अखरोट (akhrot) को आयुर्वेद में अक्षोट, अक्षोत, शैलभावपीलू, और कर्पराल कहते हैं। अखरोट की न केवल गिरी, बल्कि पत्ते, जड, टहनी सभी चिकित्सीय दृष्टि से उपयोगी हैं।
अखरोट (akhrot) का पेड़, भारत में कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, मणिपुर, खासी हिल्स में ९०० मीटर से लेकर ३३०० मीटर की ऊंचाई तक पाया जाता है। यह अफगानिस्तान, ईरान, और चीन में भी पाया जाता है। अखरोट का पेड़ ६०-१०० फीट ऊंचा होता है। इसके पत्ते, छाल, सूखी गिरी, तेल का पारम्परिक चिकित्सा में उपयोग किया जाता है। Read in English here about Walnut Health Benefits.
अखरोट क्या है? What is akhrot in Hindi?
अखरोट को आयुर्वेद में अक्षोट, अक्षोत, शैलभावपीलू, और कर्पराल कहते हैं। इसका लैटिन में नाम जुग्लांस रेजिया है। इंग्लिश में इसे वालनट walnut कहा जाता है। अखरोट की न केवल गिरी, बल्कि पत्ते, जड, टहनी सभी चिकित्सीय दृष्टि से उपयोगी हैं। इसके पत्ते पौष्टिक और संकोचन astringent करने वाले होते हैं। छिलका कृमिनाशक anthelmintic होता है। अखरोट की गिरी से निकला तेल Walnut oil, भी खाने योग्य होता है। इस तेल में कोलेस्ट्रोल नहीं होता।
अखरोट की गिरी से तो सभी परिचित हैं। यह देखने में दिमाग जैसी होती है और यह दिमाग के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
अखरोट कैलोरीज से भरपूर मेवा है और खनिजों, विटामिनो और वसा का अच्छा स्रोत है। इसकी गिरी में 15 प्रतिशत प्रोटीन, 11 प्रतिशत कार्बोहायड्रेट, और 1.8 प्रतिशत मिनरल जैसे की सोडियम, पोटासियम, फॉस्फोरस, सल्फर, कैल्शियम, मैग्नीशियम, आयरन, कॉपर, आदि पाए जाते हैं। अखरोट में आयोडीन, मैंगनीज, और जिंक भी पाया जाता है। इसमें ओमेगा-३ फैटी एसिड्स और अल्फा-लिनोलेनिक एसिड भी होता है। तासीर में यह गर्म होता है इसलिए सर्दियों में इसका प्रयोग विशेष रूप से किया जाता है।
यूनानी मत के अनुसार, अखरोट गिरी बादाम से अधिक गर्म है तथा भींगने से हुई सर्दी में लाभदायक है।
अखरोट के अन्य नाम | Vernacular names of Wallnut in Hindi
- लैटिन नाम: Juglans regia Linn.
- परिवार: Juglandaceae
- Ayurvedic: Akshoda, Akshodaka, Akshota, Shailbhava, Pilu, Karparaal, Vrantphala
- Unani: Akhrot
- Siddha: Akrottu
- English: Walnut
- Persia: Charmaghy
- Afganisthan: Jawz-i-rumi
- Turky: Joz, Goz
- Assamese: Akalbasing
- Bengali: Aakharotu
- English: Walnut
- Gujrati: Akharoda
- Hindi: Akhrot, Akharot
- Kannada: Akrod pappu
अखरोट की गिरी के आयुर्वेदिक गुण और कर्म
अखरोट को आयुर्वेद में स्निग्ध oily, पचने में भारी, वीर्यवर्धक, बलवर्धक, धातुवर्धक, और दस्तावर माना गया है। यह प्रकृति में गर्म है और सर्दियों में विशेष रूप से उपयोगी है। यह वात रोगों, आमवात, दिमागी कमजोरी, बालों के झड़ने, योनी दुर्बलता, इनफर्टिलिटी के उपचार में लाभप्रद है।
- रस (taste on tongue): मधुर
- गुण (Pharmacological Action): गुरु, सार, स्निग्ध
- वीर्य (Potency): उष्ण
- विपाक (transformed state after digestion): मधुर
- कर्म:
- वात को दूर करने वाला
- कफ-पित्त कारक
- शुक्र धातु की वृद्धि करने वाला
- बल्य, वृष्य, दीपन
- हृदय और मेद्य/मस्तिष्क के लिए टॉनिक
- वाजीकारक
अखरोट की औषधीय मात्रा: गिरी १२-२४ ग्राम। अखरोट का तेल ३-१० ग्राम।
अखरोट के फायदे | Health Benefits of Walnut in Hindi
अखरोट खाने के अनेक फायदे है। इसका सेवन कफ, कब्ज़ constipation, बार-बार पेशाब आना frequent urination, इनफर्टिलिटी infertility, सेक्सुअल डिसफंक्शन sexual dysfunction और इम्पोटेंस impotence को दूर करता है। यह दिमागी ताकत बढ़ाता है। इसमें ओमेगा ३ एसेंशियल फैटी एसिड्स होते हैं जो की हृदय के लिए अच्छे होते हैं। अखरोट शरीर में सूजन कम करता है। वात रोग जैसे की पीठ में दर्द, आर्थराइटिस, कमर में दर्द, जोड़ों में दर्द को दूर करता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट इलागिक एसिड ellagic acid होता है जो की इम्युनिटी को बढ़ाता है।
