दशमूलारिष्ट का प्रयोग शरीर को ताकत देता है और शरीर में होने वाली सभी दिक्कतों को दूर करता है। यह बुखार, कमजोरी, सूजन और दर्द को दूर कर स्वास्थ्य को बेहतर करता है।
शालपर्णी का प्रमुख गुण शरीर से दर्द और सूजन को दूर करना है। इसका प्रयोग शरीर में सूजन, बुखार के कारण मानसिक खराबी, वात, प्रमेह, पाइल्स, खांसी, त्रिदोष, प्यास, अतिसार, उलटी, पीठ में दर्द, मुंह के चाल, एक्जिमा आदि में किया जाता है। शालपर्णी, आंतो को संकुचित करता है। यह पेचिश में लाभकारी है। इसका विभिन्न प्रकार से सेवन शरीर में वात को संतुलित करता है। दवा के रूप में प्रयोग करने के लिए शालपर्णी की जड़ और पत्तों का उपयोग होता है।
शालपर्णी का क्षुप पूरे भारतवर्ष में पानी के किनारे वाली जगहों पर उगता है। इसकी झाडी एक से चार फुट की ऊंचाई वाली होती है। इसके पत्ते लम्बे, मरोड़दार नोक वाले तथा पुष्प गुलाबी-बैंगनी रंग के होते हैं। पत्तों का आकार देखने में, काठियावाड़ी घोड़े के कान के जैसा समझा जा सकता है। इसके पुष्प देखने में मनमोहक होते हैं इसलिए इसे अंशुमती के नाम से भी जाना जाता है। इसके बीज फलियों में होते हैं जो की पतली, चपटी, लम्बी, नोकदार और संधियों वाली होती हैं। हर संधि में एक बीज होता है।
Vernacular names/Synonyms
- Latin name: Desmodium gangeticum,
- Synonym: Hedysarum gangeticum L.
- Hedysarum maculatum L।
- Meibomia gangetica (L.) Kuntze.
- Ayurvedic name: Salparni, Salaparni, Shaliparni, Shalparni, Shalparnih, Sthira, Somya, Guha, Triparni,
- Vidarigandha, Anshumati
- Hindi: Sarivan
- English: Ticktrefoil
- Assam: Biyanisaawata
- Bengali: Salpani
- Maharahtra, Satpura, Gujarat and Konkan: Salvan / Salwan, Shaalwan
- Kannada: Murelchonne
- Oriya: Saloporni
- Punjabi: Shalpurni
- Malayalam: Moovila
- Telugu: Kolakuponna, Nakkotokaponna, Kolaponna, Gitanaram
- Tamil Nadu: Pulladi, Sirupulladi Moovilai, Orilai
- Urdu: Shalwan
आयुर्वेदिक गुण और कर्म
आयुर्वेद में शालपर्णी को तिक्त-मधुर रस, पचने में भारी, तासीर में गर्म, और मधुर विपाक है। यह एक रसायन है जो शरीर को ताकत देता है। इसे स्थिरा भी कहते हैं क्योंकि यह आयु को स्थिर रखने वाला रसायन है तथा इसके पौधे बहुत समय तक एक जैसे रहते हैं। इसकी जड़ जो की बहुत अधिक प्रयोग की जाती है बहुत लम्बी होती है और इस कारण यह दीर्घमूल भी कहलाती है।
- रस (taste on tongue): मधुर, तिक्त ()
- गुण (Pharmacological Action): गुरु
- वीर्य (Potency): उष्ण
- विपाक (transformed state after digestion): मधुर
- शालपर्णी का शरीर में प्रभाव
- बल्य – बल की वृद्धि करना
- त्रिदोषहर – वात, पित्त और कफ का संतुलन करना
- वृष्य – वीर्य की वृद्धि करना
- अंगामर्दाप्रशामन – दर्द को दूर करना
- सुख प्रसवकर – प्रसव को आराम से कराने वाली
- सर्वदोषहर – सभी दोषों को दूर करने वाली
- वातदोषजित – वात दोष को दूर करना
- रसायन – टॉनिक
- क्रिमिघ्न – कृमि नाशक
महत्वपूर्ण आयुर्वेदिक दवाएं
- दशमूल तथा दशमूल का प्रयोग कर बनाई गई सभी दवाएं
- अमृतारिष्ट Amritarishtha
- धनवंत्रा तेल Dhanvantara Taila
- इन्दुकांत घी Indukanta Ghrita
- रसनादी काढ़ा Rasnadi Kwath तथा अन्य बहुत सी दवाएं
शालपर्णी को बाह्य तथा आंतरिक दोनों ही तरह से प्रयोग किया जाता है। शालपर्णी के पत्ते तथा जड़ मुख्य रूप से प्रयोग होते हैं। रक्त दोषों में शालपर्णी के पत्ते और जड़ का काढ़ा, काली मिर्च के साथ होता है। चमड़ी में सूजन के साथ होने वाले बुखार में यह अत्यंत लाभकारी है। शालपर्णी, बला, सोंठ, बेल की गिरी, धनिया का क्वाथ, पेट में अफारा, गैस, दर्द, ग्रहणी में बहुत असरकारी माना गया है। वात के कारण होने वाले अधिक ज्वर में शालपर्णी, दाख, अनंतमूल, और गिलोय का काढ़ा अत्यंत लाभकारी है।
Nishoth kise kahte hain
http://www.bimbim.in/herbs/nishoth/2631
नमस्कारम्
मैं नेपालसे हूं ।
हमे श्वेत निशोथ के बिज चाहिए , उपलब्ध करा सकते हैं ?