गोंद कतीरा, में बुखार कम करने के, विरेचक, और सेडेटिव गुण होते हैं। इस गोंद को कब्ज़, कफ, डाइरिया, डीसेनट्री, बुखार, फिस्चुला, नीद न आना, नर्वसनेस आदि में दिया जाता है।
गोंद कतीरा पेड़ से निकाला जाने वाला गोंद है। इसका कांटेदार पेड़ भारत में गर्म पथरीले क्षेत्रों में पाया जाता है। इसकी छाल काटने और टहनियों से जो तरल निकलता है वही जम कर सफ़ेद पीला हो जाता है और पेड़ की गोंद कहलाता है।
गोंद कतीरा क्या होता है
- कतीरा स्वाद में फीका होता है। यह तासीर में ठंडा तथा रूखा करने वाला होता है। यह खून को गाढ़ा करता है। यह रक्तस्राव, खांसी, दस्त, सुजाक, पथरी, मूत्र में रूकावट में लाभकारी है।
- कतीरा का प्रयोग आंतरिक और बाह्य दोनों रूप से दवा की तरह किया जाता है। बाह्य रूप से इसका लेप किया जाता है। आंतरिक रूप से प्रयोग के लिए इसे ३-७ ग्राम की मात्रा में लिया जाता है।
- देशी कतीरा गोंद को अंग्रजी में हॉग-गम Hog-Gum कहा जाता है।
- एक और गोंद गम-ट्रागाकैंथ Gum Tragacanth विदेशी कतीरा है जो की एक अन्य पेड़ एस्ट्रागैलस गमिफ़र Astragalus gummifer जो की एशिया-माईनर, ईरान, सीरिया, रूस आदि में पाया जाता है, से प्राप्त किया जाता है।
- देसी कतीरा गोंद को काक्लोस्पर्मम रेलिजिओसम Cochlospermum religiosum (Synonym Bombax gossypium L., C. gossypium (L.) DC., Maximilianea gossypium (L.) Kuntze.), Cotton tree से प्राप्त किया जाता है।
गोंद कतीरा का पेड़ की जानकारी
देसी कतीरा के पेड़ के अन्य नाम हैं:
- हिंदी: पीली कपास
- English: Golden Silk tree, White
- Silk Cotton tree गोल्डन सिल्क तरी, वाइट सिल्क कॉटन ट्री
- यूनानी Unani: Samagh, कतीरा (substitute for gum tragacanth)
- Siddha/Tamil: Tanaku
कतीरा गोंद, में बुखार कम करने के, विरेचक, और सेडेटिव गुण होते हैं। इस गोंद को कब्ज़, कफ, डाइरिया, डीसेनट्री, बुखार, फिस्चुला, नीद न आना, नर्वसनेस आदि में दिया जाता है।
कतीरा के चिकित्सीय प्रयोग Medicinal Uses of Katira Gum
कतीरा शरीर में खून को गाढ़ा करता है। यह फेफड़ों के जख्मों को ठीक करता है। यह आंतो में खराश को कम करता है। यह ग्राही, कटु, और शीतवीर्य है। यह शरीर को ठंडक पहुचता है। गर्मियों में इसका सेवन लाभप्रद होता है।
- पेचिश, दस्त diarrhea
- गोंद को दही के साथ दिया जाता है।
- स्वप्नदोष nightfall, nocturnal emission
स्वप्नदोष के लिए, करीब ६ ग्राम कतीरा गोंद, रात को एक कप पानी में भिगा दी जाती है। रात भर में यह गोंद फूल जाता है जिसमे मिश्री १२ ग्राम मिलाकर खाया जाता है। १०-१५ दिन तक इसके सेवन से स्वप्न दोष में लाभ होता है।
गोंद कतीरा के उपाय
- लिकोरिया/सफ़ेद पानी leucorrhoea
- कतीरा गोंद को पानी में पानी में भिगो दें और फूल जाने पर खाएं।
- शरीर में बहुत अधिक गर्मी, जलन burning sensation, problems due to excess heat in body, during summers
- गोंद का सेवन लाभप्रद है।
- रक्तस्राव bleeding disorders
- कतीरा गोंड को बकरी के दूध के साथ देने से लाभ होता है।
- खुजली, खसरा itching
- कतीरा गोंद को गंधक के साथ मिला कर लेप किया जाता है।
- चेहरे की झाई : गोंद का लेप चेहरे पर करने झाईं दूर होती है।
- जलने पर : गोंद का लेप किया किया जाता है।
यह तासीर में ठंडा है, इसलिए गर्मी में इसका सेवन करें। सर्दी में सेवन उचित नहीं माना जाता।