अखरोट का नित्य प्रयोग शारीरिक और मानसिक शक्ति को बढ़ाता है।
शारीरिक बल, स्वास्थ्य और दिमागी ताकत को बढ़ाने के लिए, रोजाना अखरोट (२ गिरी), को चार बादाम के साथ चबाकर खाना चाहिए और ऊपर से १ गिला मिश्री युक्त दूध पीना चाहिए।
सर्दियों में दो अखरोट शहद के साथ खाने चाहिए।
यह वात रोगों के उपचार में लाभदायक है। अखरोट की २-३ गिरियाँ, सुबह खाली पेट खाने से कमरदर्द, घुटनों के दर्द, पीठ के दर्द से राहत मिलती है।
वज़न बढ़ाने के लिए दुबले-पतले, लोगों को सुबह अखरोट, बादाम, किशमिश, का सेवन करना चाहिए।
इसके सेवन से फर्टिलिटी बढती है। यह वीर्य को बढ़ाता है। वीर्य Semen बढ़ाने के लिए, अखरोट की १०-२० ग्राम गिरी को पीस कर दूध में मिलाकर लेना चाहिए।
यौन दुर्बलता में अखरोट की गिरी ५ ग्राम, मुनक्का ५ ग्राम और छुहारा ५ ग्राम मिलाकर खाने से लाभ होता है।
शरीर में सूजन होने पर, गो-मूत्र में १० ग्राम अखरोट तेल मिलाकर पीने से सूजन उतर जाती है।
यह दिल के लिए एक टॉनिक है। अखरोट के सेवन से शरीर में बुरा कोलेस्ट्रोल कम होता है जबकि अच्छा कोलेस्ट्रोल बढ़ता है।
बाल गिर रहे हों तो इसे खाने से लाभ होता है।
बच्चे बिस्तर गीला करते हो तो अखरोट की १ गिरी को थोड़ी किशमिश के साथ रोजाना सोने से पहले दें। ऐसा एक महीने तक करें।
दूध पिलाने वाली माताओं द्वारा इसका सेवन दूध की वृद्धि करता है तथा माँ को भी ताकत देता है।
बच्चों द्वारा इसका नियमित सेवन अच्छे विकास में सहयोग करता है।
यदि स्मरणशक्ति कम हो रही हो तो नियमित इसका सेवन बहुत लाभकारी है।
कब्ज़ होने पर अखरोट का तेल दूध में मिलाकर पीने से पेट साफ़ होता है और कब्ज़ दूर होती है। यह आँतों को मुलायम बनाता है।
यह वसा, फाइबर, और प्रोटीन का अच्छा स्रोत है तथा इसमें कोई कोलेस्ट्रोल नहीं होता।
अखरोट के अन्य औषधीय प्रयोग | Medicinal Uses of Wallnut in Hindi
- अखरोट के कच्चे फल का जूस, थाइरोइड होर्मोनेस को बढ़ाता है।
- अखरोट के फल के छिलके को रिंग वर्म पर लगाते हैं।
- मुंह के लकवे में इसके तेल की मालिश से लाभ होता है।
- अखरोट की पत्तियों का काढ़ा, शरीर में कोलेस्ट्रोल को कम करता है। इसके काढ़े से आँखे धोने से नेत्र रोगों में लाभ होता है।
- अखरोट की पत्तियों को त्वचा विकारों में बाहरी रूप से लगाया जाता है। एक्जिमा में पत्तों का रस लगाने पर बहुत फायदा होता है। अखरोट की जड़ें और टहनी दांत रोगों में प्रयोग की जाती हैं। जड़ों को चबाने से दांत रोग दूर होते है और दांत हिलते नहीं हैं।
- अखरोट की गुठली या छिलके की भस्म को दन्तमंजन में डालते हैं। ब्लीडिंग पाइल्स में इस भस्म का सेवन ब्लीडिंग को रोकता है।
- अखरोट के छिलके के बारीक़ पाउडर को त्वचा को एक्सफोलीएट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
- चमड़ी के रोगों में फल के छिलके का पेस्ट बाह्य रूप से लगाया जाता है।
- जड़ों को चन्दन की तरह घिस कर घाव पर भी लगाया जाता है।
- अखरोट का तेल बालों में लगाया जाता है।
अखरोट के सेवन की सावधानियां
- अखरोट में कैलोरी अधिक होती है।
- यह तासीर में गर्म है।
- गर्म प्रकृतिवालों का इसका सेवन सावधानी से करना चाहिए।
- कुछ लोगों में अखरोट का सेवन एलर्जिक रिएक्शन कर सकता है।
- इसमें कुछ मात्रा में ओक्ज़लेट होता है। इसलिए जिन्हें ओक्ज़लेट किडनी-स्टोन हो, वे इसका बहुत मात्रा में सेवन न करे।
tnks
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